कोरोना से लड़ते समय भारत को ताइवान से सहायता, चीन से उकसावा

नई दिल्ली – ताइवान ने १५० ऑक्सिजन कॉंन्सट्रेटर्स, ५०० ऑक्सिजन सिलेंडर्स भारत के लिए भेजे हैं। ताइवान से भारतीय जनता को यह स्नेहपूर्ण उपहार है, ऐसा ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा है। अधिकृत स्तर पर भारत के ताइवान के साथ संबंध ना होते हुए भी, ताइवान ने किया यह सहयोग अहम साबित होता है। वहीं, ऊपरी तौर पर भारत पर आए इस कोरोना के संकट पर दुख ज़ाहिर करनेवाली चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के ‘सेंट्रल पोलिटिकल अँड लिगल अफेअर्स’ ने, इस संकट के दौर में भारत को उकसानेवाली पोस्ट अपने सोशल मीडिया में जारी की थी। कुछ समय बाद हालांकि यह पोस्ट हटाकर उस पर अफसोस जाहिर किया गया है, फिर भी चीन की हुकूमत की भारत विद्वेषी भूमिका इससे फिर एक बार सामने आई है।

जब कोरोना की पहली लहर आई थी, तब हायड्रॉक्सिक्लोरोक्विन इस दवाई की तथा अन्य वैद्यकीय सामग्री की भारत ने की हुई सप्लाई का कृतज्ञतापूर्वक स्मरण रखकर, दुनियाभर के प्रमुख देश अब भारत को आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने भी, भारत ने किए सहयोग का जिक्र करके, अब अमरीका भारत के साथ डटकर खड़ी रहेगी ऐसा घोषित किया था। रशिया, फ्रान्स, ब्रिटन, जर्मनी, बेल्जियम ये देश भारत को आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं। खाड़ी क्षेत्र के देशों ने भी भारत को सहायता प्रदान की है। ताइवान ने भी भारत के लिए १५० ऑक्सिजन कॉंन्सट्रेटर्स, ५०० ऑक्सिजन सिलेंडर्स भेजे हैं।

यह सहायता लेकर विमान ताइवान से रवाना हुआ है, ऐसी जानकारी ताइवान की विदेश मंत्रालय ने दी। चीन की ‘वन चायना’ नीति के अनुसार ताइवान यह स्वतंत्र देश माना नहीं जाता। बल्कि वह चीन के अधिपत्य में होनेवाला भाग माना जाता है। यह ‘वन चायना पॉलिसी’, दुनियाभर के अन्य देशों की तरह ही भारत ने भी मान्य की है। इसी कारण भारत के ताइवान के साथ अधिकृत स्तर पर संबंध स्थापित नहीं हुए हैं। लेकिन चीन बार-बार भारत के हितसंबंधों को चुनौती देने लगा है, ऐसे में भारत ने ताइवान के साथ संबंध बढ़ाने की दिशा में कदम उठाना शुरू किया है। वहीं, लोकतंत्रवादी भारत से ताइवान को बहुत बड़ी उम्मीदें हैं, ऐसे संकेत ताइवान द्वारा लगातार दिए जा रहे हैं।

ऐसी स्थिति में ताइवान द्वारा भारत के लिए भेजी गई यह सहायता महत्वपूर्ण साबित होती है। इससे पहले ताइवान को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देनेवाले पॅराग्वे इस देश को, भारत ने एक लाख कोरोना प्रतिबंधक टीकों की सप्लाई की थी। इसके लिए ताइवान ने भारत का शुक्रिया अदा करके सराहना की थी। उस पृष्ठभूमि पर, अब भारत को ताइवान द्वारा मिल रही सहायता राजनीतिक दृष्टि से अहम साबित होती है।

ताइवान भारत को यह सहायता कर रहा है, ऐसे में चीन की भारत के संदर्भ में होनेवाली मानसिकता फिर एक बार जगजाहिर हुई है। अंतरिक्ष में उड़ान भरनेवाला रॉकेट और भारत के श्मशान में जल रही चिता, इनके फोटोग्राफ्स आजूबाजू में लगाई हुई पोस्ट, चीन की सोशल मीडिया में शेयर की गई। चीन पर एकछत्री हुकूमत जमानेवाली कम्युनिस्ट पार्टी के ‘सेंट्रल पोलिटिकल अँड लिगल अफेअर्स’ के अधिकृत हैंडल से यह पोस्ट शेयर की गई थी। इस असंवेदनशील एवं अशिष्ट प्रकार की, चीन की जनता ने भी आलोचना की थी। उस पर प्रतिक्रियाएँ आनीं चालू होने के बाद यह पोस्ट हटाई गई। संबंधित चीनी अधिकारी ने इस मामले में अफ़सोस ज़ाहिर किया है।

इससे पहले भी चीन के अधिकृत माध्यमों ने भारत का इस प्रकार विकृत चित्रण करने की कोशिश की थी। भारत कोरोना के संकट का सामना कर रहा है, ऐसे में पश्चिमी माध्यम भी भारत का अवास्तविक चित्रण पेश कर रहे हैं। लेकिन भारत से कई गुना अधिक मात्रा में अमरीका में कोरोना से मृत्यु हुई हैं, इसकी याद दिलाकर कुछ ज़िम्मेदार अमरिकी विश्लेषकों ने, इस मामले में अपने माध्यमों की आलोचना की है। भारत की जनसंख्या और उस जनसंख्या का घनत्व बहुत ही अधिक है, इसपर इन विश्लेषकों ने गौर फरमाया था। इसके बावजूद भी भारत की यंत्रणाएँ इस समस्या के साथ, सारी शक्ति एक करके मुकाबला कर रहीं हैं, यह प्रशंसा करनेलायक बात है, इसकी दखल दुनिया ने लेनी चाहिए, ऐसा इन विश्लेषकों का कहना है।

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