लष्करी अड्डे पर तैनाती का खर्च उठाने पर दक्षिण कोरिया और अमरीका की सहमति

सेऊल/वॉशिंग्टन – दक्षिण कोरिया में तैनात अमरिकी सेना के खर्च के मुद्दे पर दोनों देशों की सहमति हुई है। दक्षिण कोरिया ने अमरीका को १३.९ प्रतिशत अधिक राशि देने की बात स्वीकारी है। करीबन दो दशक के बाद पहली बार दक्षिण कोरिया ने अमरिकी सेना के खर्चे में इतनी बड़ी बढ़ोतरी को मंजूरी प्रदान की है। फिलहाल अमरीका के २८,५०० सैनिक दक्षिण कोरिया में तैनात हैं।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने यह आरोप किया था कि, दक्षिण कोरिया काफी कम खर्च करके अमरीका के लष्करी सामर्थ्य का लाभ उठा रहा है। ट्रम्प ने वर्ष २०१९ में दक्षिण कोरिया के सामने अमरिकी अड्डा और सैनिकों के खर्च के लिए पांच अरब डॉलर्स देने की माँग रखी थी। इस पर दक्षिण कोरिया में तीव्र प्रतिक्रिया उठी थी। इस मुद्दे पर दोनों देशों के संबंधों में कुछ मात्रा में दरार निर्माण होने के संकेत प्राप्त हुए थे।

लेकिन, अब भी दो देशों में इस मुद्दे पर बीते वर्ष से चर्चा जारी थी। अमरीका के नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने बीते हफ्ते में ही दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष मून जाए इन से वर्चुअल कान्फरन्स द्वारा बातचीत की थी। इस बातचीत के दौरान खर्च तथा उत्तर कोरिया के मुद्दे पर बातचीत हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की खर्च के मुद्दे पर हुई सहमति ध्यान आकर्षित करती है।

नए प्रावधानों के अनुसार दक्षिण कोरिया अब अमरीका को १.३ अरब डॉलर्स प्रदान करेगा। यह राशि वर्ष २०२१ के लिए होगी और इसके बाद वर्ष २०२२ से २०२५ के लिए अलग प्रावधान किया जाएगा। दक्षिण कोरिया के रक्षा खर्च के तहत अमरीका को प्रदान हो रही राशि बढ़ेगी, ऐसा भी कहा गया है। मंगलवार के दिन हुई सहमति के अनुसार वर्ष २०२२ में इस वर्ष की तुलना में ५.४ फीसदी बढ़ोतरी की जाएगी।

‘मंगलवार के दिन हुई सहमति की वजह से दोनों देशों के संबंधों में बनी दरार दूर हुई है। अमरिकी सैनिकों की दक्षिण कोरिया में हुई तैनाती और दोनों देशों का लष्करी गठबंधन मज़बूत करने पर भी मुहर लगी है’, इन शब्दों में दक्षिण कोरिया के वरिष्ठ अधिकारी जेआँग युन-बो ने अमरीका के साथ तनाव दूर होने के संकेत दिए हैं।

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