म्यांमार में जनतंत्र स्थापित करके लष्करी हुकूमत पर सख्त कार्रवाई करे – म्यांमार के राजदूत का संयुक्त राष्ट्रसंघ से आवाहन

संयुक्त राष्ट्रसंघ – ‘म्यांमार की जनता और जनतंत्र की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय किसी भी मार्ग का इस्तेमाल करे। म्यांमार में इस जुंटा हुकूमत का विद्रोह कुचलने के लिए, निरपराध जनता पर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए और जनता का राज, जनतंत्र दोबारा स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सख्त कार्रवाई करना आवश्‍यक ही है’, ऐसा आवाहन संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त म्यांमार के राजदूत ‘क्या मो तून’ ने किया है। क्या मो ने किए इस आवाहन का विश्‍वभर में स्वागत किया जा रहा है और ऐसे में म्यांमार की सेना ने प्रदर्शनकारियों पर जारी कार्रवाई की तीव्रता बढ़ाई है।

जनतंत्रम्यांमार की सेना ने 1 फ़रवरी के दिन जनतांत्रिक नेता आँग सैन स्यू की की सरकार का तख्तापलट करके देश का नियंत्रण अपने हाथों में लिया। स्यू की को नज़रकैद करके म्यांमार की सरकार के नेताओं को सेना ने हिरासत में लिया था। म्यांमार में हुए चुनाव के नतीज़ों के खिलाफ जाकर सेना ने की हुई इस कार्रवाई के विरोध में यहां की जनता लगभग चार हफ्तों से सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है। स्यू की और अन्य जनतांत्रिक नेताओं की रिहाई की माँग हो रही है। म्यांमार की सेना ने इन प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई शुरू की है और सेना ने रास्तों पर टैंक भी उतारे हैं।

जनतंत्रम्यांमार की सेना द्वारा हो रही इस कार्रवाई की गूँज पूरे विश्‍व में सुनाई दे रही है। ऐसी स्थिति में संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त म्यांमार के राजदूत क्या मो सुरक्षा परिषद के सामने क्या पक्ष रखते हैं, इस ओर पूरे विश्‍व का ध्यान लगा था। लेकिन, राजदूत क्या मो ने स्यू की की जनतांत्रिक सरकार का पक्ष रखकर सुरक्षा परिषद में सभी सदस्यों को चौंका दिया। राजदूत क्या मो ने खुलेआम सेना के विद्रोह की आलोचना करके अपने देश को जनता ने जनता के लिए स्थापित किए जनतंत्र की आवश्‍यकता होने का निवेदन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने किया।

जनतंत्रइसके साथ ही विश्‍वभर के हर जनतंत्र के समर्थक देश ने म्यांमार की सेना के विद्रोह का विरोध करे, वहां की हुकूमत को मंजूरी ना दे, यह माँग क्या मो ने रखी। म्यांमार के राजदूत ने सेना के खिलाफ जाकर अपनाई इस भूमिका का सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों ने तालियों से स्वागत किया।

इसी बीच, क्या मो ने राष्ट्रसंघ में किए इस निवेदन के बाद म्यांमार की सेना ने प्रदर्शकारियों पर जारी कार्रवाई तीव्र की है। अब तक सेना ने 400 से अधिक जनप्रतिनिधी और कम से कम 50 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। इनमें स्यू की की सरकार के आर्थिक सलाहकार के तौर पर काम कर रहे सीन टर्नल नामक ऑस्ट्रेलियन अफसर का भी समावेश है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.