सरकार का तख्तापलट करनेवाली सेना के खिलाफ म्यांमार में तीव्र प्रदर्शन – प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की सेना की धमकी

नेप्यितौ – म्यांमार में सेना की हुकूमत के खिलाफ शुरू हुआ प्रदर्शन प्रतिदिन तीव्र और व्यापक होने की बात सामने आ रही है। यह प्रदर्शन कुचलने के लिए सेना और सुरक्षा यंत्रणाओं ने भी तैयारी शुरू की है और कानून का उल्लंघन करनेवाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का इशारा दिया गया है। सोमवार के दिन म्यांमार की राजधानी नेपित्यौ समेत देश के प्रमुख शहरों में हज़ारों नागरिक सड़कों पर उतरने का चित्र दिखाई दिया। यांगून जैसे देश के सबसे बड़े शहर में एक लाख से अधिक प्रदर्शनकारी सेना की हुकूमत के विरोध में निकाली गई रैली में शामिल होने का दावा किया गया है।

myanmar-protestबीते सोमवार के दिन म्यांमार की सेना ने विद्रोह करके सत्ता की ड़ोर अपने कब्जे में कर ली। इसके बाद सेना ने म्यांमार की प्रमुख जनतांत्रिक नेता और ‘नैशनल लीग फॉर डेमोक्रसी’ की अध्यक्षा ‘आँग सैन स्यू की’, राष्ट्राध्यक्ष विन मिंट समेत सैंकड़ों सांसद और नेताओं को गिरफ्तार किया है। म्यांमार की सेना ने आपातकाल का ऐलान किया है और देश के अलग अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है। म्यांमार की सेना के विद्रोह और अगली कार्रवाई के लिए चीन का समर्थन होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

myanmar-protestलेकिन, अमरीका, यूरोपिय देश और आग्नेय एशियाई देशों ने म्यांमार की सेना की बगावत के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई है और प्रतिबंधों के साथ सख्त कदम उठाने का इशारा दिया है। इसी पृष्ठभूमि पर म्यांमार की जनता ने बीते सप्ताह से सेना के विरोध में असहयोग आंदोलन छेड़ा है। इस आंदोलन को कुचलने के लिए सेना ने इंटरनेट और सोशल मीडिया ऐप्स पर पाबंदी लगाने का कदम उठाया था। लेकिन, इसे ठुकराकर लाखों की संख्या में सड़कों पर उतरे नागरिक अलग अलग माध्यमों में अपना निषेध व्यक्त करते हुए दिखाई दिए हैं।

myanmar-protestयांगून शहर में निकाली गई रैली में शिक्षक, छात्र और सरकारी कर्मचारियों समेत बौद्ध भिक्खूं का गुट भी शामिल हुआ था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘से नो टू डिक्टेटरशिप’, ‘वुई वाँट डेमोक्रसी’, ‘रिलिज अवर लीडर्स’, ‘रिजेक्ट मिलिटरी कूप’ लिखे हुए बैनर हाथों में लिए देश की प्रमुख जनतांत्रिक नेता स्यू की के समर्थन में नारे लगाए। म्यांमार की राजधानी नेप्यितौ में भी हज़ारों नागरिक लष्करी हुकूमत के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं और सरकारी कर्मचारियों के गुटों ने देशव्यापी हड़ताल का नारा लगाया है। म्यांमार में यह प्रदर्शन वर्ष २००७ के बाद सबसे बड़ा प्रदर्शन होने की बात कही जा रही है।

myanmar-protestराजधानी नेप्यितौ एवं यांगून में हुए प्रदर्शनों पर सेना एवं स्थानीय सुरक्षा यंत्रणाओं ने कार्रवाई करने की बात सामने आयी है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर रासायनों से मिश्रीत पानी के फव्वारे छोड़े जाने की बात भी सामने आयी है। म्यांमार में हो रहे यह प्रदर्शन अभी तक शांति के साथ जारी हैं, फिर भी अगले दिनों में सेना द्वारा आक्रामक कार्रवाई करने के संकेत दिए गए हैं। सोमवार के दिन सेना ने जारी किए निवेदन में कुछ गुट जनतंत्र एवं मानव अधिकारों का इस्तेमाल करके कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, यह आरोप लगाया है। देश की स्थिरता और सुरक्षा को नुकसान पहुँचा रहे ऐसे गुटों के विरोध में आक्रामक कार्रवाई की जाएगी, यह इशारा भी दिया गया है।

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