अधिक मारक क्षमता वाले ‘ब्रह्मोस’ का सफल परीक्षण

बालासोर – भारत ने बुधवार के दिन अपने ‘सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल’ की प्रगत आवृत्ति का सफल परीक्षण किया। इस ‘ब्रम्होस’ मिसाईल की मारक क्षमता बढ़ाकर ४०० किलो मीटर की गई है। परीक्षण के दौरान वर्णित मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य को बड़ी सटिकता से ध्वस्त किया। चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत ने लद्दाख की सीमा पर सुपरसोनिक ब्रह्मोस, आकाश, निर्भय जैसे कुछ मिसाइल तैनात किए हैं। ऐसे में ब्रह्मोस की प्रगत आवृत्ति का हुआ परीक्षण अहमियत रखता है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण करने पर ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (डीआरडीओ) का अभिनंदन किया।

brahmos‘डीआरडीओ’ ने ओड़िशा स्थित बालासोर में बुधवार की सुबह करीबन १०.३० बजे विस्तारीत मारक क्षमता वाले ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया। इस आवृत्ति के ब्रह्मोस का किया गया यह दूसरा परीक्षण है। ब्रह्मोस की प्रगत आवृत्ति में इस मिसाइल की मारक क्षमता २९० से बढ़ाकर ४०० किलोमीटर की गई है।

ध्वनि से तिगुनी गति से तय लक्ष्य को ध्वस्त करने की क्षमता वाले इस मिसाइल के ‘एअरफ्रेम’ और ‘बूस्टर’ स्वदेशी हैं। इस मिसाइल का निर्माण ‘डीआरडीओ’ और रशियन कंपनी ‘एनपीओएम’ ने किया है और पहली बार स्वदेशी बूस्टर का प्रयोग करके यह मिसाइल छोड़ी गई। ब्रह्मोस की प्रगत आवृत्ति ज़मीन के साथ ही युद्धपोत, पनडुब्बी और लड़ाकू विमान से भी प्रक्षेपित हो सकती है।

‘ब्रह्मोस’ भारत का सबसे प्रगत और घातक मिसाइल है और विश्‍व में सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल समझा जाता है। यह मिसाइल हवा से हवा में और हवा से ज़मीन पर हमला करने के लिए भी उपयुक्त है। इस मिसाइल की यही खासियत हैं कि यह मिसाइल लड़ाकू ‘सुखोई-३० एमकेआय’ विमान से भी छोड़ी जा सकती हैं।

भारत के तीनों रक्षाबलों के बेड़े में ‘ब्रह्मोस’ की तैनाती की गई है। बुधवार के दिन ब्रह्मोस की विस्तारित आवृत्ति का सफल परीक्षण किया गया। इससे भारतीय रक्षाबल के सामर्थ्य में बढ़ोतरी होगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी नए ‘ब्रह्मोस’ का सफल परीक्षण करने पर डीआरडीओ का अभिनंदन किया है। ‘इस सफलता की वजह से भारत की आत्मनिर्भर भारत मुहिम को भी गति प्राप्त होगी’, यह विश्‍वास भी उन्होंने व्यक्त किया।

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