नौसेना में ‘एएलएच एमके ३’ हेलिकॉप्टर्स का स्क्वाड्रन कार्यान्वित

नई दिल्ली – भारत ने बनाए ‘एडवान्स लाईट हेलिकॉप्टर’ ‘एमके-३’ का पहला स्क्वाड्रन भारतीय नौसेना में कार्यान्वित हुआ है। रक्षा राज्यमंत्री श्रीपाद नाईक की मौजुदगी में गोवा स्थित ‘आयएनएस हंसा’ अड्डे पर ‘एएलएच एमके ३’ हेलिकॉप्टर्स का पहला स्क्वाड्रन नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया।

एमके ३

‘एएलएच एमके ३’ हेलिकॉप्टर्स गश्‍त, राहतकार्य और सर्च ऑपरेशन्स के लिए उपयुक्त हैं और इन बहुउद्देशीय प्रगत हेलिकॉप्टर्स का निर्माण हिंदुस्थान एरॉनॉटिक्स लिमिटेड (हल) ने किया है। इन हेलिकॉप्टर्स के लिए आवश्‍यक इंजन का निर्माण भी ‘हल’ ने ही विकसित किया है। इस इंजन को ‘शक्ति इंजन’ नाम दिया गया है। ‘एएलएच एमके ३’ हेलिकॉप्टर्स आत्मनिर्भर भारत नीति के नज़रिये से काफी अहम हैं।

यह हेलिकॉप्टर्स रात के समय भी मुहिम में शामिल हो सकते हैं। इन हेलिकॉप्टर्स पर काफी प्रगत सेंसर्स लगाए गए हैं। साथ ही गश्‍त के लिए इन्हें प्रगत राड़ार से लैस किया गया है। पायलट के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स वॉरफेअर सूट, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल पॉड जैसी यंत्रणा भी इन हेलिकॉप्टर्स पर लगाई गई है। इस वजह से २६/११ जैसे हमले रोकना संभव होगा। समुद्री मार्ग से होनेवाली घुसपैठ और संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए इन हेलिकॉप्टर्स का काफी प्रभावी इस्तेमाल मुमकिन होगा, ऐसा दावा किया जा रहा है।

इससे पहले ‘एएलएच एमके १’ हेलिकॉप्टर्स का निर्माण ‘हल’ ने किया था। अगले चरण में ‘एएलएच एमके २’ का निर्माण किया गया। यह हेलिकॉप्टर्स ‘धृव’ नाम से कार्यरत हैं और ‘एएलएच एमके ३’ हेलिकॉप्टर्स ‘धृव’ की प्रगत आवृत्ति हैं। ‘हल’ अब ‘एएलएच एमके ४’ का निर्माण करने में जुटी है और यह हेलिकॉप्टर्स ‘टुरेट गन’, ‘रॉकेट’, एवं हवां से हवां और ज़मीन पर हमला करनेवाले मिसाइलों से लैस होंगे।

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