सौदी, युएई ने ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ को ‘आतंकवादी’ घोषित किया

दुबई/दोहा – ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ यह आतंकवादी संगठन है, ऐसी घोषणा सौदी अरब के धार्मिक संगठन ने की; वहीं, ‘संयुक्त अरब अमिरात’ (युएई) के फतवा कौंसिल ने भी सौदी के इस निर्णय का समर्थन करके, आतंकी कारनामों को बढ़ावा देनेवाले ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ से दूर रहें, ऐसा संदेश दिया है। सौदी एवं युएई के इस निर्णय की, कतारस्थित ‘इंटरनॅशनल युनियन ऑफ मुस्लिम स्कॉलर्स’ (आययुएमएस) ने आलोचना की होकर, यह निर्णय राजनीतिक हेतु से प्रेरित होने का आरोप किया है।

saudi-uae-muslim-brotherhoodसौदी अरब में धार्मिक गतिविधियों पर अहम निर्णय करनेवाले ‘कौंसिल ऑफ सिनिअर स्कॉलर्स’ (सीएसएस) इस संगठन ने कुछ दिन पहले महत्त्वपूर्ण घोषणा की थी। ‘सीएसएस’ के प्रमुख और सौदी अरब के ‘ग्रँड मुफ्ती’ होनेवाले ‘शेख अब्दुलअझिझ बिन अब्दुल्लाह अल-शेख’ ने, ‘मुस्लिम ब्रदरहूड का इस्लाम से किसी भी प्रकार का संबंध न होकर, यह एक राह-भटका गुट है’, ऐसा घोषित किया। ‘मुस्लिम ब्रदरहूड, अल-नुस्र और अल कायदा ये संगठन युवाओं में ज़हर घोलते हैं, मर्यादाओं का उल्लंघन करते हैं, पैसा लूटते हैं। जो कोई भी इन संगठनों में शामिल हुए होंगे, वे सन्मार्ग से भटके हैं, उन्होंने बहुत बड़ी ग़लती की है’ ऐसी आलोचना ग्रँड मुफ्ती शेख अब्दुलअझिझ ने की।

इसके चंद कुछ घंटों में ही ‘सीएसएस’ ने, मुस्लिम ब्रदरहूड को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित किया। मुस्लिम ब्रदरहूड यह संगठन संबंधित देशों की हुक़ूमतों के खिलाफ़ बग़ावत करने के लिए उक़साकर, हिंसाचार कराके अस्थिरता मचाता है, ऐसा आरोप ‘सीएसएस’ ने किया। इस संगथन को धर्म से कुछ भी लेनादेना न होकर, केवल संबंढित देशों में सत्ता हथियाना, यही इस संगठन का लक्ष्य है. ऐसा ‘सीएसएस’ ने कहा है। बाद में सौदी अरब के विदेश मंत्रालय ने ‘सीएसएस’ के इस आवाहन को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। सौदी अरब की इस भूमिका का ‘युएई’ ने स्वागत किया है।

मुस्लिम ब्रदरहूड

इस्लामधर्मियों के धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक आन्दोलन के रूप में सन १९२८ में इजिप्ट में ‘हसन अल-बन्ना’ ने कट्टरपंथीय ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ इस संगठन की स्थापना की। हालाँकि इजिप्ट में इस संगठन का सर्वाधिक प्रभाव है, फिर भी गत नौं दशकों से भी अधिक समय में इस संगठन ने अरब-आखाती देशों के साथ ही अमरीका, युरोप, एशिया के साथ लैटिन अमरिकी देशों में भी हाथपैर फ़ैलाये हैं।

सन २०११ में इजिप्ट में संपन्न हुए चुनावों में मुस्लिम ब्रदरहूड सत्ता में आयी और राष्ट्राध्यक्ष के रूप में मोहम्मद मोर्सी को चुना गया। आगे सालभर में ही लष्कर ने बग़ावत करके मोर्सी तथा मुस्लिम ब्रदरहूड की सत्ता का तख़्ता पलट दिया। इस्रायल के विनाश की घोषणाएँ देनेवाले इस संगठन ने आत्मघाती हमलों का समर्थन किया है।

फिलहाल पूरी दुनिया की चिन्ता का कारण बनें कोरोनावायरस का इस्तेमाल करके इजिप्ट तथा पश्चिमी देशों पर हमलें करें, ऐसा उक़साऊ बयान कुछ ही महीने पहले इस संगठन के समर्थक ने किया था। वहीं, यह संगठन फ्रान्स में दरार बनाने की कोशिश कर रहा होने की चेतावनी साल भर पहले फ्रान्स के विश्‍लेषकों एवं पत्रकारों ने दिया था। फ्रान्स ही नहीं, बल्कि मुस्लिम ब्रदरहूड पूरे युरोप में खिलाफत स्थापित करने की तैयारी में होने की चेतावनी आंतर्राष्ट्रीय विश्‍लेषकों ने दी थी।

इसी बीच, रशिया ने बहुत पहले ही ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ को ‘आतंकी संगठन’ घोषित किया था। वहीं, डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरीका की बाग़ड़ोर सँभालने के बाद ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ को ‘आतंकी संगठन’ के रूप में घोषित किया था। उससे पहले अमरीका ने मुस्लिम ब्रदरहूड पर कार्रवाई नहीं की थी। अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर जॉन मॅक्कॅन ये मुस्लिम ब्रदरहूड के ‘गॉडफादर’ होने का आरोप इजिप्ट के एक न्यूज़ चैनल का सूत्रसंचालक अहमद मुस्सा ने किया था।

सौदी की तरह ‘युएई’ के धार्मिक गुट ने भी मुस्लिम ब्रदरहूड को ‘आतंकवादी संगठन’ बताया है। ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ का आतंकी संगठनों को रहनेवाला समर्थन और इस संगठन की विवादास्पद भूमिका उसे ‘आतंकी संगठन’ क़रार देने के लिए पर्याप्त है, ऐसा ‘युएई’ के फतवा कौंसिल ने स्पष्ट किया। उसीके साथ, जनता इस संगठन से दूरी बनाये रखें, इस संगठन से संबंध न रखें, ऐसा ‘फतवा कौंसिल’ ने जताया है। ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ को ‘आतंकी संगठन’ घोषित करने के सौदी के इस निर्णय का इस्रायल ने भी समर्थन किया। इससे पहले, सन २०१४ में सौदी अरब ने ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ को ब्लैकलिस्ट किया था।

सौदी तथा ‘युएई’ के इस फ़ैसले की, ‘इंटरनॅशनल युनियन ऑफ मुस्लिम स्कॉलर्स’ (आययुएमएस) इस कतारस्थित संगठन ने आलोचना की है। सौदी का फतवा यह इस संगठन की बदनामी करने के लिए होने की आलोचना ‘आययुएमएस’ ने की। साथ ही, ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ संगठन का आतंकवाद से कुछ भी संबंध न होकर, इस बारे में कोई भी सबूत ना होने का दावा ‘आययुएमएस’ ने किया। ‘आययुएमएस’ यह ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ से जुड़ा संगठन माना जाता है। ‘आययुएमएस’ के विश्‍लेषकों ने इससे पहले, आतंकियों ने किये आत्मघाती हमलों का समर्थन किया था। सौदी, युएई, बाहरिन और इजिप्त ने इससे पहले ही ‘आययुएमएस’ को भी ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित किया है।

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