कतार से सुलह करके सौदी ने ईरान विरोधी मोर्चे को किया मज़बूत

अल-उला – वर्ष २०१७ के जून से कतार की राजनीतिक और आर्थिक घेराबंदी करनेवाले सौदी ने अब कतार से मेल करने की तैयारी की है। सौदी में आयोजित किए गए ‘गल्फ को-ऑपरेशन काऊन्सिल’ (जीसीसी) की बैठक के लिए कतार के अमिर ‘शेख तमिम बिन हमाद अल-थानी’ को न्यौता दिया गया था। उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डे पर उपस्थित रहकर सौदी के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने सबको चौंका दिया है। ‘जीसीसी’ की यह बैठक सदस्य देशों को साथ मिलाने की साबित हुई, यह बयान करके प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने इस पर संतोष व्यक्त किया है। गौरतलब है कि, कतार की आर्थिक और राजनीतिक घेराबंदी हटाने का निर्णय सौदी ने पहले ही घोषित किया था। यह सौदी के ईरान विरोधी दांव का हिस्सा होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

saudi-qatar-iranसौदी अरब के ‘अल-उला’ शहर में मंगलवार से ‘जीसीसी’ की ४१ वीं बैठक शुरू हुई। ‘जीसीसी’ में सौदी के साथ यूएई, बहरिन, कतार, कुवैत और ओमान इन छह सदस्य देशों का समावेश है। खाड़ी क्षेत्र के देशों का सहयोग एवं क्षेत्रिय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए इस बैठक का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष की बैठक के लिए सौदी के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने स्वयं फोन करके कतार समेत अन्य देशों के राष्ट्रप्रमुखों को आमंत्रित किया था।

‘खाड़ी क्षेत्र के देशों के सामने खड़ी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए इन देशों को एक होने की आवश्‍यकता है। इस बैठक की वजह से उसी दिशा में कोशिश शुरू होगी और खाड़ी क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि स्थापित होगी’, यह विश्‍वास क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद ने इस बैठक की शुरूआत से पहले व्यक्त किया। इस बैठक से पहले सौदी ने सोमवार के दिन कतार पर लगाए प्रतिबंध हटाकर सीमा और हवाई सीमा खुली करने का ऐलान किया था। यह बात दोनों देशों का सहयोग नए से स्थापित करनेवाली साबित होती है।

saudi-qatar-iranअमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार जैरेड कश्‍नर की उपस्थिति में सौदी और कतार के सहयोग का समझौता होगा। सौदी और कतार के इस सहयोग का स्वागत करने के लिए इजिप्ट के राष्ट्राध्यक्ष फतेह अल-सिसी भी मौजूद रहेंगे। बीते साड़े तीन वर्षों में सौदी और कतार के बीच निर्माण हुए तनाव को देखें तो नए से स्थापित हो रहा यह सहयोग ऐतिहासिक होगा, यह दावा सौदी के मुखपत्र ने किया है।

saudi-qatar-iranवर्ष २०१७ के जून में सौदी, यूएई, बहरिन और इजिप्ट ने कतार का बहिष्कार किया था। साथ ही कतार के साथ राजनीतिक और आर्थिक सहयोग भी तोड़ दिया था। इस दौरान सौदी और अन्य अरब मित्रदेशों ने यह आरोप किया था कि, ईरान की आतंकी गतिविधियों को कतार का समर्थन है। कतार ने ईरान से जुड़ी आतंकी संगठन हिज़बुल्लाह को आर्थिक सहायता प्रदान की थी, यह आरोप भी सौदी ने किया था। इन प्रतिबंधों के साथ कतार और सौदी-मित्रदेशों के बीच तनाव निर्माण हुआ था। इस दौर में ईरान ने कतार से मित्रता के संबंध भी स्थापित किए थे।

लेकिन, अमरीका के ट्रम्प प्रशासन ने ‘जीसीसी’ के सदस्य देशों को एक करने की कोशिश शुरू की थी। इसे कामयाबी मिलने की बात सौदी और कतार के बीच शुरू हुए सहयोग से दिखाई देने लगी है। लेकिन, क्या सभी स्तरों पर ईरान से सहयोग करना बंद करने की सौदी की माँग कतार मंजूर करेगा? इस सवाल का अभी जवाब नहीं मिला है। इसके बावजूद, कतार से सुलह करके सौदी ने फिलहाल ईरान विरोधी अपने मोर्चे को अधिक मज़बूत किया है, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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