देश में हो रहे ‘विदेशी निवेश’ में हुई वृद्धि

नई दिल्ली – जुलाई से सितंबर की तीमाही में भारत में हुए विदेशी निवेश (एफडीआय) में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। इस दौरान देश में २८.१ अरब डॉलर्स निवेश हुआ है और इससे पहले बीते वर्ष इसी तीमाही में देश में १४.०६ अरब डॉलर्स निवेश हुआ था। इस वजह से ‘एफडीआय’ में हुई यह वृद्धि वैश्विक निवेशक भारत की ओर अधिक मात्रा में आकर्षित होने की बात दिखा रही है, ऐसा बयान केंद्रीय वाणिज्यमंत्री पियूष गोयल ने किया है।

बीते वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों की तुलना में वर्ष २०२०-२१ के पहले छह महीनों में ‘एफडीआय’ में १४ प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है। इस वर्ष के जुलाई महीने में ही देश में १७.५ अरब डॉलर्स ‘एफडीआय’ भारत ने प्राप्त किया है। इसमें सॉफ्टवेअर, हार्डवेअर, सेवा, वाहन एवं रसायन क्षेत्र में हुए बड़ी मात्रा के निवेशों का समावेश है। इस दौरान भारत में निवेश करनेवाले देशों में सिंगापुर सबसे ऊपरी स्थान पर है और इसके बाद अमरीका ने स्थान पाया है। सिंगापुर से भारत में ८.३ अरब डॉलर्स और अमरीका से ७.१२ अरब डॉलर्स का निवेश हुआ है।

भारत में बढ़ रहा इस विदेशी निवेश का केंद्रीय वाणिज्यमंत्री पियूष गोयल ने स्वागत किया है। अंतरराष्ट्रीय निवेशक भारत की ओर अधिक मात्रा में आकर्षित होने के संकेत इससे प्राप्त हो रहे हैं, यह बयान भी गोयल ने किया है। इसी बीच विश्‍व के फैक्टरी के तौर पर पहचान बनानेवाले चीन से अंतरराष्ट्रीय निवेशक अपने कदम बाहर निकाल रहे हैं। इसका लाभ उठाने के लिए भारत तैयारी जुटाए, यह आवाहन आर्थिक विश्लेषक कर रहे हैं। इसके लिए भारत ने तैयारी रखी है और अपना देश अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन का केंद्र होने के लिए तैयार हो रहा है, यह ऐलान भारत के नेतृत्व ने पहले ही किया है।

इसका असर अब सामने आने लगा है और भारत में होनेवाला निवेश अधिक शाश्‍वत होने का विश्‍वास अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को हो रहा है। खास तौर पर भारत का बाज़ार और भारतीय ग्राहकों की क्रयशक्ति ही अंतरराष्ट्रीय स्तर से हो रहे निवेश का प्रमुख कारण बन रहा है। इसका काफी बड़ा लाभ भारतीय अर्थव्यवस्था को प्राप्त होगा और नज़दिकी दौर में इससे भारत में रोज़गार निर्माण होने को भी गति प्राप्त होगी।

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