‘मजार-ए-शरीफ’ आतंकवादी हमले के बाद अफगानिस्तान के रक्षामंत्री और सेनाप्रमुख का इस्तीफा

काबूल, दि. २४ : तालिबानी आतंकवादियों ने ‘मजार-ए-शरीफ’ सेना के अड्डे पर किये भीषण हमले के बाद अफगानिस्तान के रक्षामंत्री तथा सेनाप्रमुख ने इस्तीफ़ें दे दिये हैं| ‘मजार-ए-शरीफ’ पर हुए हमले में, अफगानी सेना के करीब १५० जवानों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी| इस हमले पर अफगानिस्तान से कड़ी प्रतिक्रियाएँ उठने के बाद रक्षामंत्री और सेनाप्रमुख को इस्तीफा देना पड़ा है, ऐसा लग रहा है| इसी दौरान, इस आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि पर अमरीका के रक्षामंत्री जेम्स मॅटिस सोमवार के दिन अफगानिस्तान की अघोषित यात्रा पर आये हैं|

‘मजार-ए-शरीफ’शुक्रवार रात के करीब अफगानी सेना की वर्दी में आये दस तालिबानी आतंकवादियों ने ‘मजार-ए-शरीफ’ में सेना के अड्डे पर रॉकेट्स और ग्रेनेड की मदद से भारी हमला किया| इस हमले में १४० से भी अधिक अफगानी जवानों की जानें गईं| उत्तर अफगानिस्तान में तालिबानी नेता पर हुई कार्रवाई का बदला लेने के लिए यह भीषण हमला करवाया गया, ऐसा दावा तालिबान द्वारा किया गया था| पिछले महीने में तालिबान ने, राजधानी काबूल में सेना अस्पताल में किये हमले में कई लोगों की जानें गयीं थीं|

तालिबान द्वारा एक के बाद एक, सीधे सेना को लक्ष्य बनाये जाने के कारण अफगानिस्तान की जनता में तीव्र असंतोष पैदा हुआ है| सरकार, सेना और खुफिया एजन्सियाँ सुरक्षा मुहैय्या करने में नाकामयाब हो रही है, ऐसे संगीन आरोप किये जा रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर, अफगानिस्तान के रक्षामंत्री अब्दुल्लाह हबिबी और सेनाप्रमुख  कादम शाह अहमी ने इस्तीफ़ें दे दिये हैं| राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने दोनों के इस्तीफों का स्वीकार किया हैं, ऐसा निवेदन जारी किया गया है|

अफगानिस्तान में यह उथलपुथल शुरू होते समय, अमरीका के रक्षामंत्री जेम्स मॅटिस सोमवार को अफ़गानिस्तान की अघोषित यात्रा पर दाखिल हुए| मॅटिस ने राजधानी काबूल में अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष के साथ ही, रक्षामंत्रालय के तथा सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाक़ात की है, ऐसा कहा जाता है| अमरीका ने अफगानिस्तान में ‘मदर ऑफ ऑल बॉम्ब्स्’ का इस्तेमाल करने के बाद रक्षामंत्री मॅटिस पहली ही बार अफगानिस्तान में दाखिल हो रहे हैं|

अमरीका ने दिसंबर २०१४ में अफगानिस्तान से अपनी सेना मुहिम पीछे लेने का ऐलान किया था| इसके बाद तालिबान का अफगानिस्तान में प्रभुत्व लगातार बढ़ रहा हैं, साथ ही, अफगानी सेना और रक्षाएजन्सियों पर हमले बढ़ गये हैं, यह बात भी सामने आयी है|

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