सौदी और मित्रदेशों के हौथी ठिकानों पर जोरदार हमले – हौथी विद्रोहियों का बड़ा नेता ढ़ेर

रियाध/सना – सौदी अरब और अरब मित्रदेशों की सेना ने रविवार सुबह येमन में हौथी विद्रोहियों के ठिकानों पर जोरदार हमले किए। इन हमलों में हुए नुकसान का ब्यौरा हौथियों ने सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन, इन हमलों में हौथी संगठन के चौथे क्रमांक के नेता ‘ज़कारिया अल-शमी’ के मारे जाने का ऐलान इस संगठन ने किया है। मगर, इसके सौदी और मित्रदेशों के हमलों में मारे जाने की पुष्टी नहीं हो सकी हैं।

saudi-allies-houthiयेमन में स्थित हौथी विद्रोहियों के बीते कुछ दिनों से सौदी अरब पर हमले जारी हैं। सौदी के र्इंधन प्रकल्प, लष्करी अड्डे एवं नागरी ठिकानों पर भी हौथी विद्रोहियों ने रॉकेट्स, बैलेस्टिक मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं। सौदी एवं अरब देशों के ‘गल्फ को-ऑपरेशन काउन्सिल’ ने हौथी के विरोध में कार्रवाई करने का आवाहन किया था। लेकिन, अमरीका के बायडेन प्रशासन ने आतंकियों की सूचि से नाम हटाने के बाद हौथियों का आत्मविश्‍वास बढ़ा है और इसके बाद हौथी ने सौदी पर हमले करना जारी रखा है।

शनिवार के दिन हौथी बागियों ने सौदी के अभा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ड्रोन हमला करने का दावा किया। इन हमलों में हुए नुकसान का ब्यौरा अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। लेकिन, बीते दस दिनों में हौथी विद्रोहियों द्वारा इस हवाई अड्डे पर यह तीसरा हमला है। इसके साथ ही सौदी के खमिस मुशैत शहर पर भी हौथियों ने ड्रोन हमले करने की जानकारी कतारी समाचार चैनल ने प्रदान की है। इसके बाद सौदी और अरब मित्रदेशों के गठबंधन ने रविवार के दिन येमन की राजधानी सना में हौथियों के ठिकानों पर भीषण हवाई हमले किए।

saudi-allies-houthiसौदी और अरब मित्रदेशों की इस कार्रवाई में हौथी विद्रोहियों का बड़ा नुकसान होने का दावा सौदी के माध्यम कर रहे हैं। यह दावे होते हुए हौथी विद्रोहियों ने ‘ज़कारिया अल-शमी’ के मारे जाने का ऐलान किया। हौथी संगठन ने ज़कारिया की मृत्यु की वजह और समय घोषित करना टाल दिया है। ज़कारिया इस संगठन का चौथे क्रमांक का नेता था। सौदी ने ज़कारिया के सिर पर दो करोड़ डॉलर्स का इनाम घोषित किया था। हौथी संगठन के आतंकी हमले करने की योजना तैयार करने का ज़िम्मा ज़कारिया पर था। इस वजह से इस संगठन के लिए यह बड़ा झटका होने का दावा सौदी के माध्यम कर रहे हैं।

वर्ष १९९० के दशक में येमन के ज़ैदी समुदाय को हक प्रदान करने के लिए हुसेन अल-हौथी नामक नेता ने ‘अन्सर अल्ला’ नामक संगठन गठित की थी। येमन के उत्तरी ओर के पहाड़ी इलाके में इस संगठन का प्रभाव था। अफ़गानिस्तान की तालिबान की तरह इस संगठन ने अपने प्रभाव के क्षेत्र में युवकों को एकसाथ मिलाकर येमन की हुकूमत के विरोध में हथियारबंद करना शुरू किया था।

वर्ष २००३ में अमरिकी सेना ने इराक में घुसपैठ करने के बाद हुसेन अल-हौथी ने अमरीका के विरोध में सशस्त्र विद्रोह करने का ऐलान किया। अगले सालभर में येमनी सेना की कार्रवाई में हुसेन अल-हौथी के मारे जाने के बाद अन्सर अल्ला संगठन हौथी संगठन के नाम से जाना जाने लगा। अब्दुलमलिक अल-हौथी इस संगठन का नेता है।

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