रशिया, चीन और ईरान के जासूसों से ब्रिटेन की सुरक्षा को गंभीर ख़तरा – ब्रिटेन के गुप्तचर प्रमुख केन मॅक्कलम की चेतावनी

russia-china-iran-spy-threat-britain-2लंडन/मॉस्को/बीजिंग – रशिया, चीन और ईरान से होनेवाली जासूसी से ब्रिटेन की सुरक्षा को ख़तरा है। यह ख़तरा आतंकवाद के ख़तरे जितना ही गंभीर साबित होता है, ऐसी चेतावनी ब्रिटेन के गुप्तचर प्रमुख केन मॅक्कलम ने दी। कुछ ही दिन पहले, ईरानी हैकर्स के गुट ने लंदन यूनिवर्सिटी पर साइबर हमला करके जानकारी चुराने की कोशिश करने की घटना सामने आई थी। इस पृष्ठभूमि पर, मॅक्कलम ने दी चेतावनी गौरतलब साबित हो रही है।

बुधवार को थेम्स हाऊस स्थित मुख्यालय में हुई बैठक में ब्रिटीश गुप्तचर यंत्रणा ‘एमआय५’ के प्रमुख केन मॅक्कलम ने ब्रिटेन की जनता को सतर्कता बरतने की चेतावनी दी। सिरिया और अफगानिस्तान से आनेवाले आतंकवादियों का खतरा तो है ही, लेकिन उससे भी अहम ज़रूरत रशिया, चीन और ईरान से होनेवाला खतरा पहचानने की है, ऐसा मॅक्कलम ने जताया। उसी समय ब्रिटेन को होनेवाले ख़तरों से मुकाबला करने के लिए हम हमारी क्षमता बढ़ा रहे हैं, यह भी उन्होंने कहा। ‘पिछले दो दशक गुप्तचर यंत्रणाओं ने आतंकवाद विरोधी मुहिम पर अधिक ज़ोर दिया था। इस दौर में देश को होनेवाले अन्य ख़तरों की ओर ध्यान कम हुआ था’, ऐसी कबूली भी मॅक्कलम ने इस समय दी।

russia-china-iran-spy-threat-britain-1‘विदेशी जासूसों द्वारा ब्रिटेन में हत्याएँ करवाईं जा रहीं हैं और संवेदनशील तंत्रज्ञान चुराने की कोशिशें भी जारी हैं। सार्वजनिक स्तर पर लोकप्रिय होनेवाले व्यक्तियों को भ्रष्ट करने की, समाज में दरार पैदा करने की तथा साइबर हमलों के माध्यम से बुनियादी सुविधाओं पर हमले करने की साज़िशें रची जा रही हैं’, इस पर गुप्तचर प्रमुख ने गौर फरमाया। सन २०१८ में ब्रिटेन में नियुक्त पूर्व रशियन अधिकारी और उसकी बेटी पर हुए रासायनिक हमले के बाद ‘एमआय५’ ने हत्या और अन्य कारनामों की कई साज़िशें नाकाम की होने का दावा भी मॅक्कलम ने किया।

ब्रिटीश जनता में निराशा की भावना निर्माण हों अथवा दैनंदिन व्यवहारों में मुश्किलें आयें, इन जैसीं बातें विदेशी गुप्तचर यंत्रणाओं द्वारा की जायेंगी, ऐसा ‘एमआय५’ के प्रमुख ने जताया। इस बारे में ब्रिटिश जनता में अधिक जागृति करके इन खतरों का एहसास करा देना महत्वपूर्ण है, ऐसा आवाहन भी मॅक्कलम ने इस समय किया। ब्रिटिश जनता ने डरने का कोई कारण नहीं है, लेकिन खतरों की जानकारी रखना जरूरी है, ऐसा गुप्तचर प्रमुख ने इस समय कहा। विदेशी यंत्रणाएँ सालों साल का ब्रिटिश संशोधन और निवेश मिट्टी में मिला सकतीं हैं। ऐसी चेतावनी गुप्तचर प्रमुख केन मॅक्कलम ने दी।

पिछले कुछ साल ब्रिटेन और रशिया के बीच लगातार अनबन हो रही है। कुछ ही दिन पहले ब्रिटिश युद्धपोत की क्रीमिया मुहिम के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा होने की बात सामने आई थी। उससे पहले मई महीने में रक्षा मंत्री बेन वॉलेस ने, रशिया यह ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए होनेवाला पहले नंबर का ख़तरा है, ऐसा डटकर कहा था। पिछले साल ब्रिटेन की गुप्तचर और सुरक्षायंत्रणा ‘जीसीएचक्यू’ के प्रमुख जेरेमी फ्लेमिंग ने, चीन यह ब्रिटेन के लिए होनेवाला बड़ा ख़तरा होने की चेतावनी दी थी। वहीं, ‘नॅशनल साइबर सिक्युरिटी सेंटर’ द्वारा दी गई चेतावनी में, ईरान की यंत्रणाएँ और गुट साइबर हमलों के माध्यम से घातपात करने की तथा संवेदनशील जानकारी चुराने की कोशिश कर रहे हैं, इसपर गौर फ़रमाया गया था।

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