युद्ध के नगाड़ों की आवाज़ सुनाई दे रही है – ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ अफसर पेज़ुलो का इशारा

australia-michael-pezzulloकैनबेरा – ‘युद्ध के नगाड़ों की आवाज़ साफ सुनाई दे रही है’, ऐसा इशारा ऑस्ट्रेलिया के अंदरुनि सुरक्षा विभाग के सचिव माईक पेज़ुलो ने अपने देश को दिया है। मुक्त देशों को फिर से युद्ध के नगाड़ों की आवाज़ सुनाई दे रही है, ऐसा कहकर पेज़ुलो ने चीन के साथ युद्ध की आशंका व्यक्त की। ऑस्ट्रेलिया के अंदरुनि सुरक्षा मंत्री कैरेन एंड्र्युज ने भी पेज़ुलो ने दिए इशारे पर मुहर लगाई है। इसी दौरान ऑस्ट्रेलिया में दिए जा रहे इन इशारों पर चीन की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। तैवान के अलगाववादियों को समर्थन देकर उन्हें गलत संदेश देना और साथ ही चीन के अंदरुनि मामलों में दखलअंदाज़ी करने से ऑस्ट्रेलिया बचे, ऐसी माँग चीन के विदेश मंत्रालय ने की है।

युद्ध के नगाड़े सुनाई दे रहे हैं। कई बार इनकी आवाज़ दूर से आती है और कई बार यह आवाज़ साफ सुनाई देती है। मुक्त देशों को यह आवाज़ फिर से सुनाई दे रही है। चिंताजनक स्तर पर बढ़ रहे लष्करीकरण का नतीजा युद्ध में तब्दील नहीं होगा, ऐसी संभावना दिख रही थी। लेकिन, अब शांति के लिए गतिविधियाँ शुरु करके इस युद्ध का शाप हटाने की कोशिश करेंगे, ऐसा बयान पेज़ुलो ने किया है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सैनिकों के साथ बोलते समय पेज़ुलो का यह बयान स्पष्ट तौर पर चीन का खतरा रेखांकित करता है। इस देश के अंदरुनि सुरक्षा मंत्री कैरन एंड्र्युज ने पेज़ुलो के दावे का समर्थन किया। उनके इशारे चौकन्ना करने के लिए हैं ना की ड़राने के लिए और ऐसा करने का पूरा अधिकार पेज़ुलो को होने का बयान एंड्र्युज ने किया।

australia-michael-pezzulloऑस्ट्रेलियन विश्‍लेषकों ने भी पेज़ुलो के इशारे का समर्थन किया है। स्पष्ट मत प्रदर्शन करने के लिए पहचाने जानेवाले पेज़ुलो ने सामने रखे मुद्दे तर्कसंगत हैं। चीन भारी मात्रा में लष्करी सामर्थ्य बढ़ा रहा है। साथ ही वर्चस्व स्थापित करने की चीन की महत्वाकांक्षा भी बढ़ रही है। साउथ चायना सी में चीन की जारी हरकतें, तैवान के प्रति अपनाई हुई नीति, भारत के साथ संघर्ष, ऐसे सभी मुद्दे चीन की महत्वाकांक्षा भारी मात्रा में बढ़ने की बात दिखाते हैं। उपग्रह विरोधी मिसाइलों का खतरा, सायबर हमले और ऑस्ट्रेलिया के अंदरुनि कारोबार में चीन की दखलअंदाज़ी काफी ड़रावने मुद्दे हैं। इन बातों को अनदेखा करना घातक साबित होगा, ऐसा इशारा इन विश्‍लेषकों ने दिया है।

चीन से खतरा बढ़ रहा है और ऐसे में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी लष्करी क्षमता में बढ़ोतरी नहीं की है, इस ओर भी यह ऑस्ट्रेलियन विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वैंग वेनबिन ने ऑस्ट्रेलिया से प्राप्त हो रहे इशारों पर अपने देश का बयान दर्ज़ किया है। चीन और तैवान के बीच संघर्ष भड़क सकता है, ऐसी संभावना ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री पीटर ड्युटॉन ने जताई थी। यही मुद्दा पकड़कर वेनबिन ने इशारा दिया है कि, चीन के अंदरुनि कारोबार में दखलअंदाज़ी करने से ऑस्ट्रेलिया दूर रहे। तैवान में अलगाववादी ताकतों को गलत संदेश प्राप्त ना हो, इसका ध्यान ऑस्ट्रेलिया रखे। चीन के साथ जारी व्यापार युद्ध रोकना हो तो ऑस्ट्रेलिया ने ऐसे कदम उठाना उचित होगा, ऐसा इशारा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दिया है।

australia-michael-pezzulloफिलहाल ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच व्यापारयुद्ध जारी है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के उत्पादनों पर प्रतिबंध लगाए हैं। चीन अपने झिंजियांग प्रांत में उइगरवंशी इस्लामधर्मियों पर कर रहे अत्याचार और उनसे जबरन काम करा रहा हैं, यह स्पष्ट हुआ है। चीन के इस झिंजियांग प्रांत से ऑस्ट्रेलिया पहुँच रहे उत्पादनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने गतिविधियाँ शुरू की हैं। ऑस्ट्रेलिया में रहनेवाले उइगरवंशियों ने भी इस निर्णय का समर्थन किया हैं। लेकिन, इसपर चीन प्रतिक्रिया दर्ज़ कर सकता हैं। यह संभावना ध्यान में रखकर ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ अधिकारी एवं नेता अपनी जनता को चीन से बन रहे खतरों का स्पष्ट अहसास करा रहे हैं। पेज़ुलो का बयान भी ऑस्ट्रेलियन राजनीतिक नेतृत्व की नीति का हिस्सा होने की संभावना दिख रही है।

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