फ्लॉईड की मृत्युपश्चात् के प्रदर्शनों के कारण अमरीका में स्थिति बिगड़ी – राजधानी वॉशिंग्टन समेत अमरीका के २४ राज्यों में संचारबंदी के साथ नॅशनल गार्डस् तैनात

वॉशिंग्टन – अमरीका के मिनीआपोलिस शहर में पुलीस की कार्रवाई के दौरान एक कृष्णवर्णीय नागरिक की मृत्यु हो जाने के बाद, देशभर में तीव्र निदर्शनों के साथ हिंसाचार का दावानल भड़का है। अमरीका की राजधानी वॉशिंग्टन के साथ ही, देश के २४ राज्यों में कई शहरों में संचारबंदी लागू कर दी गयी होकर, नॅशनल गार्डस् तैनात किये गए हैं। यदि हिंसाचार नहीं रुका, तो हालात को क़ाबू में लाने के लिए सेना को तैनात करना पड़ेगा, ऐसी चेतावनी अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दी। अमरीका की इन घटनाओं की गूँजें आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सुनायी देने लगीं होकर, चीन, रशिया तथा ईरान इन देशों ने अमरीका के कड़ी आलोचना की।

us floydपिछले हफ़्ते सोमवार २५ मई के दिन, अमरीका के मिनेसोटा राज्य के मिनीआपोलिस शहर में स्थानीय पुलीस ने एक शिक़ायत की पृष्ठभूमि पर, ४६ वर्षीय ‘जॉर्ज फ्लॉईड’ को गिरफ़्तार करने की कोशिश की। इस समय, पुलीस की कार्रवाई के दौरान ‘डेरेक शॉविन’ इस गौरवर्णीय अफ़सर ने फ्लॉईड को धक्का देकर नीचे गिराया। शॉविन ने कुछ समय तक जॉर्ज फ्लॉईड की गर्दन अपने घुटने के नीचे दबाकर रखी होने के व्हिडिओ सामने आये हैं। इसी कार्रवाई के दौरान फ्लॉईड की मृत्यु हुई, ऐसा माना जाता है।

पुलीस की कार्रवाई में कृष्णवर्णीय नागरिक की मृत्यु होना, यह घटना अमरीका में बहुत ही संवेदनशील मुद्दा माना जाता है। ऐसे मामलों में से, अमरीका के कृष्णवर्णीय समाज में होनेवाली नाराज़गी एबं असंतोष की भावना उमड़कर बाहर आ जाती है। फ्लॉईड की मृत्यु के बाद मिनीआपोलिस तथा मिनेसोटा राज्य में शुरू हुए प्रदर्शन कृष्णवर्णीयों के असंतोष का विस्फोट माना जाता है। लेकिन शुरू शुरू में केवल मिनेसोटा राज्य तक सीमित होनेवाले प्रदर्शनों ने गत कुछ दिनों में व्यापक रूप धारण किया है। अमरीका के २४ राज्यों के ३० से अधिक शहरों में फ्लॉईड की मृत्यु को लेकर शुरू हुए प्रदर्शनों के दौरान तीव्र हिंसा भड़की है।

मिनीआपोलिस में स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने पुलीस स्टेशन को जलाने की घटना भी घटित हुई है। अमरीका के कई शहरों में हिंसक भीड़ द्वारा लूटपाट और आगजनी शुरू है। राजधानी वॉशिंग्टन में भी संतप्त प्रदर्शनकारियों ने व्हाईट हाऊस के नज़दीकी क्षेत्र में जलायीं बोतलों के साथ पथराव किया। इस समय आंदोलकों ने राष्ट्राध्यक्ष के निवासस्थान से नज़दीक होनेवाले पुराने प्रार्थनास्थल की भी तोड़ फोड़ की होने की जानकारी सुरक्षायंत्रणाओं ने साझा की। तीव्र हिंसाचार के कारण राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प को पत्रकार परिषद बीच में ही स्थगित कर, अचानक बंकर में ले जाना पड़ा होने की घटना घटित हुई, ऐसा बताया जाता है।

floyd usअमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने जॉर्ज फ्लॉईड की मृत्यु के बाद उनके परिजनों के साथ फोन पर संभाषण किया। फ्लॉईड की मृत्यु पर संवेदना ज़ाहिर करके राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने, फ्लॉईड की मृत्यु को तीव्र शोकांतिका बताकर, उनके परिजनों को पूरा इन्साफ़ दिलाने का आश्वासन दिया। फ्लॉईड की मृत्यु के बाद ट्रम्प ने किये बयान में, यह घटना अत्यंत गंभीर है, यह मान लिया है। लेकिन उस बात को लेकर हिंसाचार करानेवाले, फ्लॉईड का अपमान कर रहे होकर, किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जायेगी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने डटकर कहा।

फ्लॉईड की मृत्यु के मुद्दे को, ‘कृष्णवर्णियों के आंदोलन’ के रूप में जाने जानेवाले ‘ब्लॅक लाईव्हज् मॅटर’ इस आंतर्राष्ट्रीय गुट ने समर्थन दिया है। सन २०१३ में अमरीका में पुलीस की एक कार्रवाई में ट्रॅव्हॉन मार्टिन इस १७ वर्षीय कृष्णवर्णीय युवा की मृत्यु होने के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों में से ‘ब्लॅक लाईव्हज् मॅटर’ की स्थापना कर दी गयी। अमरीका के अलावा कॅनडा, ऑस्ट्रेलिया और कुछ युरोपीय देशों में भी यह गुट सक्रिय है। अमरीका में डेमोक्रॅट पार्टी का समर्थन होनेवाले इस गुट की कुछ नीतियाँ, उन्हें आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर से मिलनेवाली निधि और उसके सदस्यों द्वारा लगातार किया जानेवाला हिंसा का इस्तेमाल, इन कारणों से यह गुट विवादग्रस्त साबित हुआ है।
इसी बीच, अमरीका में फ्लॉईड की मृत्यु के बाद भड़के हुए हिंसाचार की गूँजें आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सुनायीं देने लगीं हैं। संयुक्त राष्ट्रसंगठन की सुरक्षा परिषद में रशिया और चीन ने इस मुद्दे पर लगातार सवाल उठाये। हाँगकाँग में आंदोलकों पर की कार्रवाई के मुद्दे को लेकर चीन को लक्ष्य करनेवाली अमरीका, मिनीआपोलिस तथा अन्य इलाक़ों में हुए हिंसाचार के बारे में पूछे गये सवालों का जवाब देना टाल रही है, ऐसी फ़टकार रशिया और चीन ने लगायी है।

us floyd protestचीन के विदेश विभाग की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने सोशल मीडिया पर, फ्लॉईड के अन्तिम शब्द साबित हुए ‘आय कान्ट ब्रीद’ (मैं साँस नहीं ले पा रहा हूँ) का ज़िक्र किया है। यह ज़िक्र करते समय चुनयिंग ने, अमरिकी प्रवक्ता ने हाँगकाँग में चल रहे आंदोलन के संदर्भ में किये निवेदन का आधार लिया है। फ्लॉईड की मृत्यु और उसके बाद भड़क उठे हिंसाचार के मुद्दे को लेकर ईरान ने भी अमरीका की आलोचना की है। अमरीका में शुरू हुए आंदोलन के समर्थन में कॅनडा समेत ब्रिटन और जर्मनी में भी प्रदर्शन शुरू हुए हैं।

इसी बीच, फ्लॉईड की मृत्यु के बाद शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों पर क़ाबू पाने के लिए अमरीका के कई शहरों में सोमवार तक संचारबंदी की घोषणा की गयी है। हिंसक भीड़ को रोकने के लिए, ज़रूरत पड़ने पर सेना को तैनात करने का भी फ़ैसला किया जा सकता है, ऐसे संकेत राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिये हैं।

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