तैवान ने चीन की परमाणु योजनाओं पर मिसाइल रोके

तैपेई/बीजिंग: चीन के पूर्व और दक्षिण-पूर्व सीमा इलाके में स्थित परमाणु परियोजनाएं, इंधन के भंडार और सुरंगों पर तैवान ने लंबी दूरी वाले मिसाइलें रोकीं हैं। तैवान के इन मिसाइलों की रेंज में होंगकोंग जैसे महत्वपूर्ण शहर आते हैं, इसकी चिंता यहाँ के एक दैनिक ने व्यक्त की है। उसीके साथ ही तैवान ने चीन के तटों को लक्ष्य करने वाले ‘स्वर्ड्स’ और ‘क्रुझ’ मिसाइल्स का परिक्षण करने की जानकारी सामने आई है। इस वजह से चीन के बढ़ते लष्करी दबाव के आगे ना झुकने वाले तैवान ने चीन को जैसे को तैसा जवाब दिया है।

होंगकोंग में स्थित एक दैनिक ने दी जानकारी में, तैवान के स्वदेशी निर्माण की ‘हायऊंग फेंग’ मिसाइल्स चीन दिशा में तैनात किए गए हैं, ऐसा कहा है। कनाडा के एक प्रसिद्ध मासिक ने सॅटॅलाइट फोटोग्राफ्स प्रसिद्ध करके मार्च महीने में ही तैवान इन मिसाइलों को चीन की दिशा में रोकने का दावा किया है। लगभग ६२० से ९३० मील (लगभग १००० से १५०० किलोमीटर) की दूरी तक हमला करने की क्षमता रखने वाले इन मिसाइलों की रेंज में चीन के तटों पर स्थित बहुत से शहर आते हैं, ऐसा दावा इस मासिक ने और होंगकोंग स्थित दैनिक ने किया है।

चीन, परमाणु योजनाओं, मिसाइल रोके, परिक्षण, लष्करी दबाव, तैवान, होंगकोंगइसमें चीन के फुजियान प्रान्त की राजधानी फूझोऊ के साथ साथ होंगकोंग, शांघाय शहर और गुआंगदांग, झेन्जियांग इन प्रान्तों के बहुतांश इलाकों का समावेश है। इन प्रमुख शहरों में स्थित चीन की परमाणु योजनाएं, इंधन के भंडार, अतितेज रेलमार्ग और लष्कर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सुरंगें भी तैवान के मिसाइलों की रेंज में आने का दावा कैनेडियन मासिक के संपादक ने किया है। इस वजह से आने वाले समय में चीन और तैवान केबीच युद्ध भड़का तो चीन के दक्षिण-पूर्व और पूर्व तटों पर स्थित शहर तैवान के मिसाइलों के निशाने पर आने की चिंता इस दैनिक ने व्यक्त की है।

तैवान के रक्षा मंत्रालय ने कनाडा का मासिक और चीन के दैनिक ने किए दावे को ख़ारिज किया है। साथ ही यह इन मीडिया वालों ने निर्माण किया हुआ दिखावा है, ऐसी आलोचना तैवान के रक्षा मंत्रालय ने की है। लेकिन चीन के रक्षा मंत्रालय ने तैवान की इस तैनाती को संबोधित करते हुए चेतावनी दी है। चीन की सीमा में घुसपैठ को प्रत्युत्तर देने के लिए चीन का लष्कर तैयार है, इस बात को चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता चेन चूंग-ची ने स्पष्ट किया है।

उसी समय तैवान की रक्षा यंत्रणाओं ने ‘वैन चेन’ अर्थात ‘टेन थाउजेंड स्वर्ड्स’ इस क्रुझ मिसाइल का सफल परिक्षण किया है। इन मिसाइलों को लड़ाकू विमानों पर तैनात करने के लिए गतिविधियाँ शुरू किए जाने की खबरें भी प्रसिद्ध हो रहीं हैं। पिछले कुछ सालों से तैवान की ‘शूंगशैंग इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ लंबी दूरी वाले ‘स्वर्ड्स’ मिसाइलों का निर्माण कर रही है और दो दिनों पहले तैवान ने इन मिसाइलों के परिक्षण की घोषणा की है। महीने पहले तैवान के हवाई बल और नौसेना ने लिए परिक्षण में ‘स्वर्ड्स’ मिसाइल ने सफलतापूर्वक लक्ष्य भेदने की घोषणा तैवान की यंत्रणा ने की है।

‘स्वर्ड्स’ मिसाइल १२४ मील तक (लगभग २०० किलोमीटर) तक हमला करने वाले हैं। हवा से जमीन पर हमला करने वाले मिसाइल ‘जीपीएस’ से सज्ज होने का दावा तैवानी अधिकारियों ने किया है। अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषकों ने तैवान के ‘स्वर्ड्स’ मिसाइलों की तुलना अमरिका के ‘एजीएम-१५४ जेएसओडब्ल्यू’ अथवा यूरोप के ‘स्टॉर्म शैडो’ इस मिसाइल से की है।

तैवान की खाड़ी ८० मील तक फैली हुई है। इस वजह से यह मिसाइल चीन के पूर्व तटों पर स्थित शहरों को लक्ष्य बना सकता है, ऐसा दावा तैवान के दैनिक ने किया है। साथ ही तैवान की हवाई सीमा पार न करके लड़ाकू विमान से भी इन मिसाइलों को प्रक्षेपित किया जा सकता है, ऐसा कहा है। यह मिसाइल शत्रुओं के ठिकानों को लक्ष्य बनाने के लिए सज्ज हैं, ऐसा तैवान ने कहा है।

उसीके साथ ही तैवान ने ‘चिंग-कुओ’ इस स्वदेशी निर्माण के मिसाइलों में सुधार किया है और सदर मिसाइल्स चीन के हवाई बल और लष्करी ठिकानों पर हमले करने की क्षमता रखते हैं, ऐसी जानकारी सामने आ रही है। लेकिन तैवान की यंत्रणा ने इस बारे में बात करना टाला है।

तैवान की राष्ट्राध्यक्ष ‘त्साई ईंग-वेन’ लैटिन अमरिकी देशों के दौरे पर रवाना हुईं हैं। इस दौरे पर रवाना होने से पहले ‘ईंग-वेन’ ने तैवान की रक्षा लागत में बड़ी बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की है।

दौरान, अमरिका के साथ लष्करी सहकार्य प्रस्थापित करने वाले तैवान पर हमला करके इस भूभाग को कब्जे में लिया जाए, ऐसी माँग चीन के सरकारी मुखपत्र ने की थी। चीन के लष्करी अधिकारियों ने भी अमरिका की परवाह न करते हुए तैवान कब्जे में लेंगे, ऐसी धमकी दी थी। इस पृष्ठभूमि पर तैवान की बढती सज्जता चीन को चुनौती देने वाली साबित हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.