पाकिस्तान का पानी तोडने का निर्णय यानी भारत का आक्रमण – पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का दावा

इस्लामाबाद: आगे से भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान को मिलने नही देंगे| यह पानी भारतीय किसानों तक पहुंचाया जाएगा, यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी| हरियाणा की एक सभा में बोलते समय प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की आतंकी निती पर कडी आलोचना करके यह चेतावनी दी थी| इसपर पाकिस्तान से प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है| पाकिस्तान का पानी तोडने की भाषा यानी आक्रमणही है, यह दावा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने किया है| साथ ही भारत सरकार सियासी स्वार्थ के लिए युद्धज्वर फैला रही है, यह आरोप पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने किया|

वर्ष १९६० में भारत और पाकिस्ता ने सिंध जलवाटप समझौताकिया था| इसके अनुसार भारत की भूमि से पाकिस्तान में बहनेवाली नदियों का पानी भारत इस देश को दे रहा है| पाकिस्तान के हिस्से में आनेवाले पानी से भी अधिक पानी भारत पाकिस्तान को प्रदान करता रहा है| ऐसे में भारत की इस उदारता का लाभ उठानेवाले पाकिस्तान ने भारत के विरोध में आतंकवाद के सहयता से युद्ध शुरू किया| आजतक पाकिस्तान की यह हरकतें भारत ने बर्दाश्त की है| पर, अब आगे से ऐसी हरकतें भारत बर्दाश्त नहीं करेगा, इन हरकतों की किमत पाकिस्तान को चुकानी होगी, ऐसे इशारें भारत ने दिए थे| खून और पानी एक समय पर नही बह सकतें, ऐसे सटिक शब्दों में भारत ने पाकिस्तान को कडी चेतावनी दी थी|

इसके बावजूद पाकिस्तान ने भारत के विरोध में छेडा छुपा युद्ध अभी रोका नही है| इसपर ध्यान देकर हरियाणा की सभा में बोलते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का पानी तोडने का इशारा दिया| इसके आगे भारत अपने हिस्से का पानी पाकिस्तान को नही देगा| यह पानी हरियाणा और राजस्थान के किसानों तक पहुंचाया जाएगा| इस पानी पर उन्हीं का हक है, यह भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा| पिछले ७० वर्षों से पाकिस्तान को भारत पानी देता रहा है| पर, अब ऐसा नही होगा, यह इशारा प्रधानमंत्री मोदी ने दिया था|

उनके इस वक्तव्य पर पाकिस्तान से कडी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है| पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भारत के प्रधानमंत्री ने किया यह ऐलान यानी आक्रमण ही साबित होता है, यह आरोप रखा| भारत से पाकिस्तान में बहनेवाली नदियों के पानी पर पाकिस्तान का अधिकार है| दोनों देशों ने किए सिंधू जलवाटप समझौते के अनुसार यह पानी भारत तोड नही सकता| भारत ने ऐसा निर्णय किया तो, इसपर जवाब देने का अधिकार पाकिस्तान रखता है, ऐसा फैसल ने कहा है|

इससे पहले सिंधू जलवाटप समझौते का भारत उल्लंघन कर रहा है, यह आरोप करके पाकिस्तान ने इसके विरोध में वैश्‍विक बैंक के सामने दर्ख्वास्त रखी थी| पर यह दो देशों का समझौता होने की बात कहकर वैश्‍विक बैंक पाकिस्तान के शिकायत पर प्रतिसाद देने से दूर रही थी|

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