‘मेड इन चायना’ लेबल लगाकर चिनी सामान की बिक्री करें – एमेझॉन और फ्लिपकार्ट को वाणिज्य मंत्रालय के आदेश

नई दिल्ली – भारत में ‘ऑनलाईन बिक्री’ कर रहीं कंपनियों को इसके आगे ‘मेड इन चायना’ लेबल लगाकर ही चिनी सामान की बिक्री करनी होगी। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने यह निर्णय किया है और इसपर तुरंत अमल किया जाएगा। इससे अनजाने में चिनी सामान की खरीद करने के ख़तरे से बचना मुमकिन होगा।

India-Chinaवाणिज्य मंत्रालय के उद्योग और अंतर्गत व्यापार संवर्धन विभाग की, बुधवार के दिन ‘ई-कॉमर्स’ क्षेत्र की १४ कंपनियों के साथ वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से बैठक हुई। इस बैठक में एमेझॉन, फ्लिपकार्ट समेत सभी कंपनियों को चिनी सामान पर ‘मेड इन चायना’ लेबल लगाना अनिवार्य होने का इशारा दिया है। इससे भारतीय ग्राहक जालसाज़ी होने से बच सकेंगे। गलवान वैली में चीन ने दगाबाज़ी से किए हमले में भारत के २० सैनिक शहीद हुए थे। इसके बाद भारत में गुस्से की लहर उठी है। इस घटना के बाद भारतीय सेना सीमा पर चीन को मुँहतोड़ जवाब दे रही है। लेकिन, भारतीय बाज़ार से प्रतिवर्ष अरबों डॉलर्स कमा रहें चीन को सबक सिखाने के लिए भारतीय ग्राहक पहल करें, इसके लिए देशभर में जन आंदोलन शुरू किया गया है। इसे ना सिर्फ़ ग्राहक, बल्कि व्यापारी भी काफ़ी बड़ा प्रतिसाद दे रहें हैं। व्यापारी संगठनों ने चिनी सामान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

लेकिन, अभी भी भारतीय बाज़ार में चिनी सामान उपलब्ध है और इसकी ऑनलाईन बिक्री कर रहे स्नैपडील, पेपरफ्राय, हिरोईन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से चिनी सामान की बड़ी मात्रा में बिक्री हो रही है। यह सामान खरीद कर रहें अधिकतम ग्राहकों को, इस सामान का निर्माण चीन में होने की जानकारी भी नहीं होती। ऐसें में अज्ञानता के कारण, चीन में बनें सामान की खरीद होने की मात्रा काफ़ी ज़्यादा है। गलवान वैली में हुए संघर्ष के बाद अब भारतीय ग्राहक, ख़रीद किया हुआ सामान चीन का बना तो नहीं है, यह बात टटोल रहे हैं। ऐसी स्थिति में, ऑनलाईन बिक्री करनेवाली कंपनियों को, ‘मेड इन चायना’ लेबल लगाकर चिनी सामान की बिक्री करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने दिया हुआ यह आदेश जनभावना दर्शा रहा है।

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