सीरिया ने ‘ईस्टर्न घौता’ पर हमलों की तीव्रता बढाई – संयुक्त राष्ट्रसंघ की सीरिया के साथ रशिया पर टीका

दमास्कस/जीनिव्हा: सीरियन लष्कर ने मंगलवार को ‘ईस्टर्न घौता’ के ‘दौमा’ इलाके में किए हमले में २४ लोगों की जान गई है। इसी के साथ ही लगातार १८ दिनों से ‘ईस्टर्न घौता’ में चल रहे संघर्ष में ८०४ लोगों की जान गई है, जिसमें १७८ बच्चों का समावेश है। इस हमले के साथ साथ अस्साद राजवट ने ‘ईस्टर्न घौता’ में लष्करी मुहीम की तीव्रता बढ़ाने के आदेश दिए हैं।

सीरियन राजवट ने ‘ईस्टर्न घौता’ में अपना लष्कर, टैंक, लष्करी गाड़ियाँ घुसाई हैं। राजधानी दमास्कस के पास स्थित इस प्रान्त के करीब ४० प्रतिशत इलाका जीतने का दावा सीरिया ने किया है। उसीके साथ ही ईस्टर्न घौता क्षेत्र से बागी और और आतंकवादियों को मार भगाए बिना हमले नहीं रुकने वाले, ऐसा भी सीरियन लष्कर ने घोषित किया है। मंगलवार को संघर्षबंदी खत्म होने जा रही थी, तभी सीरियन लष्कर ने दौमा में किए हमले में २४ नागरिकों की जान जाने का दावा ब्रिटन में स्थित एक मानवाधिकार संगठन ने किया है।

पिछले १८ दिनों से ‘ईस्टर्न घौता’ में चल रहे इस संघर्ष पर ब्रिटन और फ़्रांस इन यूरोपीय देशों ने चिंता जताई है। पिछले हफ्ते में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने संघर्षबंदी का आवाहन करने के बाद भी यहाँ पर सीरियन लष्कर के हमले जारी हैं। इस पर नाराजगी जताकर ब्रिटन और फ़्रांस ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई है। आने वाले कुछ घंटों में यह बैठक पूरी होगी, ऐसा दावा किया जा रहा है। इस बैठक में अमरिका और मित्र देश सीरिया की समस्या को लेकर अधिक आक्रामक भूमिका लेने की संभावना है।

सीरिया की अस्साद राजवट और रशिया ने कितने भी दावे किए हैं, लेकिन ‘ईस्टर्न घौता’ के हवाई हमलों में नागरिकों की जान जाने की शिकायत अमरिका और मित्रदेश कर रहे हैं। कुछ घंटों पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भी रशिया और सीरिया पर ऐसे ही आरोप किए थे। ऐसे में संयुक्त राष्ट्रसंघ की ‘कमीशन ऑफ़ इन्क्वायरी ऑन सीरिया’ इस पूछताछ समिति ने तैयार की रिपोर्ट में भी सीरियन राजवट और रशिया को सीरिया के खून खराबे के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

पिछले वर्ष नवम्बर महीने में सीरिया के अलेप्पो में स्थित ‘अल अतारिब’ इस बाजार पर हुए हवाई हमले के लिए सीरिया और रशिया जिम्मेदार हैं, ऐसा आरोप राष्ट्रसंघ की पूछताछ समिति ने किया है। सीरिया और रशिया के इस हवाई हमले में ‘अल अतारिब’ बाजार में ८४ लोगों की जान गई थी और १५० से अधिक लोग जख्मी हुए थे। भीड़ की जगह पर रशिया ने इस्तेमाल किए हथियारों पर भी इस समिति ने सवाल खड़े किए हैं और रशिया पर युद्धगुनाह लागाया जा सकता है, ऐसे संकेत दिए हैं। पिछले हफ्ते भर में सीरिया के संघर्ष की समस्या के मामले में रशिया पर हुआ यह दूसरा बड़ा आरोप है।

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