‘साऊथ चायना सी’ में चीन ने किए १६ लड़ाक़ू विमान तैनात

अमरीका-फिलिपाईन्स की संयुक्त गश्त सुरू

china jet woody J-11
चीन ने ‘साऊथ चायना सी’ स्थित पॅरासेल द्वीपसमूह के ‘वुडी आयलंड’ पर १६ ‘शेनयांग जे-११’ लड़ाक़ू विमान तैनात किये हैं। हफ़्ते भर पहले ही चीन ने इन लड़ाक़ू विमानों की तैनाती की होने की ख़बर अमरीका के लष्करी अधिकारी ने दी। चीन द्वारा ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र का लष्करीकरण किया जा रहा होते समय, अमरीका एवं फिलिपाईन्स की नौसेनाओं ने इस सागरी क्षेत्र में संयुक्त गश्त शुरू की होने की घोषणा अमरीका ने की है। वहीं, फिलिपाईन्स एवं   व्हिएतनाम भी यहाँ पर संयुक्त सागरी गश्त शुरू करने के विचार में हैं।

चीन द्वारा ‘वुडी आयलंड’ पर की लष्करी गतिविधियाँ फ़रवरी महीने में ही शुरू की गयी थी। इस द्वीप पर क्षेपणास्त्रभेदी यंत्रणा और दो लड़ाक़ू विमान तैनात किये गए थे। क्षेपणास्त्रभेदी यंत्रणा के साथ ही, रड़ार एवं बॅटरी भी इस द्वीप पर बिठाये गये होने की तस्वीरें प्रकाशित की गयी थीं। अमरीका द्वारा ‘वुडी आयलंड’ पर की इन लष्करी गतिविधियों की आलोचना की जाने के बाद, चीन के राष्ट्राध्यक्ष ‘शी जिनपिंग’ ने फ़रवरी महीने में किये अपने अमरीका दौरे में इन आरोपों का खंडन किया था। साथ ही, चीन ‘साऊथ चायना सी’ का लष्करीकरण नहीं कर रहा होने का खुलासा भी उन्होंने किया था।

लेकिन चीन ने इस द्वीप पर लड़ाक़ू विमानों का स्क्वाड्रन तैनात किया होने की जानकारी अमरिकी रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने दी। पिछले हफ़्ते चीन ने ‘वुडी आयलंड’ पर १६ ‘जे-११’ तैनात किये होने की जानकारी उपरोक्त अधिकारी ने उसका नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर दी। चीन की इस तैनाती के कारण ‘साऊथ चायना सी’ में तनाव बढ़ चुका है, ऐसी टिप्पणी भी उपरोक्त अधिकारी ने की। अमरीका के रक्षामंत्री ऍश्टन कार्टर ने इससे पहले ही अपना पूर्वनियोजित चीन दौरा स्थगित करके अपनी नाराज़गी चीन तक पहुँचायी ही थी। लेकिन अब जल्द ही कार्टर फिलिपाईन्स के दौरे पर आनेवाले हैं। उस समय वे अमरीका एवं फिलिपाईन्स के बीच के नये रक्षा सहयोग की घोषणा करेंगे, ऐसा कहा जा रहा है। उससे पहले ही ‘वूड आयलंड’ में लड़ाक़ू विमान तैनात करके चीन ने अपनी आक्रामकता का प्रदर्शन किया है।

इसी दौरान, अमरीका एवं फिलिपाईन्स की नौसेनाओं ने एक महत्त्वपूर्ण घोषणा की। दोनों देशों के बीच लष्करी सहयोग को बढ़ाने के लिए गुरुवार से ‘साऊथ चायना सी’ के सागरी क्षेत्र में अमरीका एवं फिलिपाईन्स की नौसेनाओं ने संयुक्त गश्त की शुरुआत की है। अमरीका एवं फिलिपाईन्स की नौसेनाओं के बीच चल रहे युद्ध-अभ्यास की पार्श्वभूमि पर यह घोषणा की गयी है। कुछ दिन पहले ही अमरीका एवं फिलिपाईन्स के बीच हुए समझौते के अनुसार फिलिपाईन्स के पाँच लष्करी अड्डों पर इसके आगे अमरिकी लष्कर तैनात होगा। इनमें से दो लष्करी अड्डें ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र के नज़दीक होने के कारण चीन ने उसपर ऐतराज़ जताया है।

साथ ही, अगले छ: सालों के लिए इस सागरी क्षेत्र में फिलिपाईन्स और व्हिएतनाम की नौसेनाएँ संयुक्त रूप में गश्त करेंगी, ऐसी जानकारी फिलिपाईन्स के लष्करी अधिकारी ने दी।

इन बातों से यह साफ़ साफ़ दिखायी दे रहा है कि चीन ‘साऊथ चायना सी’ को अपना निजी सागरी क्षेत्र मान रहा है और यह बात बाक़ी दुनिया को हज़म नहीं हो रही है।

हाल ही में, चीन ने ऑस्ट्रेलिया को यह चेतावनी दी कि ‘साऊथ चायना सी’ के बारे में कुछ भी वक्तव्य करने से पहले ऑस्ट्रेलिया सावधानी बरतें, अन्यथा उसका ठेंठ असर चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच के आर्थिक सहयोग पर होगा। पिछले साल ही चीन और ऑस्ट्रेलिया में ‘मुक्त व्यापारी समझौता’ (’फ़्री ट्रेड़ ऍग्रीमेंट’) हुआ था। उस पार्श्वभूमि पर चीन द्वारा ऑस्ट्रेलिया को दी गयी यह चेतावनी बहुत ही मायने रखती है।

इसी दौरान, अमरीका के विदेशमंत्री जॉन केरी ने चीन से यह आवाहन किया है कि जब अन्य आग्नेय एशियाई देश ‘साऊथ चायना सी’ पर अपना भी हक़ रहने का दावा कर रहे हैं, तब चीन इस सागरीक्षेत्र पर अपना इकतरफ़ा हक़ ना जतायें। ‘एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता एवं सुरक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण रहनेवाले ‘साऊथ चायना सी’ का मसला चर्चा के माध्यम से सुलझाया जाये; इकतरफ़ा अधिकार जताकर या लष्करी ताकत का इस्तेमाल करके नहीं’ ऐसा आवाहन केरी ने किया और ‘चाहे तो चर्चा के लिए अमरीका मध्यस्थ की भूमिका अदा कर सकती है’ ऐसा प्रस्ताव भी रखा था। लेकिन अमरीका इस मामले में दख़लअंदाज़ी न करें, ऐसी फ़टकार चीन ने लगायी थी।

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