पनडुब्बी विरोधी युद्ध में ‘गेम चेंजर’ साबित होनेवाले ‘स्मार्ट’ का परीक्षण

नई दिल्ली – पनडुब्बी विरोधी युद्ध में ‘गेम चेंजर’ साबित होनेवाले ‘सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलिज ऑफ टोर्पेडो’ (स्मार्ट) यंत्रणा का ‘डीआरडीओ’ ने किया परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा। ‘स्मार्ट’ की वजह से भारतीय नौसेना की क्षमता में बड़ी बढ़ोतरी होगी। चीन ने अपनी नौसेना की क्षमता लगातार बढ़ाई है। चीन की नौसेना के बेड़े में ७० से अधिक पनडुब्बियां मौजूद हैं और यह पनडुब्बियां ही चीनी नौसेना की ताकत समझी जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर भारत ने अपनी पनडुब्बी विरोधी युद्ध नीति का विस्तार शुरू किया है। इसी से ‘डीआरडीओ’ ने विकसित किए ‘स्मार्ट’ की अहमियत रेखांकित होती है।

drdoओड़िशा के ‘वीलर’ द्विप से सोमवार की सुबह ११.४५ बजे ‘स्मार्ट’ का सफल परीक्षण किया गया। इस प्रणाली से ‘टोर्पेडो’ प्रक्षेपित करना और ‘वेलॉसिटी रिडक्शन मेकैनिज़म’ (वीआरएम) अच्छी तरह से कार्य करते हैं क्या, इसकी जांच करने का तय उद्देश्‍य इस परीक्षण में पूरा हुआ। इस परीक्षण पर नज़र रखेने के लिए राड़ार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल कार्य प्रणाली और टेलिमेंट्री स्टेशन का उपयोग किया गया। युद्ध के दौरान शत्रु की पनडुब्बियों को नष्ट करने की क्षमता ‘स्मार्ट’ प्रणाली रखने की वजह से यह परीक्षण अहमियत रखता है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के बाद ‘डीआरडीओ’ के वैज्ञानिकों का अभिनंदन किया। ‘डीआरडीओ’ ने ‘स्मार्ट’ का सफल परीक्षण किया। यह यंत्रणा युद्ध के दौरान शत्रु की पनडुब्बियां नष्ट करने की अपनी क्षमता बढ़ाएगी। इस महान सफलता पर हम ‘डीआरडीओ’ और उसकी पूरी टीम का अभिनंदन करते हैं, यह बयान राजनाथ सिंह ने किया। हैद्राबाद के ‘डीआरडीएल’, ‘आरसीआय’, आग्रा स्थित ‘एडीआरडीई’, विशाखापट्टनम की ‘एनएसटीएल’ जैसी ‘डीआरडीओ’ की लैब्स ने ‘स्मार्ट’ के लिए आवश्‍यक तकनीक विकसित की है। पनडुब्बियों की जंग में ‘स्मार्ट’ प्रणाली ‘गेम चेंजर’ तकनीक साबित होगी, यह विश्‍वास ‘डीआरडीओ’ के अध्यक्ष डॉ.जी.सतीश रेड्डी ने व्यक्त किया।

‘डीआरडीओ’ ने हाल ही में ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की उन्नत आवृत्ति’ परमाणु वाहक बैलेस्टिक ‘शौर्य’ मिसाइल की नई आवृत्ति का सफल परीक्षण किया था। इसके साथ ही स्वदेशी ‘लेज़र गायडेड ऐण्टी टैंक मिसाइल’ (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया गया था। बीते कुछ दिनों में ‘डीआरडीओ’ ने किए इन परीक्षणों की वजह से देश की रक्षा सिद्धता में बढ़ोतरी होगी। भारत-चीन तनाव की पृष्ठभूमि पर ‘डीआरडीओ’ ने किए यह परीक्षण अहम साबित होते हैं।

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