अमरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करेगा – अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं का इशारा

वॉशिंग्टन/काबुल/पॅरिस – ‘अफ़गानिस्तान में संयुक्त सरकार गठित होने से पहले अमरीका ने सेना हटाई तो तालिबान पूरी तरह से अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करेगा। ऐसा हुआ तो अफ़गानी महिलाओं के अधिकार फिर से पैरों तले कुचले जाएँगे और अल कायदा के लिए अफ़गानिस्तान के द्वार खुल जाएँगे’, ऐसा इशारा अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं ने दिया है।

talibanतालिबान ने अमरीका के बायडेन प्रशासन को सेना की वापसी करवाने के लिए १ मई तक की अवधि दी है। इसके बाद अमरीका और नाटो के सैनिक अफ़गानिस्तान में दिखाई दिए तो तीव्र संघर्ष शुरू होगा, ऐसी धमकी तालिबान ने दी है। ऐसे में १ मई तक सेना की वापसी मुमकिन ना होने की बात बायडेन प्रशासन ने स्पष्ट की है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं की अफ़गानिस्तान से संबंधित रपट बायडेन प्रशासन की मुश्‍किलें बढ़ानेवाली है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने गुरूवार के दिन पहली बार माध्यमों से की बातचीत के दौरान तालिबान ने प्रदान की हुई अवधि पर अपनी भूमिका स्पष्ट की है। अफ़गानिस्तान से १ मई तक अमरीका और नाटो की सेनाएं हटाना मुमकिन ना होने का बयान बायडेन ने किया था। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के इस ऐलान पर तालिबान ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की है।

‘दोहा समझौते के अनुसार विदेशी सैनिकों ने समय पर अफ़गानिस्तान से वापसी नहीं की तो यह तैनाती शांति समझौते का उल्लंघन समझा जाएगा और इसके लिए सिर्फ अमरीका को ही ज़िम्मेदार पकड़ा जाएगा। इसके बाद अफ़गानिस्तान की सुरक्षा के लिए तालिबान जिहाद शुरू करेगी और यह अफ़गानिस्तान की आज़ादी तक जारी रहेगा’, ऐसी धमकी तालिबान ने दी है।

बीते सालभर तालिबान ने अमरिका के साथ किए युद्धविराम समझौते का पूरी तरह से पालन किया है। इसी कारण बीते वर्ष से अमरीका को जान का नुकसान उठाना नहीं पड़ा है। लेकिन, यदि अमरीका ही युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करती है तो इसके परिणामों के लिए भी अमरीका तैयार रहे, ऐसा इशारा तालिबान ने दिया है।

biden-usतालिबान की इस धमकी के कुछ ही घंटे बाद शीर्ष अमरिकी अखबार ने अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा और अफसरों के दाखिले से एक खबर जारी की है। इसमें अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी तालिबान को इस देश पर पकड़ प्राप्त करने के लिए सहायक साबित होगी, ऐसा कहा है। अफ़गानिस्तान में लोकनियुक्त और तालिबान की गठबंधन सरकार गठित होने के बाद सभी प्रशासकीय व्यवस्था ठीक से काम करने लगने के बाद अमरीका वहां से सेना की वापसी करवाए, ऐसा सुझाव गुप्तचर यंत्रणाओं ने दिया है।

अफ़गानिस्तान में गठबंधन सरकार स्थापन होने से पहले अमरीका और नाटो ने सेना वापसी करने पर अगले दो से तीन वर्षों में तालिबान अफ़गानिस्तान पर पूरा कब्ज़ा करेगा, ऐसा इशारा अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं ने दिया। इसके साथ ही तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा किया तो अल कायदा के लिए इस देश के द्वार फिर से खुल जाएंगे और अफ़गानिस्तान में यह आतंकी संगठन फिर से मज़बूत होगी, इस खतरे की चेतावनी अमरिकी अफसरों ने दी है।

इसी बीच अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं के कुछ पूर्व अफसरों ने इसके आगे जाकर कुछ चौकानेवाले बयान किए हैं। तालिबान ने सत्ता हासिल करने पर अफ़गानिस्तान फिर से अंधेरे युग में धकेला जाएगा, इस देश में महिलाओं के अधिकार दोबारा कुचले जाएँगे। अफ़गानिस्तान में महिलाएं, लड़कियों को प्राप्त हो रही शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं फिर से बंद हो जाएंगी, ऐसा दावा इस अमरिकी अफसरों ने किया है।

अफ़गानिस्तान के नेता भी अमरीका की सेना की वापसी को लेकर ऐसी ही चिंता जता रहे हैं। अफ़गानिस्तान के नैशनल हिरो के तौर पर जाने जा रहे ‘अहमद शहा मसूद’ के बेटे अहमद मसूद ने भी सेना की वापसी में अमरीका जल्दबाजी ना करे, ऐसा सुझाव दिया है। जल्दबाजी में सेना की वापसी करने पर अफ़गानिस्तान दोबारा गृहयुद्ध की खाई में धकेला जाएगा, ऐसा इशारा मसूद ने दिया है। भारत ने भी अमरीका को काफी पहले ही इस खतरे का अहसास कराया था।

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