चीनी विमानों की घुसपैठ से दक्षिण कोरिया आक्रामक – चीन के राजदूत को भेजा समन्स

सेऊल: दक्षिण और उत्तर कोरिया के बीच शांति चर्चा को २४ घंटे बीतने से पहले ही चीन ने दक्षिण कोरिया से छेडखानी करने की कोशिश की है। चीन के निगरानी रखने वाले लष्करी विमान ने शनिवार को लगभग ४ घंटों तक दक्षिण कोरिया की हवाई सीमा में निगरानी करने की जानकारी सामने आई है। दक्षिण कोरिया ने अपने लड़ाकू विमानों की सहायता से चीनी विमान को भगाने में सफलता प्राप्त की है और चीन के राजदूत को समन्स भेजकर तीव्र नाराजगी जताई है। इस घटना से कोरिया क्षेत्र में तनाव फिर एक बार बढने के संकेत मिल रहे हैं।

शनिवार को सुबह पौने ग्यारह के अस पास चीन का लष्करी निगरानी विमान दक्षिण कोरिया के ‘लिओ आयलैंड’ के पश्चिमोत्तर इलाके से हवाई सुरक्षा सीमा में घुस गया। उसके बाद लगभग चार घंटों तक यह विमान दक्षिण कोरिया की हवाई सुरक्षा की सीमा से ‘पोहांग’, ‘उलेहुंग’ इलाके में घूम रहा था। दोपहर ढाई बजे के आसपास चीन का विमान दक्षिण कोरिया की सीमा से बाहर निकल गया, ऐसी जानकारी दक्षिण कोरिया के रक्षादल ने दी है।

चीनी विमानों, घुसपैठ, दक्षिण कोरिया आक्रामक, चीन के राजदूत, भेजा समन्स, सेऊल, हवाई सुरक्षाचीन का विमान हवाई सीमा में घुसने के बाद दक्षिण कोरिया ने लड़ाकू ‘एफ-१५ के’ विमान के साथ अन्य विमानों को तुरंत चीन के विमान के पीछे भेज दिया। इस मामले में सीधे चीन से संपर्क करके विमान को बाहर निकलने के निर्देश भी दिए। चीन ने अपना विमान अंतर्राष्ट्रीय सीमा में है, ऐसा कहकर आगे की कार्रवाई जारी रखी, ऐसा दावा किया। उसके बाद चीन के मंत्रालय की ओर से इस मामले में चीन ने उचित स्पष्टीकरण न देने की वजह से इस घटना की गंभीरता अधिक बढ़ गई है ऐसा माना जा रहा है।

दक्षिण कोरिया की हवाई सीमा में इस तरह से विमान को घुसाने की चीन की यह तीसरी कोशिश है। इसके पहले फ़रवरी महीने में भी चीन का विमान दक्षिण कोरिया की सीमा में घुस गया था। उस समय भी दक्षिण कोरिया ने चीन को सबक सिखाया था। दक्षिण कोरिया ने शनिवार की घटना के बाद चीन के राजदूत किऊ गुओहोंग को समन्स भेजकर घटना की जानकारी दी। साथ ही इसके आगे इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, यह संदेश चीन के सत्ताधारियों तक पहुँचाया जाए, ऐसी चेतावनी भी दी। दक्षिण कोरिया ने चीन के पास अधिकृत स्तर पर शिकायत दर्ज की है।

उत्तर कोरिया के तानाशाह ‘किम जॉन्ग-उन’ ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष ‘मून जे-ईन’ से मुलाकात करके अपने परमाणु कार्यक्रम को पीछे हटाने की बात को माना था। इसका स्वागत करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने वह जल्द ही उत्तर कोरिया के तानाशाह से मुलाकात करने वाले हैं ऐसा घोषित किया था। उत्तर कोरिया को चीन के प्रभाव के नीचे रहने वाला देश माना जाता है। लेकिन वर्तमान में उत्तर कोरिया के तानाशाह ने अपनाई हुई भूमिका को देखा जाए तो अब उत्तर कोरिया चीन के प्रभाव के नीचे नहीं है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

कोरियन नेताओं की भेंट का स्वागत किया गया है, लेकिन चीन इस वजह से अस्वस्थ हुआ है, यह बात छिपी नहीं है। चीनी विमानों ने दक्षिण कोरिया की सीमा में घुसपैठ करके निर्माण किये तनाव के पीछे यह पृष्ठभूमि है।

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