‘जी२०’ में भारत के बढते प्रभाव पर मुहर

ओसाका – ‘जी२०’ परिषद के लिए जापान की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस यात्रा के आखरी दिन छह देशों के राष्ट्रप्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बातचीत की| इनमें ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, सिंगापूर, तुर्की, ब्राजील और चिली इन देशों का समावेश रहा| इस परिषद के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जापान-अमरिका के समत ‘जेएआई-जय’ और ‘रशिया-चीन’ समेत ‘आरआईसी’ त्रिपक्षीय बातचीत में हिस्सा लिया था| भारत के लिए यह ‘जी२०’ परिषद काफी अहम साबित हुई है| इस परिषद के दौरान भारत ने लगभग २० द्विपक्षीय सहयोगी समझौते करने की जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी|

जापान के ओसाका शहर में हुई जी२० परिषद में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू व्यापारयुद्ध और सामरिक गतिविधियों की छबी दिखाई दे रही थी| अमरिका और चीन के बीच शुरू व्यापारयुद्ध और अमरिका ने ईरान के विरोध में अपनाई आक्रामक भूमिका एवं अन्य मुद्दों पर यूरोपिय देशों के साथ अमरिका के बने मतभेद का साया जी२० पर दिखाई दिया| साथ ही चीन की वर्चस्ववादी भूमिका का भी जी२० परीषद पर असर होता दिखाई दिया| इस पृष्ठभूमि पर ‘रशिया-इंडिया-चाइना’ यानी ‘आरआईसी’ की बैठक हुई और इसके जरिए रशिया और चीन भी भारत की अहमियत रेखांकित करते दिखाई दिए| वही, दुसरी ओर अमरिका और जापान के साथ हुई भारत की ‘जेएआई-जय’ परिषद से भारत की आर्थिक, सियासी और सामरिक अहमियत दुनिया के सामने उजागर हुई|

एकही दिन में हुई इन दोनों त्रिपक्षीय परिषद में भारत के प्रधानमंत्री शामिल हुए थे| यह बात भारत के बढ रहे अंतरराष्ट्रीय प्रभाव की जबानी दे रही है| इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, सिंगापूर, तुर्की, ब्राजील और चिली के राष्ट्रप्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बातचीत की| इस बातचीत में आतंकवाद, रक्षा विषयक सहयोग और समुद्री सुरक्षा के मुद्दे सबसे अहम रहे| साथ ही इन देशों के साथ भारत का व्यापार बढाने के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत की| खास तौर पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ हुई प्रधानमंत्री मोदी की बातचीत ध्यान आकर्षित कर रही थी|

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता के विरोध में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कडी भूमिका अपनाई है| इस वजह से चीन और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों में पिछले कुछ दिनों से तनाव बना है| ऐसे में ऑस्ट्रेलिया और भारत के सहयोग में बढोतरी हो रही है और दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने की बातचीत में सकारात्मक संबंधों का प्रभाव दिखाई दिया| साथ ही तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के साथ हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उपस्थित किया है, यह कहा जा रहा है| ‘जी२०’ की पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री मोदी ने करीबन नौ देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत होने की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार इन्होंने दी है|

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