तालिबान महीने भर में काबुल की घेराबंदी करेगा – अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा ने जताया डर

taliban-afghan-kabul-us-2वॉशिंग्टन/काबुल – अफगानिस्तान के लष्कर ने पिछले चौबीस घंटों में की कार्रवाई में तालिबान के ४३९ आतंकियों का खात्मा किया। वहीं, इन चौबीस घंटों में तालिबान ने अफगानिस्तान के तीन प्रांतों की राजधानियों पर कब्ज़ा किया है। पिछले छः दिनों में ८ प्रांतों की राजधानियाँ तालिबान के हाथ गईं होकर, यह अफगानिस्तान की सरकार समेत अमरीका के लिए भी चिंता की बात साबित होती है। तालिबान के कारनामों की रफ़्तार देखते हुए, आनेवाले महीने भर में यह आतंकवादी संगठन राजधानी काबुल को अफगानिस्तान से अलग-थलग कर देगा और अगले तीन महीनों में काबुल पर कब्जा करेगा, ऐसी चेतावनी अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा ने दी है।

काबुल पर कब्जा करने के लिए तालिबान को छह अथवा उससे भी अधिक महीनों की कालावधी लग सकती है, ऐसा अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं का कहना था। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में तालिबान को मिली सफलता पर अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने भी गंभीर चिंता ज़ाहिर की है। पिछले चौबीस घंटों में बडाखशान, फराह और कुंदूझ प्रांतों की राजधानियों पर तालिबान ने कब्ज़ा किया है। इनमें से बडाखशान और कुंदूझ प्रांतों में मिली सफलता, यह तालिबान को अब तक मिली सबसे बड़ी बढ़त मानी जाती है। यह अफगानिस्तान की गनी सरकार के लिए भी बड़ा झटका होने का दावा किया जाता है।

taliban-afghan-kabul-us-1राजधानी कुंदूझ पर कब्जा करने के बाद तालिबान के आतंकवादियों ने यहाँ के लष्करी हवाई अड्डे पर होनेवाले ‘एमआय-३५ हिंद’ इस हेलीकॉप्टर के साथ अपने फोटोग्राफ्स जारी किए है। दो साल पहले भारत ने अफगानिस्तान के लष्कर को ये हेलिकॉप्टर्स उपहार के रूप में दिए थे। कुंदूझ के संघर्ष में अफगानी जवानों ने तालिबान के आतंकियों के सामने शरणागति का स्वीकार किया होने की खबरें आ रही है। लेकिन अफगानी सरकार अथवा लष्कर ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

बडाखशान की राजधानी फैझाबाद पर तालिबान ने हासिल किए नियंत्रण के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी फौरन मझार-ए-शरीफ में दाखिल हुए हैं। तालिबान विरोधी कार्रवाई को लेकर राष्ट्राध्यक्ष गनी और अफगानिस्तान के टोली प्रमुख और इस देश के पूर्व उपराष्ट्राध्यक्ष रशिद दोस्तम के बीच यहाँ पर चर्चा होगी, ऐसी की खबरें आ रही है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने मंगलवार को किए ऐलान की पृष्ठभूमि पर, गनी और दोस्तम के बीच यह बैठक हो रही है, ऐसा दावा किया जाता है।

अफगानिस्तान से अमरीका ने की हुई तेज़ सेनावापसी के कारण तालिबान ने यह बढ़त ली है, इस पर पत्रकारों ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन का गौर फरमाया। उसपर प्रतिक्रिया देते समय, सेनावापसी के फ़ैसले का उन्हें हरगिज पश्चाताप नहीं हो रहा है, ऐसा बायडेन ने कहा। साथ ही, पिछले २० साल चल रहे संघर्ष में अमरीका ने अफगानिस्तान के संघर्ष में ट्रिलियन डॉलर्स खर्च किए, हज़ारों अमरिकी जवानों को गँवाया, इसकी याद बायडेन ने करा दी। उसीके साथ, तालिबान की तुलना में अफगानी जवानों की संख्या बड़ी होकर, वे ही तालिबान के साथ संघर्ष करें, ऐसा बायडेन ने कहा।

इस पृष्ठभूमि पर, तालिबान विरोधी कार्रवाई तीव्र करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष गनी और दोस्तम की भेंट हो रही है, ऐसा अफगानी माध्यमों का कहना है। इस संघर्ष की पृष्ठभूमि पर, राष्ट्राध्यक्ष गनी ने लष्करप्रमुख लेफ्टनंट जनरल अहमदझाई के स्थान पर जनरल हैबतुल्ला अलीझाई को नए लष्कर प्रमुख के रूप में नियुक्त किया। इसी बीच, अफगानिस्तान समेत अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित होनेवाले तालिबान के विरोध में अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय एकजुट करके तालिबान पर प्रतिबंध लगाएँ, ऐसा आवाहन अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनिफ अत्मार ने किया।

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