काबुल में ‘आईएस’ के हमले में हक्कानी नेटवर्क के वरिष्ठ कमांडर की मौत

काबुल/पेशावर – अफगानिस्तान के काबुल स्थित अस्पताल पर हुए आतंकवादी हमले में तालिबान के हक्कानी नेटवर्क गुट का वरिष्ठ कमांडर हमदुल्ला मुखलिस मारा गया। तालिबान में सबसे प्रभावशाली होने वाले हक्कानी नेटवर्क के लिए यह सबसे बड़ा झटका साबित होता है। इसकी गूंजे पाकिस्तान में सुनाई दी होकर, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने काबुल के अस्पताल पर हुए हमले का निषेध किया। हक्कानी नेटवर्क के सूत्र पाकिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा ‘आईएसआई’ द्वारा चलाए जाते हैं। इस कारण मुखलिस की हत्या से पाकिस्तान से तीव्र प्रतिक्रिया आना यह स्वाभाविक बात है।

kabul-is-attack-haqqani-networkमंगलवार सुबह काबुल के वझिर अकबर खान इलाके में स्थित ‘सरदार मोहम्मद दाऊद खान’ लष्करी अस्पताल पर आतंकवादियों ने किए हमले में २५ लोग मृत और ५० लोग घायल हुए। अफगानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा पर अड्डा होनेवाले ‘आईएस-खोरासन’ ने इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किया। आईएस के पाँच आतंकियों ने यह हमला किया, ऐसा इस संगठन ने सोशल मीडिया में घोषित किया।

शुरू शुरू में तालिबान ने इस हमले की जानकारी देना डाला था। लेकिन हक्कानी नेटवर्क का वरिष्ठ कमांडर हमदुल्ला मुखलिस इसमें मारा जाने की बात सामने आने के बाद तालिबान ने इस हमले की जानकारी सार्वजनिक की। १५ अगस्त को जब काबुल स्थित राष्ट्राध्यक्षीय निवासस्थान पर तालिबान ने कब्ज़ा किया था, तब हमदुल्ला मुखलिस इस गुट का नेतृत्व कर रहा था। राष्ट्राध्यक्ष के कार्यालय में कुर्सी पर बैठा मुखलिस और आजू बाजू में हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादी खड़े होने की तस्वीर अन्तर्राष्ट्रीय माध्यमों में प्रकाशित हुई थी।

मुखलिस यह हक्कानी नेटवर्क के ‘बद्री 313 ब्रिगेड’ इस विशेष पथक का प्रमुख था। राजधानी काबुल की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुखलिस के बद्री 313 ब्रिगेड के पास है। साथ ही, हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख और तालिबान की हुकूमत में अंतर्गत सुरक्षा मंत्री होनेवाले सिराजुद्दीन हक्कानी के विश्वसनीय सहकर्मी के रूप में मुखलिस को देखा जा रहा था। इस कारण, मुखलिस के मारे जाने से हक्कानी नेटवर्क को ज़बरदस्त झटका लगने का दावा किया जाता है। आनेवाले कुछ दिनों में इसकी गूंजे अफगानिस्तान में सुनाई देंगी, ऐसा दावा अफगानी पत्रकार कर रहे हैं।

तालिबान और आईएस ये दो आतंकवादी संगठन आनेवाले समय में बदले की आग से भड़क उठेंगे और एक-दूसरे के कमांडोज् की हत्या करवायेंगे, ऐसा दावा अमरीका के एक शीर्ष अखबार ने कुछ दिन पहले किया था। अमरीका का प्रशिक्षण प्राप्त अफगानी गुप्तचर यंत्रणा और स्पेशल फोर्सेस के जवान तालिबान के विरोध में आईएस में सहभागी हुए हैं। आईएस के ये आतंकवादी तालिबान पर भीषण हमले करेंगे, ऐसी चेतावनी इस अमरिकी अख़बार ने दी थी। लेकिन अफगानी जवान आईएस में सहभागी नहीं हुए हैं, ऐसा कहकर तालिबान ने इस ख़बर को ठुकराया था।

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