चीन को रोकने के लिए अमरीका के ट्रम्प प्रशासन की कठोर निर्णयों की शृंखला – चीन की चार अग्रसर कंपनियाँ ‘ब्लॅकलिस्ट’

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन द्वारा जागतिक वर्चस्व के लिए जारी क़ारनामों को रोकने के लिए अमरीका ने एक के बाद एक निर्णयों की शृंखला शुरू की है। दो दिन पहले अमरीका ने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों को दिये जानेवाले वीज़ा पर निर्बंध थोंपे गये थे। उसके बाद अब चीन की चार अग्रसर कंपनियों को ‘ब्लॅकलिस्ट’ कर दिया है, ऐसा रक्षा विभाग द्वारा घोषित किया गया। इस निर्णय के साथ ही, चीन के साथ जारी ‘एक्स्चेंज प्रोग्राम’ भी बंद कर दिये होने की घोषणा अमरीका ने की है।

तीन साल पहले चीन के विरोध में आक्रामक व्यापारयुद्ध छेड़नेवाले राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस देश के ख़िलाफ़ चल रहा संघर्ष अधिक ही तीव्र किया है। कोरोना महामारी के लिए चीन ही ज़िम्मेदार होने का दोषारोपण करके, ट्रम्प ने अपने प्रशासन के ज़रिये चीन के क़ारनामें दुनिया के सामने लाने के लिए मुहिम छेड़ी थी। इसी मुहिम के तहत, चीन से बढ़ता ख़तरा रोकने के लिए एक के बाद एक आक्रामक निर्णयों की शृंखला शुरू की गयी है। उसमें चीन के लिए संवेदनशील होनेवाले तैवान जैसे मुद्दे से लेकर वित्त, व्यापार, निवेश, तंत्रज्ञान ऐसे सभी क्षेत्रों का समावेश है।

us-chinaअमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने पिछले महीने ही स्पष्ट रूप में जताया था कि चीन के खिलाफ़ चल रही मुहिम अभी तक ख़त्म नहीं हुई है, बल्कि वह जारी ही रहेगी। पिछले कुछ दिनों में ट्रम्प प्रशासन द्वारा किये गए फ़ैसलें इसकी पुष्टि करनेवाले साबित होते हैं। गुरुवार को अमरीका के रक्षा विभाग ने चीन की चार अग्रसर कंपनियों को ‘ब्लॅकलिस्ट’ किया गया है, ऐसा घोषित किया। उसमें तंत्रज्ञान क्षेत्र की अग्रसर कंपनी ‘एसएमआयसी’ का समावेश है। उसके अलावा ईंधनक्षेत्र की बड़ी कंपनी के रूप में जानी जानेवाली ‘सीएनओओसी’ के साथ ‘चायना कन्स्ट्रक्शन टेक्नॉलॉजी’ तथा ‘चायना इंटरनॅशनल इंजिनिअरिंग कन्सल्टिंग कॉर्पोरेशन’ इन्हें भी ब्लॅकलिस्ट किया गया है।

ये चारों कंपनियाँ चीन के लष्कर से संबंधित होने का दोषारोपण अमरीका के रक्षा विभाग ने किया है। गुरुवार को की गई कार्रवाई के बाद, अमरीका द्वारा ‘ब्लॅकलिस्ट’ की गयीं चिनी कंपनियों की संख्या ३५ पर पहुँच गयी है। अमरीका की इस कार्रवाई पर चीन की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया आयी है। ‘अमरीका राष्ट्रीय सुरक्षा तथा उससे जुड़े हुए अधिकारों का दुरुपयोग रोकें। अमरीका का निर्णय मार्केट की प्रतिस्पर्धा के नियमों के ख़िलाफ़ होकर, इससे विदेशी कंपनियों का दमन किया जा रहा है’, ऐसा आरोप विदेश विभाग की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने किया। ‘एसएमआयसी’ कंपनी ने भी अमरिकी रक्षा विभाग के फ़ैसले पर नाराज़गी ज़ाहिर की है।

कंपनियाँ ब्लॅकलिस्ट करने के फ़ैसले के साथ ही, कम्युनिस्ट पार्टी के ख़िलाफ़ की हुई कार्रवाई का भी चीन ने निषेध किया है। कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों के दिये जानेवाले वीज़ा की कालावधि कम करना, यह अमरीका द्वारा चीन के विरोध में जारी होनेवाली राजनीतिक दमनतंत्र का ही हिस्सा होने की आलोचना चीन के विदेश विभाग ने की है। अमरीका स्थित कट्टर चीनविरोधी घटक पूर्वधारणायुक्त दृष्टिकोण से और शीतयुद्धकालीन मानसिकता में से इकतरफ़ा फ़ैसलें कर रहे हैं, ऐसा आरोप भी किया गया है। अमरीका ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों को अथवा उनके परिजनों को दिये जानेवाले वीज़ा की कालावधि १० साल से ठेंठ एक महीने तक घटायी है। कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य अमरीका में आकर जासूसी करते हैं तथा पार्टी की विचारधारा का प्रसार करते हैं, ऐसा दावा अमरिकी यंत्रणाओं ने किया है।

इसी बीच, अमरीका और चीन के बीच जारी होनेवाले पाँच ‘एक्स्चेंज प्रोग्राम’ भी बंद कर दिये गए हैं। अमरीका के विदेश विभाग ने इस संदर्भ में फ़ैसले की घोषणा की। चीन द्वारा अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा होने का दोषारोपण विदेश विभाग के निवेदन में रखा गया है।

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