अमरीका की अंदरुनि सुरक्षा को चीन के सायबर हमलों से गंभीर खतरा – ‘सीआयए’ के संचालक का इशारा

अंदरुनि सुरक्षा

वॉशिंग्टन – ‘२१वीं सदी में चीन ही अमरीका के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। अमरीका की स्थानीय यंत्रणाओं से अंदरुनि सुरक्षा से जुड़ी अति संवेदनशील यंत्रणाओं तक चीन सायबर हमले कर सकता है। इस वजह से चीन की जासूसी से अमरीका की अंदरुनि सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है’, ऐसा इशारा अमरीका की प्रमुख गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ के संचालक विल्यम बर्न्स ने दिया। ‘सीआयए’ के संचालक की तरह ही अन्य गुप्तचर यंत्रणाएं एवं अभ्यासगुट भी चीन के सायबर हमलों से खतरा होने के इशारे दे रहे हैं।

बीते महीने मायक्रोसॉफ्ट कंपनी पर हुए सायबर हमले के तार भी चीन से जुड़े थे। इस सायबर हमले के बाद अमरीका ने इमर्जन्सी अलर्ट जारी किया था। वर्णित कंपनी अमरिकी सुरक्षा यंत्रणा एवं बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी होने की वजह से यह अलर्ट जारी करना पड़ा था।

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इसके अलावा बीते कुछ दिनों में अमरीका की सरकारी, निजी कंपनियां और बुनियादी सुविधाओं पर हुए हमलों में भी चीन शामिल था। ‘मैंडियंट’ नामक अमरिकी सायबर सुरक्षा से संबंधित कंपनी ने यह आरोप लगाया है। इसी बीच उताह की अन्य सायबर सुरक्षा कंपनी ने भी अमरिकी रक्षा क्षेत्र से संबंधित कंपनियों पर हुए सायबर हमलों में भी चीन से जुड़े हैकर्स का हाथ होने का आरोप लगाया है।

इन गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर चीन से अमरीका की अंदरुनि सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा होने का इशारा ‘सीआयए’ के संचालक दे रहे हैं। लेकिन, चीन ने अमरीका ने लगाया यह आरोप ठुकराए हैं और अमरीका ही सायबर हैंकिंग का सबसे बड़ा साम्राज्य होने का जवाबी आरोप किया है।

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