‘तैवान चीन पर मिसाइल हमला कर सकता है’ : तैवान के रक्षामंत्री की चेतावनी

तैपई, दि. १७ : ‘वन चायना पॉलिसी’ के अनुसार तैवान यह चीन का भूभाग है, यह बात अमरीका ने मान लेनी चाहिए, ऐसी आक्रामक भूमिका अपनाने वाले चीन को तैवान ने चेतावनी दी| ठेंठ चीन की सीमा में दागे जा सकनेवाले मिसाइल्स तैवान के पास हैं, ऐसा ऐलान तैवान के रक्षामंत्री ने किया| इसी के साथ तैवान की रक्षा के लिए अमरीका तैवान को ‘एफ-३५बी’ लड़ाकू विमान और अन्य हथियार दें, ऐसी माँग तैवान ने की| चीन ने तैवान की दिशा से हजारों मिसाइल्स सुसज्जित कर रखे हैं, ऐसे में, तैवान की यह घोषणा चीन के लिए चेतावनी प्रतीत होती है|

मिसाइल हमलाकुछ हफ्ते पहले, चीन ने अपने रक्षाखर्च में सात प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी| यह बढ़ोत्तरी करते समय, ‘अपने हितसंबंधों की रक्षा के लिये यह प्रावधान है’ ऐसा चीन ने घोषित किया था| इसके साथ ही, आनेवाले समय में यदि जरूरत पड़ी, तो तैवान पर कब्जा करने के संकेत चीन के सरकारी संकेतस्थल पर दिये गये थे| तैवान ने इसपर गहरी चिंता जताई गयी थी| तैवान की संसद में यह सवाल उठाया गया था|

चीन के विरोध में तैवान की सेना ने क्या तैयारी की है, इस सवाल का जवाब देते हुये रक्षामंत्री ‘फेंग शिह-कुआन’ ने यह स्पष्ट किया कि ‘१५०० किलोमीटर तक की पहुँचवाले मिसाईल्स सुसज्जित हैं’| ‘ये क्रूझ मिसाईल्स हैं| इनमें चीन में घुसकर हमला करने की क्षमता है| तैवान ने इन मिसाइल्स का निर्माण और परीक्षण पहले ही किया है| लेकिन अब तक तैवान ने इस मिसाइल्स के मामले में जानकारी नहीं दी थी’ ऐसा कुआन ने कहा है|

मिसाइल हमलाचीन की बढ़ती लष्करी सुसज्जितता पर चिंता जताकर, रक्षामंत्री कुआन ने अमरीका को लष्करी सहायता की गुहार लगायी है| लेकिन अमरीका तैवान को उम्मीद से कम हथियारों की मदद कर रहा है, ऐसा कुआन ने कहा है| ‘तैवान के बेड़े में फिलहाल १४० ‘एफ-१६’ लड़ाकू विमान हैं| लेकिन चीन का मुकाबला करने के लिए तैवान को ऍड्वान्स्ड ‘एफ-३५बी’ लड़ाकू विमान तथा ज़मीन से ज़मीन पर हमला करने की क्षमता रहनेवाले मिसाइलों तथा स्टेल्थ विमानों की ज़रूरत है’ ऐसा कुआन ने संसद में कहा|

इसी दौरान, तैवान यह अपना ही प्रांत है, ऐसा दावा चीन कर रहा है| तैवान ने यह दावा झुठलाया है| लेकिन सेना की ताकत का इस्तेमाल करके तैवान का विलीनीकरण करने की चेतावनी चीन ने पहले ही दी है| इस कारण, कोई भी देश तैवान से संबंध प्रस्थापित ना करें, ऐसी साफ भूमिका चीनने अपनायी है|

एक महीने पहले, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तैवान की राष्ट्राध्यक्षा ‘त्साई’ को फोन करके चर्चा की थी| साथ ही, तैवान को लष्करी सामग्री देने के संकेत भी दिये थे| इसपर चीन द्वारा तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी थी|

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