जर्मन चैन्सलर मर्केल के केमनिट्झ दौरे में तीव्र प्रदर्शन

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केमनिट्झ – ‘चैन्सलर, आप केमनिट्झ क्यों आये यह स्थानिक नागरिक द्वारा चैन्सलर अँजेला मर्केल को सीधा पूछा गया सवालही, इस शहर के नागरिक मर्केल पर कितना नाखूश है, इसके संकेत देनेवाला दिखाई देता है| शरणार्थियों के मसले पर जर्मन शहर में दंगा भडकने के बाद भी चैन्सलर मर्केल ने इस हिस्से को भेट देने के लिए करीब ८२ दिनों का समय लिया| उसके बाद भी उनका स्वागत नाझी तानाशाह ऍडॉल्फ हिटलर से मेलेजोल दिखानेवाले फलकों द्वारा और ‘मर्केल मस्ट गो’ जैसे ऐलान के साथ किया गया|

जर्मन चैन्सलर अँजेला मर्केल द्वारा पार्टी और देश का नेतृत्तव छोडने का ऐलान किया गया है| फिरभी उनके खिलाफ जर्मन जनता में रहा रोष अभी तक कम नही हुआ है| शुक्रवार को चैन्सलर मर्केल ने केमनिट्झ को दी भेंट, उनके खिलाफ दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी गुटों के प्रदर्शन और संवाद कार्यक्रम में उनको पूछे गये सीधे सवालों से शहर की नागरिकों में अबतक रोष की ज्वाला धुमस रही है, ऐसा दिखायी पडता है|

केमनिट्झ में करीब दो हजार से ज्यादा निदर्शक मर्केल के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में शामिल हुए थे| स्थानिक जनताही नही बल्कि उनका प्रतिनिधित्त्व करनेवाली ‘मेयर’ के बयानों से भी चैन्सलर मर्केल के दौरे के खिलाफ नाराजगी दिखायी दी| मेयर बार्बारा लुडविग ने यह भेंट देर से हुए बिना मतलब की कारवाई है, ऐसा ठप्पा लगाया| अगस्त में केमनिट्झ में जब दंगे भडके थे तर मेयर लुडविग ने चैन्सलर मर्केल को जल्द में भेट देकर स्थिती नियंत्रण में लाने का प्रयास करे, ऐसा आवाहन किया था| पर उस समय चैन्सलर मर्केल ने उस मॉंग को अनदेखा किया था|

करीब तीन महीने बाद भेट देते हुए भी चैन्सलर मर्केल ने अपनी कृती का समर्थन किया| केमनिट्झ उसी समय भेट देती तो उसका गलत मतलब निकाला जाता और स्थिती और भी बिगड जाती, ऐसा दावा मर्केल ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में किया| पर उसे दावे पे स्थानिक जनता को भरोसा नही ऐसा उनके खिलाफ आये बयान और प्रतिक्रियाओं से दिखाई पडा| उनको ईस शहर से थोडा भी अपनापन नही मिलेगा, यह प्रतिक्रिया चैन्सलर मर्केल के बारे में स्थानिक लोगों को क्या लगता है, यह स्पष्ट करनेवाली है|

२५ अगस्त को कुछ शरणार्थियों ने तीन जर्मन युवाओं पर हमला किया था| इराकी और सीरियन वंश के शरणार्थियों ने किए इस हमले में एक जर्मन युवा की मृत्यू हुई थी| इस मौत के बाद स्थानिक जनता द्वारा तीव्र प्रतिक्रिया निकली थी| दक्षिणपंथी और आक्रामक विचारधार के स्थानिक गुट ने दिए आंदोलन की मॉंग के बाद कई दिनों तक शहर में हजारों की तादाद में प्रदर्शन हुए थे| कुछ समय के लिए शहर में आपातकाल भी लागू किया गया था|

अगर देश की व्यवस्था नागरिकों की रक्षा नही कर सकती तो नागरिक खुद रास्ते पर आके खुद की रक्षा का जिम्मा उठाये, ऐसे करारे शब्दों में दक्षिणपंथी गुटों ने मर्केल को निशाना बनाया था| जर्मनी के अंतर्गत रक्षामंत्री होर्स्ट सीहोफर ने केमनिट्झ में प्रदर्शनों के रुप में स्थानिक जनता द्वारा व्यक्त हुए आक्रोश का समर्थन किया था| इस मसले सर जर्मनी के सत्ताधारी आघाडी में काफी तनाव पैदा हुआ था| चैन्सलर मर्केल के पक्ष और देश का नेतृत्त्व छोडने के फैसले के पिछे ‘केमनिट्झ’ का दंगा निर्णायक साबित हुआ, ऐसा दावा भी विश्‍लेषकों द्वारा किया जाता है|

जर्मनी से सीरियाई शरणार्थियों को निकाला जाएगा

बर्लिन – सीरिया से जर्मनी में दाखिल हुए लाखो शरणार्थियों को फिर से सीरिया में भेजने के संकेत दिए गये है| इस मामले में जर्मन सरकार द्वारा डाली पाबंदी हटायी जायेगी, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी| सीरिया में जंग की तीव्रता कम हो चुकी है और स्थिती सुधर रही है, ऐसे शब्दों में इस बाहर निकाले जाने के फैसले का समर्थन किया जा रहा है| आनेवाले दो हफ्तों में निष्कासित करने के फैसले पर मंजूरी होगी, ऐसी संभावना अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय के हवाले से व्यक्त हो चुकी है|

कुछ महीने पहिले ही जर्मन सुरक्षा यंत्रणाओं ने प्रकाशित किए रिपोर्ट में देश में हो रहे हिंसक गुनाहों के पिछे शरणार्थियों का बडी मात्रा में सहभाग होने का निष्कर्ष दर्ज किया था|

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