अस्थिर और असुरक्षित अफ़गानिस्तान से भारत की सुरक्षा को गंभीर खतरा – अफ़गानिस्तान के राजदूत फरिद ममुन्दजई

नई दिल्ली – अफ़गानिस्तान की अस्थिरता सिर्फ इस देश की सीमा तक सीमित नहीं रहती। इसके पड़ोसी देशों पर भी इसका असर पड़ता है, ऐसा कहकर अफ़गानिस्तान के राजदूत ने भारत को सावधानी का इशारा दिया। रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव ने भी लगभग इन्हीं शब्दों में अफ़गानिस्तान की अस्थिरता पर चिंता जताई है। अफ़गानिस्तान में जारी गतिविधियों की वजह से भारत की सुरक्षा के सामने गंभीर चुनौति खड़ी होगी, ऐसे इशारे सामरिक विश्‍लेषकों ने पहले भी दिए थे। इस वजह से अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर तटस्थ रहने की नीति भारत के लिए लाभदायी नही है, इस बात का अहसास भी सामरिक विश्‍लेषक भारत को करा रहे हैं।

भारत की सुरक्षा‘यूएस एक्ज़िट फ्रॉम अफ़गानिस्तान रीपर्कशन्स फॉर अफ़गानिस्तान, इंडिया, रीजन ऐण्ड यूएस’ इस विषय पर आयोजित वेबिनार में अफ़गानिस्तान के राजदूत फरिद ममुन्दजई बोल रहे थे। अफ़गानिस्तान तालिबान के कब्ज़े में जाने का खतरा है। जैसे ही अफ़गानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा होगा, वैसे ही यह देश आतंकवादियों का आगार बनेगा। खतरनाक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के साथ तालिबान के ताल्लुकात हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने हाल ही में जारी की रपट में तालिबान और अल कायदा के बीच सहयोग जारी होने का इशारा दिया था। ओसामा बिन लादेन का बेटा अमीर मुल्ला अख्तर महमूद मसूद की अल कायदा के प्रमुख के तौर पर नियुक्ति हुई तब तालिबान के नेता भी उपस्थित थी, इस ओर अफ़गानिस्तान के राजदूत ने ध्यान आकर्षित किया।

तालिबान के साथ ही अल कायदा की अफ़गानिस्तान में होनेवाली मौजूदगी पश्‍चिमी देशों के लिए घातक साबित होगी। भारत की सुरक्षा पर भी इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, इस बात का अहसास राजदूत ममुन्दजई ने कराया। अफ़गानिस्तान में बीते तीन महीनों से जारी संघर्ष में चार हज़ार लोग मारे गए हैं और ३ लाख विस्थापित हुए हैं, इस पर भी ममुन्दजई ने अफसोस जताया। ऐसी स्थिति में तालिबान ने अफ़गानिस्तान की सत्ता हथियाई तो बीते बीस वर्षों में अफ़गानिस्तान ने जो कुछ प्राप्त किया है वह खोने की स्थिति निर्माण होगी, ऐसा इशारा ममुन्दजई ने दिया।

भारत की सुरक्षाइसके साथ ही ममुन्दजई ने तालिबान की हुकूमत में अफ़गानिस्तान में जारी भारत के प्रकल्प चीन को सौंपे जाएँगे, यह इशारा भी दिया है।

अफ़गानिस्तान में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए चीन उत्सुक है, ऐसे संकेत चीन लगातार दे रहा है और तालिबान हिंसा रोक दे, यह आवाहन चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने हाल ही में किया था। पाकिस्तान का इस्तेमाल करके चीन अफ़गानिसस्तान की नैसर्गिक संपत्त्ति लूटने के लिए जोरदार गतिविधियाँ कर रहा है, ऐसे आरोप पश्‍चिमी विश्‍लेषकों ने किए थे। इस पृष्ठभूमि पर अफ़गानिस्तान के राजदूत ने इस पर भारत को दिया यह इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

इसी बीच, ऐसी भी खबरें प्राप्त हुई थीं कि, तालिबान से बातचीत करके भारत ने अफ़गानिस्तान में अपने हित सुरक्षित करने की कोशिश की है। अफ़गानिस्तान में जारी संघर्ष में तटस्थ भूमिका अपनाकर भारत काबुल सरकार को सहायता करने से दूर रहे, ऐसी माँग तालिबान कर रहा है। लेकिन, तालिबान पर भरोसा करना मुमकिन नहीं है, ऐसा इशारा अफ़गानिस्तान सरकार भारत को दे रही है। साथ ही अफ़गानिस्तान को तालिबान के विरोध में भारत के लष्करी सहायता की आवश्‍यकता होने की बात अफ़गान सरकार लगातार कह रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.