तौक्ते चक्रवात से भटका ‘ओएनजीसी’ का बार्ज डूबा

  • ९६ लापता, नौसेना ने ३१४ को सुरक्षित बाहर निकाला
  • पीपावाव के करीब ‘ओएनजीसी’ के अन्य दो जहाज़ों पर ३०० लोग फंसे हैं और भारतीय नौसेना एवं तटरक्षक बल द्वारा राहतकार्य जारी है

‘ओएनजीसी’मुंबई – तौक्ते चक्रवात अब शांत हुआ है फिर भी इस तूफान ने पहुँचाए नुकसान के निशान केरल से लेकर गुजरात तक के तटीय क्षेत्र पर दिखाई दे रहे हैं। इसी तौक्ते चक्रवात से भटका ‘ओएनजीसी’ का बार्ज समुद्र में डूबा। इससे पहले बार्ज पर मौजूद २७३ लोगों में से १७७ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। लेकिन, अन्य ९६ अभी तक लापता हैं और उनकी तलाश जारी है। इसके अलावा मुंबई के करीबी समुद्री क्षेत्र में फंसे अन्य कंपनी के बार्ज पर मौजूद १३७ नाविकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश कामयाब हुई। इसके अलावा गुजरात के तटीय इलाके के करीबी समुद्र में ‘ओएनजीसी’ के दो जहाज़ों पर करीबन ३०० लोग फंसे हुए हैं। इन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारतीय नौसेना एवं तटरक्षक बल ने युद्धस्तरीय राहतकार्य शुरू किया है।

तौक्ते चक्रवात ने ‘ओएनजीसी’ को बड़ा नुकसान पहुँचाया है। मुंबई और गुजरात के तटीय क्षेत्र के बीच ओएनजीसी के दो बार्ज और सागरभूषण नामक खनन जहाज़ तूफान के चलते राह से भटका। इसके अलावा ‘जीएएल कन्स्ट्रक्शन’ कंपनी का एक बार्ज भी इस तूफान के चपेट में फंसा था। इसके बाद सोमवार दोपहर के समय तीनों बार्ज और खनन जहाज़ पर फंसे करीबन ७०० लोगों को बाहर निकालने के लिए भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने ऑपरेशन शुरू किया था।

इस दौरान नौसेना के ‘आयएनस कोची’, और ‘आयएनएस कोलकाता’ यह दोनों युद्धपोत और ‘ग्रेटशिप अहिल्या’ और ‘ओशन एनर्जी’ जहाज़ के साथ नौसेना के हेलिकॉप्टर्स राहतकार्य में शामिल किए गए थे। इस दौरान ‘बॉम्बे हाय’ के करीब रास्ता भटके ‘ओएनजीसी’ के ‘पी-३०५’ नामक बार्ज पर २७३ लोग फंसे हुए थे। इन सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कड़ी कोशिश हुई। लेकिन खराब मौसम और रात के अंधेरे की वजह से कुछ देर के लिए राहतकार्य रोकना पड़ा था। सोमवर रात ११ बजे तक कुल ६० लोगों को बाहर निकाला गया था।

‘ओएनजीसी’मंगलवार की सुबह राहतकार्य फिर से शुरू किया गया और दोपहर तक इस बार्ज पर फंसे कुल १७७ लोगों को बाहर निकाला गया। लेकिन, इसके बाद इस बार्ज़ के डूबने की जानकारी सामने आ रही है। इस दौरान इस बार्ज पर मौजूद ९६ लोग अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है। दूसरी ओर मुंबई तट से ४८ समुद्री मिल दूरी पर रास्ते से भटके ‘जीएएल कंपनी’ के बार्ज पर फंसे सभी १३७ लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश कामयाब हुई। इन सभी लोगों को नौसेना के हेलिकॉप्टर्स से ‘आयएनएसशिक्रा’ अड्डे पर पहुँचाया गया। वहां पर इनकी वैद्यकीय जाँच की गई।

इसके अलावा मुंबई के न्हावा शेवा से १५२ समुद्री मील की दूरी पर गुजरात के पिपावाव बंदरगाह से ५० समुद्री मील की दूरी पर ‘ओएनजीसी’ का ‘सागर भूषण’ खनन जहाज और ‘एएस-३’ नामक बार्ज फंसे हुए थे। ‘सागर भूषण’ पर १०१ और एसएस-३ पर १९६ कर्मचारी मौजूद थे। लेकिन इन दोनों जहाजों को किसी भी तरह का खतरा नहीं है और इनके सभी कर्मचारी सुरक्षित है। इनको सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश जारी होने की बात तटरक्षक बल ने साझा की है। नौसेना ने इन कर्मचारियों को बाहर निकालने के लिए राहतकार्य में ‘आयएनएस तलवार’ की तैनाती की है।

इसके अलावा भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने तौक्ते चक्रवात के दौरान मछुआरों के कुछ ट्रॉलर्स को भी बचाया है।

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