ओबामा ने कहा पाकिस्तान को ‘आतंकवादी संगठनों का नंदनवन’

Washington : President Barack Obama delivers his State of the Union address to a joint session of Congress on Capitol Hill in Washington, Tuesday, Jan. 12, 2016. AP/PTI(AP1_13_2016_000008B)

भविष्य में भी ‘आयएस’, ‘अल कायदा’ के साथ साथ अन्य नये आतंकवादी संगठनों के लिए पाक़िस्तान ‘नंदनवन’ साबित होगा, ऐसी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने साफ़ साफ़ कहा है। अमरिकी काँग्रेस के संयुक्त अधिवेशन में अपना आख़िरी भाषण करते हुए ओबामा ने यह स्पष्ट रूप से कहा कि पाक़िस्तान में रहनेवाली अस्थिरता आतंकवाद के लिए पोषक साबित होगी। आतंकवाद के ख़िलाफ़ पाक़िस्तान द्वारा चलायी जा रही ‘झर्ब-ए-अज्ब’ यह लष्करी मुहिम क़ामयाब हुई होने का दावा पाक़िस्तान कर रहा है। लेकिन ओबामा ने पाक़िस्तान को वास्तव का एहसास कराया है।

अमरिकी काँग्रेस में किये अपने भाषण में ओबामा ने – आतंकवाद, निर्वासित, ओबामाकेअर, शिक्षा, अर्थव्यवस्था के साथ साथ अपनी विदेशनीति के मुद्दें भी प्रस्तुत किए। ‘आयएस’ के बारे में जानकारी देते हुए, ‘आयएस’ के ख़िलाफ़ अमरीका ने छेड़ा हुआ संघर्ष आगे भी जारी रहेगा, ऐसा ओबामा ने कहा। अमरीका की, ‘आयएस’ और ‘अल कायदा’ इन आतंकवादी संगठनों के विरोध में रहनेवाली नीति में बदलाव नहीं होगा, ऐसा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने घोषित किया। ‘आयएस’ और ‘अल कायदा’ ये आतंकवादी संगठन अमरीका की सुरक्षा के लिए ख़तरा साबित हुए हैं, यह ओबामा ने स्पष्ट किया। लेकिन इन आतंकवादी संगठनों के कारण अमरीका का अस्तित्व ख़तरे में नहीं पड़ सकता, ऐसा दावा भी ओबामा ने किया।

इस आतंकवादी संगठन को ख़त्म करने के लिए अमरीका ने शुरू की हुई मुहिम जारी ही रहेगी, यह कहते हुए ओबामा ने यह बताया कि यह ‘तीसरा विश्वयुद्ध’ नहीं है। ‘आयएस’ तथा  ‘अल कायदा’ इन आतंकवादी संगठनों का अंत यह हालाँकि अमरीका का लक्ष्य है, मग़र फिर भी अमरीका की विदेशनीति इतने तक ही सीमित नहीं है, यह भी ओबामा ने कहा। इन आतंकवादी संगठनों के बाद भी नये सिरे से निर्माण होनेवाले आतंकवादी संगठनों के लिए पाक़िस्तान, अफ़गानिस्तान जैसे देश ‘नंदनवन’ साबित हो सकते हैं, ऐसी चेतावनी ओबामा ने दी। इन आतंकवादी संगठनों के कारण जगह जगह पर वांशिक संघर्ष भड़केंगे और उसमें से निर्वासितों की नयी लहर तैयार होगी, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।

पाक़िस्तान में ‘आयएस’ इस आतंकवादी संगठन ने अपनीं जड़ों को मज़बूत करने के शुरुआत की हुई होने का दावा किया जाता है। इस आतंकवादी संगठन ने पाक़िस्तान में कुछ स्थानों पर हमले करके अपनी उपस्थिति का एहसास भी करा दिया है। मग़र फिर भी ‘आयएस’ का अस्तित्व अपने देश में न होने का दावा पाकिस्तान और लष्कर कर रहे हैं। ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ जैसे संगठन के ख़िलाफ़ की कार्रवाई, यह अपना लक्ष्य है, ऐसा पाक़िस्तान कह रहा है।

पिछले सालभर पाक़िस्तानी सेना इस आतंकवादी संगठन के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है और ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ का प्रभाव नष्ट किया होने का दावा पाकिस्तान ने किया था। साथ ही, पाक़िस्तानी लष्कर आतंकवाद के ख़िलाफ़ संतोषजनक कार्रवाई कर रहा है, ऐसा घोषित किया था। लेकिन पाक़िस्तानी लष्कर अफ़गानिस्तान के सीमाप्रदेश में घातपात करानेवाले ‘हक्कानी नेटवर्क’ पर कार्रवाई नहीं कर रहा है, ऐसी आलोचना भी अमरीका ने की थी।

इस पार्श्वभूमि पर, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ओबामा ने, पाक़िस्तान में अब भी आतंकवादी संगठन सक्रिय होकर, पाक़िस्तान की अस्थिरता का फ़ायदा इन आतंकवादी संगठनों को मिल सकता है, यह चेतावनी दी है। पाक़िस्तान में अस्थिरता यदि क़ायम रही और आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करने में लष्कर एवं सरकार नाक़ामयाब हुई, तो पाक़िस्तान के परमाणु-अस्त्र आतंकवादियों के हाथ लग सकते हैं, ऐसी चेतावनी भी इससे पहले अमरीका ने दी थी।

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