अफगानी सरकार के साथ चर्चा को तालिबान का विरोध

जकार्ता: अमरिका एवं अफगानिस्तान की सरकार ने तालिबान को लगातार शांति चर्चा का आवाहन करते हुए अन्य देशों के साथ उसके लिए पहल की है| आग्नेय आशिया के अग्रणी देश के तौर पर पहचाने जाने वाले इंडोनेशिया ने भी अफगान समस्या पर समाधान निकालने के लिए त्रिपक्षीय चर्चा का आयोजन किया है| इस चर्चा में अफगानिस्तान, पाकिस्तान एवं इंडोनेशिया के अभ्यासक तथा अन्य शामिल होने वाले हैं, ऐसी जानकारी इंडोनेशिया ने दी है| पर तालिबान ने इस चर्चा पर बहिष्कार डालकर आक्रामक धारणा कायम रखने के संकेत दिए हैं|

इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष जोको विडोडो ने जनवरी महीने में अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अशरफ गनी से काबुल में मुलाकात की थी| इस मुलाकात में तालिबान से चर्चा के मुद्दे पर चर्चा हुई थी| इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने तालिबान के साथ शांति चर्चा के लिए मध्यस्थ करने का प्रस्ताव दिया था| उसके अनुसार इस महीने के आखिर में इंडोनेशिया में बोगोर शहर में त्रिपक्षीय बैठक का आयोजन किया गया है|

इस बैठक में प्रमुख तौर पर इंडोनेशिया के उलेमा काउंसिल के प्रतिनिधि अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के धर्मगुरु शामिल होने वाले हैं और तालिबान को भी प्रतिनिधि भेजने का आवाहन किया जा रहा था| पर तालिबान ने इस चर्चा में शामिल ना होने का निर्णय लिया है और अन्य धर्मगुरु एवं अभ्यासको ने भी इंडोनेशिया के बैठक से दूर रहने का इशारा दिया है| यह बैठक अफगानिस्तान में गैरकानूनी सरकार एवं परधर्मी आक्रामक काम के अस्तित्व को मंजूरी देने का प्रयत्न का भाग है, ऐसा आरोप तालिबान से किया जा रहा है|

पर अफगानिस्तान में बैठक के लिए उपस्थित रहनेवाले ‘हाय पीस काउंसिल’ ने तालिबान के आरोप ठुकराए हैं| इंडोनेशिया की बैठक में धर्मगुरु तथा अभ्यासको में चर्चा होने वाली है और शांति एवं सुरक्षा का मार्ग और आतंकवाद का खात्मा इन मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी ऐसा खुलासा हाई पीस काउंसिल के वरिष्ठ अधिकारी शहीद एहसानुल्लाह ताहिर ने किया है| इंडोनेशिया के अधिकारियों ने तालिबान के सभी दावे ठुकराए हैं और उन्हें योग्य जानकारी नहीं मिली है, ऐसा निवेदन दिया है| तथा पाकिस्तान ने इंडोनेशिया की बैठक यह महत्त्वपूर्ण अवसर होने की बात सूचित की है|

पिछले महीने में तालिबान ने हम सीधे अमरिका से चर्चा करने के लिए तैयार होने की बात घोषित की थी| पर अमरिका ने इस बारे में स्पष्ट भूमिका लेकर तालिबान एवं अफगानिस्तान सरकार इन में चर्चा होगी ऐसा घोषित किया था| उसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अशरफ गनी ने भी तालिबान को उजागर तौर पर शांति चर्चा का प्रस्ताव दिया था| पर तालिबान ने इस प्रस्ताव पर अब तक प्रतिसाद नहीं दिया है और इसके विपरीत अन्य देशों से किए जाने वाले प्रश्नों में भी बाधा लाना शुरू किया है|

अमरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने तालिबान के साथ शांति चर्चा के लिए टाइम टेबल निश्चित न होने की बात कहकर अफगानिस्तान में शुरू होने वाले कार्यों की स्थिति ध्यान में लेकर उसमें बदलाव हो सकते हैं, ऐसे संकेत दिए हैं| अमरिका के अफगानिस्तान में वरिष्ठ अधिकारी जनरल जॉन निकोल्सन ने तालिबान में शांति चर्चा का प्रस्ताव स्वीकार करके होशियारी दिखाए ऐसे सूचक शब्दों में इशारा दिया था|

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