चीन की आक्रामक हरकतों को रोकने के लिए तैवान और जापान की गतिविधियाँ

तैपेई/टोकियो – समुद्री क्षेत्र में जारी चीन की घुसपैठ और अन्य आक्रामक हरकतों को रोकने के लिए तैवान और जापान ने जोरदार गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। तैवान ने अपने आठ हज़ार सैनिकों के साथ ‘हान कुआंग’ लष्करी अभ्यास शुरू किया है। इसी बीच, जापान ने प्रगत ‘एंटी शिप मिसाइल’ विकसित करने का समाचार सामने आया होकर, इस मिसाइल के फोटो भी प्रसिद्ध किए गए हैं। अमरीका ने साउथ चायना सी के मुद्दे पर, चीन के विरोध में भूमिका का ऐलान करने के बाद शुरू हुईं ये गतिविधियाँ ग़ौर फ़रमा रहीं हैं।

तैवान और जापान

पिछले कुछ महीनों से चीन लगातार तैवान को धमका रहा है। चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में भी तैवान पर हमला करने की खुलेआम माँग की गई थी। आंतर्राष्ट्रीय समुदाय कोरोना की महामारी पर नियंत्रण प्राप्त करने की कोशिश में जुटा होते समय, तैवान पर कब्ज़ा करने के लिए यही उचित समय होने का मत कुछ चिनी नेता और लष्करी अधिकारियों ने व्यक्त किया था। चीन ने तैवान की सीमा में लड़ाकू विमान एवं पोत भेजकर घुसपैठ करने की मात्रा भी बढ़ाई है। चीन बना रहें इस दबाव की पृष्ठभूमि पर, तैवान ने शुरू किया लष्करी अभ्यास अहमियत रखता है।

तैवान और जापान

‘हान कुआंग’ नाम के इस युद्धाभ्यास में, तैवान के रक्षाबलों के सभी अंग एवं ‘रिज़र्व्ह फोर्स’ और तटरक्षक बल भी शामिल हुए हैं। ‘लाईव्ह फायर एक्सरसाईझ’ वर्ग के इस युद्धाभ्यास में, समुद्री क्षेत्र में शत्रु ने किया हमला, मुकाबला करके नाकाम करने का उद्देश्‍य रखा गया था। इस युद्धाभ्यास में लड़ाकू ‘एफ-१६’ विमान, ‘हार्पून’ मिसाइल्स, ‘पैट्रिऑट’ मिसाइल सिस्टिम, बैलेस्टिक मिसाइल्स, एंटी शिप मिसाइल्स, हेवी ‘टोर्पेडोज्‌’ और ‘अटैक सबमरिन्स’ का इस्तेमाल किया गया है, यह जानकारी तैवानी सूत्रों ने साझा की।

तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग वेन भी इस ‘लाईव्ह फायर एक्सरसाईझ’ के दौरान उपस्थित थीं। देश की सुरक्षा, रक्षाबलों की मज़बूती पर निर्भर होती है। हान कुआंग युद्धाभ्यास से केवल तैवान के लष्करी सामर्थ्य का प्रदर्शन नहीं होता, बल्कि देश की सुरक्षा करने के लिए हमारा निर्धार कितना कड़ा है, इसकी भी अनुभूति होती है, इन शब्दों में तैवान की राष्ट्राध्यक्षा ने चीन को फटकार लगाई। यह युद्धाभ्यास जारी था, तभी चीन की नौसेना ने निगरानी करने की कोशिश की, यह दावा भी तैवान ने किया है।

तैवान का युद्धाभ्यास शुरू था, तभी जापान के रक्षाबलों ने अपने नए ‘एंटी शिप मिसाइल’ के फोटो जारी किए। यह मिसाइल ‘एएसएम-३’ इस सुपरसोनिक वर्ग का हैं और इसकी गति ध्वनि से तीन गुना यानी ‘मैक-३’ हैं। यह मिसाइल ४०० किलोमीटर दूरी तक हमला करने की क्षमता रखता है, यह भी कहा जा रहा है। जापान की ‘मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज्‌’ ने यह मिसाइल विकसित किया है और फिलहाल वायुसेना में कार्यरत ‘एफ-२’ इस लड़ाकू विमान के साथ ही ‘एफ-३’ इस नये स्टेल्थ जेट पर ‘एएसएम-३’ की तैनाती की जाएगी। चीन के प्रगत युद्धपोत एवं विध्वंसकों के ख़तरे को मद्देनज़र रखते हुए यह नया मिलाइल विकसित किया गया है, यह जानकारी जापानी सूत्रों ने प्रदान की।

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