अमरिका के चुनाव के हस्तक्षेप के पीछे जॉर्ज सोरस – रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के संकेत

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वॉशिंग्टन – सन २०१६ में अमरिका में हुए चुनाव में रशिया ने हस्तक्षेप करने का आरोप हो रहा है, ऐसे में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के साथ हुई संयुक्त पत्रकार परिषद में रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया विधान सबका ध्यान आकर्षित कर रहा है।रशिया पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं, ऐसा कहते हुए रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दौलतमंद अमरिकन निवेशक जॉर्ज सोरस का उल्लेख किया था। यह उल्लेख सूचक है, ऐसा कहकर चुनाव में हस्तक्षेप के पीछे सोरस का हाथ है, ऐसा पुतिन का कहना है, ऐसा दावा मीडिया करने लगा है।

फ़िनलैंड के हेल्सिंकी में हुई राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की चर्चा के बाद संयुक्त पत्रकार परिषद का आयोजन किया गया था। अपेक्षा के अनुसार इस पत्रकार परिषद में एक अमरिकी पत्रकार ने सन २०१६ में अमरिका में हुए चुनाव में रशिया ने हस्तक्षेप किया है, इस अमरिकी गुप्तचर संस्था ने की आरोपों पर क्यों विश्वास नहीं रखना है? ऐसा सवाल किया था। इसका ट्रम्प ने जवाब दिया था और वह मीडिया में प्रसिद्ध भी हुआ था।लेकिन उसके बाद रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इसके ऊपर किए हुए विधान और सोरस के उल्लेख पर मीडिया ने जोर दिया है।

जिस कंपनी पर अमरिका के चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप किया जा रहा है, वह कंपनी रशियन सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाली नहीं है, इस बात को पुतिन ने स्पष्ट किया है। अमरिका के अरबपति निवेशक सोरस यह अमरिका की भूमिका, अमरिका का दृष्टिकोण इसका प्रतिनिधित्व नहीं करते, साथ ही वह रशियन कंपनी रशिया का प्रतिनिधित्व नहीं करती, ऐसा पुतिन ने कहा है। इसके बाद अमरिकी मीडिया ने पुतिन के इस विधान पर चर्चा शुरू की। रशियन राष्ट्राध्यक्ष को उदाहरण देना था तो उनको बिल गेट्स अथवा अन्य बड़े उद्याजकों का भी नाम ले सकते थे।लेकिन उन्होंने सोरस का ही उल्लेख क्यों किया? ऐसे सवाल कुछ विश्लेषक कर रहे हैं।

अर्थात सोरस का उल्लेख करके पुतिन को कुछ संकेत देने हैं।सन २०१६ के चुनाव में रशिया ने नहीं बल्कि सोरस ने ही हस्तक्षेप किया और उसका आरोप रशिया पर डालने का षडयंत्र इसके पीछे हो सकता है, ऐसा पुतिन को शायद कहना है, ऐसा दावा कुछ अमरिकी वृत्तसंस्था कर रहीं हैं। इन दिनों अमरिका और यूरोप में सोरस विवादास्पद विषय बन गए हैं।हंगेरी जैसे देश के संसद ने तो ‘स्टॉप सोरस बिल’ नाम का विधेयक मंजूर किया है और इसके द्वारा शरणार्थियों का समर्थन करना और उनकी सहायता करना, अवैध निश्चित किया गया है। अन्य कुछ यूरोपीय देशों में भी सोरस और उनके शरणार्थियों की मदद करने वाले संस्थाओं के खिलाफ कठोर भूमिका, अपनाई जा रही है।

सोरस अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के विरोधक और उनकी शरणार्थियों के बारे में नीति के कड़े आलोचक हैं। सन २०१६ के चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रम्प और सोरस ने हिलरी क्लिंटन को चुनाव में समर्थन देने की बात भी सामने आई थी।ऐसी परिस्थिति में पुतिन ने सोरस का सूचक शब्दों में उल्लेख करके नया विवाद भड़काया है।

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