दूर के लक्ष्य को भेद सकनेवाले स्वदेशी बनावट के ‘रुस्तम-२’ ड्रोन का सफल परीक्षण

बंगळुरू: भारत में बने लडाकू ड्रोन विमान ‘रुस्तम-२’ का पहला परीक्षण सफल हुआ है| रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया ‘रुस्तम-२’ यह विश्‍व के सर्वोत्कृष्ट ड्रोन्स में से एक साबित होगा, ऐसा दावा ‘डीआरडीओ’ के अधिकारियों ने किया है|

rustom2-  ‘रुस्तम-२’कुछ चुनिंदा देशों के पास प्रगत ड्रोन की तकनीक है| अमरीका जैसे देश ने, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के आतंकवादियों को ख़त्म करने के लिए ड्रोन का प्रभावशाली इस्तेमाल किया था| साथ ही, ड्रोन हमलों में आतंकवादियों के खिलाफ़ की कार्रवाई में मिल रही कामयाबी को देखते हुए, अमरीका ने अन्य देशों के आतंकवादियों के ठिकानों पर ड्रोन से हमले किए थे| इसलिए आतंकवादियों के कारनामों से परेशान भारत के काफिले में प्रगत ड्रोन्स का शामिल होना यह अहम बात साबित होती है|

‘रुस्तम-१’ ड्रोन तैयार करने के बाद, हमला करने की क्षमता रखनेवाले ड्रोन विकसित करने के लिए ‘डीआरडीओ’ ने ‘रुस्तम-२’ परियोजना हाथ में ली थी| इस परियोजना को पूरा करते हुए ‘रुस्तम-२’ का निर्माण किया गया है और उसका परीक्षण सफल हुआ है| २०१३ में ‘रुस्तम-२’ का हवाई परीक्षण ‘डीआरडीओ’ द्वारा किया जानेवाला था| लेकिन तकनीकी वजह से इस परीक्षण की तारीख़ आगे की गई थी| इसे तीन साल बीतने के बाद, अब बुधवार को बंगळुरू से क़रीब २०० किलोमीटर पर रहनेवाले छल्लाकरे में यह परीक्षण किया गया|

कम ऊँचाई से लंबी दूरी के लक्ष्य को भेदने की क्षमता ‘रुस्तम-२’ में है| इसका वज़न १७०० किलोग्रॅम इतना है| साथ ही, इसमें ‘ऑटोमॅटिक टेक-ऑफ’ और लँडिंग की क्षमता है| अब तक भारत को, हमला करने की क्षमतावाले ड्रोन के लिए अमरीका और इस्रायल पर निर्भर रहना पडता था|

लेकिन ‘रुस्तम-२’ को मिली कामयाबी की वजह से भारतीय रक्षाबलों को, बिना ख़तरा उठाए आतंकवादियों पर हमला करना आसान होगा|

इसीके साथ, अमरीका के पास रहनेवाले प्रिडेटर ड्रोन की टेक्नॉलॉजी हासिल करने के लिए भारत कोशिश कर रहा होकर, इन प्रयासों को अमरीका द्वारा प्रतिसाद दिया जा रहा था| अमरीका से यदि भारत को ड्रोन्स और ड्रोन्स की टेक्नॉलॉजी हसिल होती है, तो इस वजह से पाकिस्तान की सुरक्षा ख़तरे में आ सकती है, ऐसी चिंता पाकिस्तान के सामरिक विश्‍लेषक जता रहे थे| इस पृष्ठभूमि पर, ‘रुस्तम-२’ को मिली कामयाबी पाकिस्तान और पाकिस्तान-पुरस्कृत आतंकवादियों के लिए ख़तरे की निशानी साबीत हो रही है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

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