छ लाख सिरियन शरणार्थी मातृभूमि में लौटे – संयुक्त राष्ट्रसंघ की जानकारी

अलेप्पो: युरोप शरणार्थीयों के मुद्दे पर उपाय ढूंढने में असफ़ल होने की ख़बर सामने ही आयी थी के सिरिया से विस्थापित सिरियन नागरिक अपनी मातृभूमि में लौटने लगे है। संयुक्त राष्ट्रसंघ का भाग होनेवाले ‘इंटरनेशनल ऑर्गनायझेशन फॉर मायग्रेशन’ने दी जानकारी अनुसार, २०१७ छ लाख से अधिक सिरियन नागरिक अपने मातृभूमि में लौटे है। इनमे अलेप्पो और हमा इन शहरों में वापसी करनेवाले नागरिकों की संख्या अधिक है।

आर्थिक स्थैर्य, सुरक्षा व्यवस्था में सुधार एवं संपत्ति की चिंता जैसे कारणों की वजह से सिरियन नागरिक के लौट आने की ख़बर को ‘इंटरनेशनल ऑर्गनायझेशन फॉर मायग्रेशन’ने स्पष्ट किया।

सिरियन शरणार्थीसिरिया में पिछले कुछ महीनों में सत्ताधारी अस्साद साम्राज्य देश का अधिकाधिक क्षेत्र कब्ज़े में ले रहा है। रशिया और ईरान की सहायता से सिरियन लष्कर के कार्यान्वित मुहिमों को सफ़लता मिल रही है और ‘आयएस’ और समरूप आतंकी संघटनों की पीछेहाट होता दिखाई दे रहा है। तीन महीनों पहले रशिया के पहल के बाद सिरिया के कई प्रान्तों में संघर्षबंदी एवं ‘सेफ़ झोन्स’ घोषित किया था। साथ ही रशिया का लष्कर आनेवाले कई दशकों तक सिरिया में तैनात होने की बात घोषित हुई थी।

इस पृष्ठभूमि पर सिरियन विस्थापित और शरणार्थी नागरिकों के मातृभूमि लौटने की बात ध्यान खिंच रही है। सिरिया में लौटे नागरिकों में ८० प्रतिशत से अधिक नागरिक देश के अन्य प्रान्तों से विस्थापित होनेवालों में से एक है और १६ प्रतिशत से अधिक लोग तुर्की, लेबनॉन और जौर्डन में गए शरणार्थी है। मातृभूमि में लौटे नागरिक प्रमुख तौर से अलेप्पो और हमा इन शहरों में रहने आने की खबर ‘इंटरनेशनल ऑर्गनायझेशन फॉर मायग्रेशन’ने दी।

सिरियन शरणार्थीछ लाख २ हजार ७५९ नागरिकों में, ४ लाख से अधिक अलेप्पो में लौटे है और ७५ हजार से अधिक लोग हमा में बस गए है। पिछले साल के दिसंबर महीने में सिरियन लष्कर ने अलेप्पो पर कब्ज़ा पाया था। फ़िलहाल राजधानी दमास्कस के साथ अलेप्पो, होम्स, हमा इन शहरों के साथ और ३५ प्रतिशत भूभाग अस्साद सरकार के नियंत्रण में है।

सन २०११ में सिरिया में शुरू हुए संघर्ष में कबीर ५५ लाख नागरिकों ने अपना देश छोड़कर दुसरे देशों में आश्रय लिया था। छोड़ गए नागरिकों ने तुर्की, लेबनॉन, जौर्डन और अन्य युरोपीय देशों में आश्रय लिया था। उसी समय, करीब ६३ लाख नागरिक सिरिया के अन्य भागो में बसने के लिए विवश हो गए थे।

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