सीमा विवाद की चर्चा में भारत ने चीन को दिया कड़ा संदेश

नई दिल्ली – भारत और चीन के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों की सीमा विवाद के मुद्दे पर एक लंबी चर्चा हुई। इस चर्चा के दौरान भारत के प्रतिनिधियों ने चीन को कड़े शब्दों में संदेश देने की ख़बर प्राप्त हुई है। लद्दाख की सीमा पर ५ मई से पहले की स्थिति बरकरार रखने के लिए, चीन ने अधिक जिम्मेदारी से भूमिका निभाने की ज़रूरत होने की बात भारत ने इस चर्चा के दौरान स्पष्ट की। इसी दौरान, सीमा विवाद को लेकर तय किए गए नियमों का चीन सटीकता से पालन करें, यह माँग भी भारत ने आग्रहपूर्वक रखी है। भारत ने अपनाई ऐसी बहुत ही कड़ी भूमिका, चीन को ‘संपूर्ण वापसी’ करने के लिए मज़बूर करनेवाली होकर, उसके बग़ैर भारत को तसल्ली नहीं होगी, ऐसी स्पष्ट चेतावनी भी इस चर्चा के दौरान चीन को दी गयी है, ऐसा दावा सूत्रों ने किया।

सीमा विवाद की चर्चा

भारत और चीन के सीमा विवाद के मुद्दे पर चौथी अहम बैठक मंगलवार देर रात तक चली थी। चुशूल में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई इस चर्चा के लिए भारत का नेतृत्व लेफ्टनंट जनरल हरिंदर सिंग ने किया। करीबन १५ घंटे चली इस मैरेथॉन चर्चा के दौरान, भारत अपनी माँगों पर ड़टकर कायम रहने की बात सामने आ रही है। इस बैठक में भारत ने चीन को ‘रेड लाईन्स’ का एहसास दिलाया, ऐसा सूत्रों ने कहा है। प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिए सेना को पीछे हटाने की गति बढ़ाने पर दोनों देशों की सहमति होने की बात सूत्रों ने स्पष्ट की। गलवान वैली, हॉट स्प्रिंग्स्‌, गोग्रा की तरह पैन्गॉन्ग त्सो, लेप्सांग से सेना को पीछे हटाने की गति बढ़ाने का मुद्दा भी भारत ने उपस्थित किया। सेना को पीछे हटाने का टाईम टेबल भी तय होगा और सेना की पीछे हटने की स्थिति पर लगातार नज़र रखी जायेगी, यह बात भी भारत ने ड़टकर रखी हैं।

प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा से करीबी क्षेत्रों में होनेवाली तैनाती और गश्‍त से संबंधित, दोनों देशों ने स्वीकार किए हुए नियमों का चीन कड़ा पालन करें, यह माँग भारत ने की है। ५ मई से पहले लद्दाख की सीमा पर बनी स्थिति बरकरार रखने की माँग करके भारत ने, चीन के दावे को कमज़ोर बनाया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने यह चर्चा सकारात्मक होने के दावे किए हैं। सीमा विवाद को लेकर भारत ने अपनाई भूमिका को आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त हो रहे समर्थन की वजह से चीन नर्म रवैया अपनाने पर मजबूर हो रहा है। एक दिन पहले ही, जापान ने भारत के साथ बने सीमा विवाद के लिए चीन ही ज़िम्मेदार होने का आरोप किया था। भारत की सीमा के साथ ही भूटान, साउथ चायना सी, ईस्ट चायना सी में भी चीन अपनी सीमा का विस्तार करने की तैयारी में जुटा होने का आरोप जापान ने किया है।

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