काबुल में ‘आईएस’ का स्थान ध्वस्त करने का तालिबान का दावा

काबुल – रविवार को काबुल के प्रार्थना स्थल के कंपाउंड में बम हमला करने वाले ‘आइएस’ के आतंकियों का बंदोबस्त किया होने का दावा तालिबान ने किया। राजधानी काबुल में स्थित आईएस का स्थान ध्वस्त किया होने का ऐलान तालिबान ने किया। इस कार्रवाई में आईएस के तीन आतंकी मारे गए होकर, ११ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, ऐसी जानकारी तालिबान ने दी।

‘आईएस’ का स्थान ध्वस्तकाबुल में ईदगाह प्रार्थना स्थल के कंपाउंड में हुए विस्फोट में १२ लोगों की जान गई और ३० से अधिक लोग घायल हुए। इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किसी भी संगठन ने नहीं किया है। लेकिन तालिबान का प्रवक्ता झबिउल्ला मुजाहिद की दिवंगत माँ के लिए प्रार्थना करने इकट्ठा हुए तालिबान के आतंकवादियों पर किए गए इस हमले के पीछे ‘आईएस-खोरासन’ होने का आरोप तालिबान ने किया।

रविवार शाम को ही तालिबान के आतंकवादियों ने काबुल के एक भाग में की हुई कार्रवाई की जानकारी मुजाहिद ने दी। तालिबान के स्पेशल यूनिट ने सफलतापूर्वक इस ऑपरेशन को पूरा किया, ऐसा मुजाहिद ने कहा। इस कार्रवाई में आईएस का अड्डा नष्ट किया गया, ऐसा तालिबान ने कहा है। इसके अलावा तालिबान ने गिरफ्तार किए आईएएस के आतंकवादियों के बारे में कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की है।

लेकिन रविवार देर रात तक काबुल के सेवेंटिन्थ कॉन्स्टिट्युएन्सी इलाके में ज़ोरदार गोलीबारी शुरू होने की खबरें स्थानीय माध्यम दे रहे थे। कुछ स्थानों पर आग भड़कने के फोटोग्राफ भी इन माध्यमों ने जारी किए। इस कारण काबुल में तालिबान और आईएस इन दोनों आतंकवादी संगठनों में जोरदार संघर्ष भड़कने के दावे किए जा रहे थे।

‘आईएस’ का स्थान ध्वस्ततालिबान ने काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद रविवार को हुआ विस्फोट यह अफगानिस्तान में सबसे बड़ा विस्फोट माना जाता है। इससे पहले २६ अगस्त को काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार आईएस-खोरासन इस आतंकवादी संगठन ने किया था। अफगानिस्तान के नांगरहार इस पूर्वीय प्रांत में आईएस-खोरासान का वर्चस्व है। नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में खोरासन के आतंकवादियों ने, तालिबानी आतंकवादियों के वाहनों को लक्ष्य किया था।

रविवार को काबुल के प्रार्थना स्थल के कंपाउंड में हुआ बम विस्फोट और उसके बाद तालिबान और आईएस के आतंकवादियों में भड़के संघर्ष के बाद, अमरीका के अग्रसर विश्लेषक ने चेतावनी दी। अफगानिस्तान फिर एक बार आतंकवादियों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थान बनने की संभावना रविवार के विस्फोट के बाद बढ़ी है, ऐसा ‘गेटस्टोन इन्स्टिट्युट’ इस अमरिकी अभ्यासगुट के विश्लेषक कॉन कॉघ्लिन ने चेताया।

‘अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत का फायदा उठाकर, अन्य आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान में ताकतवर बनने लगे हैं। यह अफगानिस्तान समेत जागतिक सुरक्षा के लिए खतरनाक है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने तेज़ी से किये सेनावापसी के फ़ैसले के दूरगामी परिणाम अगले कुछ साल पश्चिमी देशों की सुरक्षा पर होंगे’, ऐसी गंभीर चेतावनी कॉघ्लिन ने दी। अमरीका के लोकप्रतिनिधी और निवृत्त लष्करी अधिकारी भी, बायडेन के अफगानिस्तान से सेना वापसी करने के फ़ैसले की आलोचना कर रहे हैं।

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