जनता ने सूचनाओं का पालन ना करने पर महामारी को रोकने के लिए कडे निर्णय करने होंगे – राज्य सरकार का इशारा

नई दिल्ली/मुंबई – कोरोना व्हायरस की महामारी से भारत में और एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। इससे इस महामारी से भारत में दम तोडनेवालों की संख्या 4 हुई है और इस महामारी से पीडित मरीजों की संख्या बढकर 173 हुई है। इस महामारी के सबसे अधिक मरीज देश में महाराष्ट्र राज्य में देखें गए है और इस महामारी को रोकने के लिए महाराष्ट्र में कडे निर्णय करने होंगे, यह इशारा राज्य सरकार दे रही है। जनता ने सूचनाओं का पालन नही किया तो शहर की उपनगरी रेल सेवा बंद करने का निर्णय करना होगा, यह इशारा राज्य के स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे ने दिया है। 

पंजाब में इस महामारी से पीडित 70 वर्ष के मरीज की मृत्यु हुई है। साथ ही देश में कोरोना व्हायरस के मरीजों की संख्या बढकर 173 हुई है। ऐसे में इस महामारी को रोकने के लिए अधिक कडे प्रावधान करने की जरूर होन की बात स्पष्टहो रही है। इसके अनुसार पंजाब में लगभग सभी सार्वजनिक सेवा और वाहतूक बंद करने का निर्णय किया गया है। जम्मू-कश्‍मीर में भी सार्वजनिक वाहतूक व्यवस्था बंद करने का निर्णय हुआ है। दिल्ली के राज्य सरकार ने भी इस प्रकार के प्रतिबंध घोषित करके रेस्टॉरंट में 20 से अधिक लोग ना रहें, यह ध्यान रखने की सूचना जारी की है।

इस पृष्ठभूमि पर कोरोना व्हायरस के सबसे अधिक 49 मरीज महाराष्ट्र में देखें गए है और इस राज्य में लॉकडाउन की जरूरत होने की बात व्यक्त हो रही है। स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे ने भी घर से बाहर ना निकलने की सूचना पर जनता ने गंभीरता से अमल नही किया तो कडे प्रावधान करने होंगे, यह इशारा दिया है। निवेदन करने के बावजूद भी मुंबई की लोकल ट्रेन की भीड कम नही हुई है। ऐसी स्थिति कायम रही तो लोकल सेवा बंद करने के बिना विकल्प नही बचेगा, यह टोपे ने कहा है।

इसी बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जनता प्राप्त सूचनाओं पर अमल करें, यह निवेदन किया। इस विषाणु के साथ युद्ध शुरू हुआ है और इसके लिए डाक्टर्स और अन्य वैद्यकीय कर्मचारी एवं पुलिस बल भी सीमा पर तैनात सैनिकों की तरह लड रहा है। ऐसी स्थिति में नागरिकों ने घर पर रुककर उन्हें सहयोग करना होगा, यह निवेदन मुख्यमंत्री ने किया। साथ ही इस महामारी को डरकर आवश्‍यक सामान का भंडार ना करें, यह बिनती भी मुख्यमंत्री ने की। साथ ही कोरोना व्हायरस के संदिग्ध मरीज अस्पतालों से भागें तो उनकें विरोध में कडी कार्रवाई की जाएगी, यह इशारा महाराष्ट्र सरकार ने दिया है।

इससे पहले पनवेल, नागपूर, पुणे एवं अन्य कुछ जगहेंपर भी इस महामारी के संदिग्ध मरीजों ने अस्पतालों से पलायन किया था। इन मरीजों से यह महामारी अधिक फैलने की बात स्पष्ट हुई थी। इससे यंत्रणाओं पर अधिक भार बना था। इस पृष्ठभूमि पर पुलिस दल ने यह इशारा दिया है की, इस महामारी के मरीजों ने एवं संदिग्ध मरीजों ने इस तरह से अस्पतालों से भाग जाने अपराधिक मामला साबित होगा।

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