तालिबान के कमांडर ने किया पाकिस्तान की ‘आयएसआय’ का पर्दाफाश

नई दिल्ली – अमरीका और तालिबान के बीच चर्चा के लिए मध्यस्थता करके पाकिस्तान ने अफ़गानिस्तान में शांति स्थापित करने का श्रेय लेने की कोशिश शुरू की है। लेकिन, आतंकवाद के स्वर्ग के तौर पर कुख्यात पाकिस्तान अभी भी भारत के खिलाफ़ आतंकवाद का इस्तेमाल करने में जुटा होने की बात नए से स्पष्ट हुई है। तालिबान का कमांडर एहसानुल्लाह एहसान ने पाकिस्तानी गुप्तचर यंत्रणा आयएसआय पर किए गंभीर आरोप इसी की साक्ष दे रही है। पाकिस्तान ने कश्‍मीर के लिए शुरू किए जिहाद में तालिबान भी शामिल हो, इसके लिए ‘आयएसआय’ वस्तुतः भीख माँग रही थी, ऐसा दावा एहसानुल्लाह ने एक लेख में किया है।

Taliban-commander-ISIअगले महीने में ‘फायनान्शियल ऐक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की बैठक होनी है। इससे पहले एहसान ने पाकिस्तान को लेकर किया खुलासा इस देश को और भी संकट में धकेलनेवाला साबित हो रहा है। जम्मू-कश्‍मीर में हो रहे आतंकी हमलों से हमारा कोई संबंध ना होने का दावा पाकिस्तान कर रहा है। उरी में हुए आतंकी हमले के बारे में भारत ने दिए सबूत भी पाकिस्तान ने ठुकराए हैं। लेकिन, तालिबान का पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान ने ‘आयएसआय’ से संबंधित साझा की हुई जानकारी पाकिस्तान के लिए सिर दर्द साबित हो सकती है।

वर्ष २०११ में पाकिस्तानी गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ के उस समय के प्रमुख जनरल शूजा पाशा ने पाकिस्तान में स्थित तालिबान के वरिष्ठ कमांडर ‘मौलाना वली उर रहमान’ को पत्र लिखा था। इसमें ‘आयएसआय’ के पूर्व प्रमुख ने तालिबान को लश्‍कर-ए-तोयबा और जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठनों के साथ कश्‍मीर में जारी आतंकी हमलों में उतारने की खुली ‘ऑफर’ प्रदान की थी। पाकिस्तानी सेना और ‘आयएसआय’ के नेतृत्व में ‘लश्‍कर’ और ‘जैश’ ने कश्‍मीर में शुरू किए ‘गज़वा-ए-हिंद’ यानी भारत पर जीत हासिल करने के लिए जारी युद्ध में शामिल होने की भीख माँगी थी।

Taliban-commander-ISIइसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर से बनाए जा रहे दबाव की परवाह किए बिना पाकिस्तान ने जम्मू-कश्‍मीर में आतंकी गतिविधियां जारी रखी हैं, यह कहकर शूजा पाशा ने मौलाना वली उर रहमान को इन आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए बिनती की थी। वली उर रहमान के रिश्‍तेदार कश्‍मीर में जारी आतंकी हमलों में शामिल होने की याद दिलाकर तालिबान को इसमें खींचने की कोशिश की गई थी। साथ ही तालिबान ने अफ़गानिस्तान में तैनात अमरीका और नाटो के सैनिकों पर हमले जारी रखे जाएं, यह भी सूचित किया था। अमरीका और नाटो की सेनाओं को अफ़गानिस्तान से पीछे हटने के लिए मज़बूर करने पर पाकिस्तान तालिबान को बड़ी रक्म अदा करेगा, यह लालच भी आयएसआय के प्रमुख ने दी थी। लेकिन, वली उर रहमान ने जम्मू-कश्‍मीर एवं अफ़गानिस्तान से संबंधित ‘आयएसआय’ ने दिया हुआ प्रस्ताव ठुकराया, यह जानकारी एहसान ने साझा की।

अमरीका और नाटो की सेनाएं अफ़गानिस्तान से जब पीछे हटेंगी उसके बाद तालिबान का इस्तेमाल करके भारत में आतंकवाद का कोहराम मचाने का सपना पाकिस्तान की सेना देखती रही है। इसके लिए पाकिस्तान की सेना अफ़गानिस्तान में स्थित तालिबान की हरकतों को बढ़ावा देकर हर तरह की सहायता प्रदान कर रही थी। इन आरोपों की अब एहसानुल्लाह एहसान ने सार्वजनिक की हुई जानकारी से पुष्टी हुई है।

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