‘ओआयसी’ की बैठक में सऊदी और ईरान के विदेशमंत्रियों की मुलाकात

इस्तांबुल: तुर्की में आयोजित “ऑर्गनायझेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन” (ओआयसी) की बैठक में सऊदी अरेबिया और ईरान के विदेशमंत्री की मुलाकात होकर, दोनों ने हस्तांदोलन किया। दोनों देशों में शुरू संघर्ष की पृष्ठभूमि पर हुई यह भेंट जागतिक स्तर पर दर्शनीय रही है। जेरूसेलम के ‘अल-अक्सा’ इस प्रार्थना स्थल पर इस्राइलने जारी किये प्रतिबन्ध को निषेध करने के लिए ‘ओआयसी’ की बैठक आयोजित की गयी थी। ईरान के साथ सऊदी अरेबियाने भी इस्राइल का कड़े शब्दों में विरोध दर्शाया है।

ईरान के वृत संस्था ने प्रसारित किये जानकारीनुसार, चार दिनों पहले तुर्की के इस्तांबुल शहर में अरब-इस्लामी देशों की ‘ओआयसी’ की बैठक हुई। इस बैठक में शामिल होने से पहले होटल के प्रवेशद्वार में सऊदी के विदेशमंत्री अदेल अल-झुबेर’ और ईरान के विदेशमंत्री ‘जावेद झरिफ’ आमने सामने आये। उसके बाद दोनों ने एक-दूसरे के गले मिलकर हस्तांदोलन भी किया। वहां तुर्की के विदेशमंत्री मेवलूत कावूसोग्लू भी उपस्थित थे। इस औपचारिक भेंट के आलावा दोनों मंत्रियों में द्विपक्षीय चर्चा नहीं हुई पर दोनों देशों के मंत्रियों का हस्तांदोलन इस्राइल के लिए संकेत था, यह दावा ईरान के वृत्तसंस्था ने किया।

सऊदी और ईरानविदेशमंत्री झरिफ ने ईरान के वृत्तसंस्था की मुलाकात में इस भेंट का समर्थन किया। ‘यह भेंट राजनीतिक परिषद् के नियमोंनुसार हुई। साथ ही ईरान और सऊदी को एक दुसरे के लिए रहनेवाले आदर का इस मुलाक़ात के द्वारा एहसास हुआ। साथ ही सऊदी के विदेशमंत्री से हमारी पुरानी दोस्ती है” यह ईरान के विदेशमंत्री ने स्पष्ट किया।

सऊदी के विदेश मंत्रालय ने इस भेंट पर प्रतिक्रिया दी नहीं, पर इस्तांबुल के इस बैठक में सऊदी और ईरान ने इस्राइल विरोधी भूमिका लेते हुए जेरूसेलम में इस्राइल की कारवाई पर जमके टीका की।

ज्यू धर्मियों के लिए ‘टेम्पल माउंट’ और इस्लाम धर्मियों के लिए ‘अल अक्सा’ यह पहचान होनेवाले जेरूसेलम के इस पवित्र प्रार्थना स्थल पर पिछले महीने आतंकवादी हमला हुआ था। पश्चात इस्राइली यंत्रणा ने इस जगह पर किये कारवाई के बाद पैलेस्टाईन के साथ अन्य अरब-इस्लामी देशों से तीव्र प्रतिक्रिया आयी। इस्राइल ने सुरक्षा के लिए यहाँ ‘मेटल डिटेक्टर’ लगाने का निर्णय लिया जिसपर अरब देशों ने क्रोध व्यक्त किया। पश्चात हुए निदर्शानो पर इस्राइली सुरक्षा यंत्रणाने कड़ी कारवाई की थी। इसपर भी इस्लाम धर्मी देशों ने तीव्र प्रतिक्रिया दी। इस्राइल का इस कारवाई पर निषेध व्यक्त करने के लिए तुर्की की अध्यक्षता में ‘ओआयसी’ की यह बैठक आयोजित की गयी थी।

इस बैठक की पृष्ठभूमि पर सऊदी और ईरान के नेताओ ने मिलकर हस्तांदोलन करना महत्वपूर्ण माना गया है। क्योकि पिछले कई सालो से ईरान और सऊदी के संबंध बिगड़े हुए थे। सिरिया तथा येमेन के संघर्ष में सऊदी और ईरान परस्परविरोधी गटों के समर्थन में खड़े है। साथ ही पिछले महीने से सऊदी और अरब मित्र देशों ने कतार पर जारी किये प्रतिबन्धों के लिए, कतार का ईरान के साथ रहनेवाला सहयोग जिम्मेदार होने का दावा किया जाता है।

इसके अलावा, ईरान आपने परमाणु कार्यक्रम का बल दिखाकर खाड़ी देशों में अपना प्रभाव स्थापित करने का प्रयास कर रहा होने का आरोप सऊदी कर रहा है । इस पृष्ठभूमि पर दोनों देशों के विदेशमंत्रीयों की यह भेंट महत्वपूर्ण मानी गयी।

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