सीरिया में रासायनिक हमले करने वाली अस्साद राजवट पर अमरिका के हमले की योजना – अमरिकन दैनिक का दावा

वॉशिंग्टन: चार दिनों पहले सीरिया के ‘ईस्टर्न घौता’ इलाके में अस्साद राजवट ने किए रासायनिक हमले में ८९ लोगों की जान जाने का दावा किया जाता है। इससे पहले भी सीरिया में रासायनिक हमले किए जाने की बात सामने आई थी और इसके पीछे सीरियन राजवट का हाथ होने का आरोप भी किया जा रहा था। इसके आगे सीरिया में इस प्रकार के हमले हुए तो अमरिका हमला करेगा, ऐसा अमरिका ने सीरिया के साथ साथ रशिया को इशारा दिया था। इस इशारे को वास्तव में उतारने की तैयारी भी अमरिका ने की है, ऐसी खबर अमरिका का प्रमुख दैनिक ‘वॉशिंग्टन पोस्ट’ ने दी है।

पिछले हफ्ते अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ के नेतृत्व में व्हाईट हाउस में विशेष बैठक हुई थी, ऐसा दावा अमरिकी दैनिक ने किया है। इस बैठक में अमरिका के रक्षामंत्री ‘जेम्स मैटिस’, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ‘एच. मैकमास्टर’, रक्षा दल के प्रमुख ‘जॉन केली’ शामिल हुए थे। इस बैठक में सीरिया पर लष्करी कार्रवाई के बारे में प्रदीर्घ चर्चा होने की जानकारी अमरिकी अधिकारी ने सदर दैनिक को दी है।

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सीरियन राजवट की ओर से होने वाले रासायनिक हमलों का निषेध करने के लिए अमरिका लष्करी कार्रवाई करे, ऐसी आग्रही माँग करके मैकमास्टर ने सीरिया पर इस हमले की योजना राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के सामने रखी थी। इस पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कौनसा निर्णय लिया है, इसकी जानकारी अमरिकन अख़बार ने नहीं दी है। अमरिका का रक्षा मुख्यालय पेंटागन की प्रवक्ता डॅना व्हाईट ने इस खबर को ख़ारिज किया है और इस तरह की कोई बैठक पूरी नहीं हुई, ऐसा स्पष्ट किया है।

कुछ दिनों पहले सीरिया के राष्ट्राध्यक्ष बशर अल-अस्साद ने रासायनिक हमलों के प्रकरण में अमरिका पर आरोप लगाए थे। रासायनिक हमलों के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराकर अमरिका सीरिया पर हमले करने की कोशिश कर रहा है, ऐसा दावा अस्साद ने किया था। साथ ही सीरिया में रासायनिक हमले नहीं हो रहे हैं, ऐसा भी अस्साद ने कहा था। लेकिन सीरियन लष्कर की तरफ से अस्साद के विरोधकों पर साथ ही जनता पर रासायनिक हमले किए जाने का आरोप ‘ईस्टर्न घौता’ के स्थानीय लोग कर रे हैं।

सोमवार रात ११ बजे ‘ईस्टर्न घौता’ के ‘हमोरौरिया’ इलाके में सीरियन लष्कर ने ‘क्लोरिन गैस’ के हथियारों से हमले करने करने की खबर स्थानीय मीडिया ने प्रसिद्ध की थी। साथ ही सोशल मीडिया पर भी इस रासायनिक हमले की जानकारी प्रसिद्ध हुई थी। सीरियन लष्कर के इस रासायनिक हमले में ८९ की मौत और ५० से अधिक घायल हुए थे। इस इलाके के डॉक्टर भी रासायनिक हमले में जख्मी हुए मरीज इलाज के लिए दाखिल हुए हैं, ऐसा कह रहे हैं। पिछले महीने भर में ‘ईस्टर्न घौता’ में हुआ यह दूसरा और सीरिया में हुआ चौथा हमला है, ऐसा दावा किया जा रहा है।

अस्साद राजवट पर लगाए गए रासायनिक हमलों के यह आरोप रशिया ने ख़ारिज किए हैं। स्थानीय मीडिया की खबरों को हम महत्व नहीं देते हैं, ऐसा कहकर रशिया ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की जाँच की माँग की थी। लेकिन संयुक्त राष्ट्रसंघ के जाँच पथक ने प्रस्तुत की रिपोर्ट में भी ‘ईस्टर्न घौता’ में हुए रासायनिक हमलों के लिए अस्साद राजवट को जिम्मेदार ठहराया है। इस वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर से सीरिया की अस्साद राजवट पर दबाव बढ़ सकता है। सीरियन राजवट अपनी जनता पर रासायनिक हमले करती है, यह बात सामने आई तो फ़्रांस सीरिया पर हमले करेगा, ऐसा फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रोन ने हाल ही में घोषित किया था।

ऐसी परिस्थिति में सीरियन लष्कर के भूतपूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने भी रासायनिक हमलों की पुष्टि की है। अस्साद समर्थक ईरान सीरिया में रासायनिक हथियारों का परीक्षण कर रहा है, ऐसा आरोप ‘झहेर अल-साकीत‘ इस भूतपूर्व सीरियन लष्करी अधिकारी ने किया है। ईरान ने सीरिया में लघु और मध्यम दूरी के रासायनिक हथियारों का निर्माण किया है और हिजबुल्लाह के पास उसका भंडार है, एस अदवा साकीत ने किया है।

सीरिया में रासायनिक हमलों के बारे में अमरिका और संयुक्त राष्ट्रसंघ की तरफ से किए जा रहे आरोपों को ‘साकीत’ के दावे की वजह से अधिक मजबूती मिली है।

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