अफगान लष्करी अड्डे पर तालिबान का हमला – १०० से भी ज्यादा अफगान सुरक्षा अधिकारी मृत

Third World Warकाबुल: तालिबान ने अफगानिस्तान सेना के अड्डे पर किए आत्मघाती हमलें में १०० से अधिक सुरक्षा अधिकारी मागे गए है| अफगानी सुरक्षा यंत्रणा पर हुआ यह सबसे बडा हमला होने की बात मानी जा रही है| मंगलवार से अमरिका?और अफगान तालिबान के बीच कतार में बातचीत शुरू हो रही है| इसके पहले ही तालिबान के एक गुट ने यह हमला करके शाति चर्चा को झटका देने की कोशिश की है, यह दावा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक कर रहे है| इस दौरान अफगानिस्तान के दुश्मन इस आतंकी हमले के पिछे होने का आरोप अफगान राष्ट्राध्यक्ष ने किया है|

अफगानिस्तान के पूर्व में मैदान वारदाक प्रांत के ‘मैदान शहर’ के ‘नैशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्युरिटी’ (एनडीएस) के लष्करी अड्डे पर सोमवार की सुबह यह हमला हुआ| अमरिकी सेना की ‘हम्वी’ मोटर से हमलावर आतंकवादियों ने इस लष्करी अड्डे में प्रवेश किया| उसके बाद गाडी से उतरे दो आतंकियों ने लष्करी अड्डे की इमारत में अंधाधुंध गोलाबारी की, तभी विस्फोटकों से भरें मोटर में बैठे आतंकी ने आत्मघाती हमला किया|

अफगान, लष्करी अड्डे, तालिबान, हमला, १००, ज्यादा, सुरक्षा अधिकारी, मृतइस हमलें में १२ लोग मारे जाने का दावा अफगान लष्कर ने किया था| लेकिन अफगान रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्थ पर दी जानकारी में इस हमले में कम से कम १२६ लोग मारे गए है, यह संभावना जताई| मारे गए लोगों में अफगान कमांडो फोर्स के आठ जवान भी शामिल है| आतंकियों की गोलाबारी में अफगान लष्कर के सैनिक भी बडी संख्या में जखमी हुए है| कुछ ही समय में तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी स्वीकारी|

अफगानिस्तान में आतंकी हमलें बढ रहे है, ऐसे में अफगानिस्तान के तालिबानी गुट ने मंगलवार से अमरिका के साथ बातचीत शुरू की है| अफगानिस्तान में तालिबान का प्रवक्ता ‘झबिबुल्लाह मुजाहिद’ ने कतार में शुरू हुई इस चर्चा की जानकारी दी| अमरिका के विशेष दूत झाल्मे खलिलजाद इस बैठक में शामिल हुए है?और अमरिका ने रखे प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, यह तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है|

कुछ ही घंटो पहले तालिबान ने लोगार प्रांत में गव्हर्नर के काफिले पर हमला किया था| इस हमले में गव्हर्नर के सात अंगरक्षक मारे गए थे| इस वजह से तालिबान में बडी तादात में मतभेद होने की बात स्पष्ट हुई है| अफगान तालिबान ने अमरिका के साथ बातचीत करने की तैयारी दिखाई है, वही तालिबान के कट्टर वादी संगठन अभी भी आतंकी कार्रवाईयां कर रही है|

इस दौरान, अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी इन्होंने तालिबान के इस हमले पर आलोचना की है| ‘अफगानिस्तान के दुश्मनों ने यह आतंकी हमला किया है’, यह कहकर गनी इन्होंने तालिबान का समर्थन कर रहे पाकिस्तान को लक्ष्य किया है| इसके पहले भी अफगान सरकार और सुरक्षा एवं गुप्तचर यंत्रणा ने तालिबान के हमलों के लिए पाकिस्तान की सेना और कुख्यात गुप्तचर यंत्रणा ‘आईएसआई’ जिम्मेदार होने के आरोप किए थे| ऐसी आतंकी संगठनों की सहायता से पाकिस्तान की अफगानिस्थान अस्थिर करने की कोशिश शुरू है, यह गंभीर आरोप गनी सरकार ने किए थे|

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