भारत में सौदी से होनेवाला १०० अरब डॉलर्स का निवेश ‘ऑन ट्रैक’ – सौदी के राजदूत का बयान

नई दिल्ली – भारत की अर्थव्यवस्था जल्द ही पटरी पर आएगी और भारत में करीबन १०० अरब डॉलर्स निवेश करने की सौदी अरब की योजना भी पुरी होगी, ऐसा विश्‍वास सौदी के भारत में नियुक्त राजदूत डॉ.सौद बिन मोहम्मद अल सती ने व्यक्त किया हैं। भारत, सौदी अरब का रणनीतिक भागीदार एवं नज़दिकी मित्रदेश है, यह बात भी राजदूत अल सती ने स्पष्ट की।

भारत के सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की सौदी यात्रा की वजह से पाकिस्तान बेचैन हुआ हैं। सौदी एवं ‘यूएई’ जैसें देशों पर भारत का प्रभाव बढ़ा है और अगले दिनों में यह बात पाकिस्तान के लिए घातक साबित होगी, ऐसा इशारा इस देश के विश्‍लेषक दे रहे हैं। तभी, भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार एवं प्रभाव देखते हुए सीर्फ सौदी ही नही बल्कि विश्‍व को कोई भी प्रमुख देश भारत की अहमियत से इन्कार नही कर सकता, यह बात पाकिस्तान में स्थित कुछ समज़दार विश्‍लेषकों ने स्पष्ट की हैं। सौदी के भारत में नियुक्त अल सती का बयान भी इसी बात की गवाही दे रहा हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष २०१९ के अक्तुबर महीने में सौदी अरब की यात्रा की थी। इस दौरे में सौदी के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने भारत में करीबन १०० अरब डॉलर्स निवेश करने का ऐलान कियाथा। पेट्रोकेमिकल्स, ईंधन शुद्धिकरण प्रकल्प, बुनियादी सुविधा, खदान एवं उत्पादन, कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में यह निवेश करने की मंशा सौदी ने व्यक्त की हैं। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी बड़ा लाभ प्राप्त होगा। लेकिन, कोरोना की महामारी की वजह से सभी देशों के आर्थिक कारोबार ठप हुए थे। भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर दिखाई देने लगा था। ऐसी स्थिति में भी भारत में निवेश करने की सौदी की योजना कायम होने का वादा सौदी के राजदूत ने किया।

भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी, भारतीय अर्थव्यवस्था यह क्षमता रखती हैं, यह विश्‍वास भी सौदी के राजदूत अल सती ने व्यक्त किया। साथ ही भारत में निवेश करने की सौदी की योजना में किसी भी तरह के बदलाव नही हुए हैं और यह निवेश ‘ऑन ट्रैक’ होने की बात अल सती ने स्पष्ट की। इसके साथ ही भारत, सौदी का रणनीतक भागीदार देश हैं और नज़दिकी मित्रदेश हैं, यह बात अल सती ने स्पष्ट की। रक्षा क्षेत्र से संबंधित प्रशिक्षण, जानकारी का आदान-प्रदान एवं आतंकवाद विरोधी मुहीम के लिए सहयोग जैसें सभी स्तरों पर भारत और सौदी एक-दुसरें से सहयोग करेंगे, यह बयान अल सती ने किया हैं।

सीधा ज़िक्र ना किया हो, फिर भी भारतीय सेनाप्रमुख की सौदी अरब की यात्रा का अस्पष्ट तौर पर ज़िक्र राजदूत अल सती के बयान में हुआ देखा जा रहा है। इस दौरे में भारत और सौदी अरब के सामरिक स्तर के संबंध अधिक मज़बूत करने का निर्णय होने की बात स्पष्ट हो रही हैं।

दोनों देशों ने रणनीतिक भागीदारी विकसित करने के लिए आयोग गठित करने की तैयारी जुटाई हैं। इस वजह से दोनों देशों के सहयोग के लिए नए क्षेत्र खुले होंगे, यह विश्‍वास अल सती ने व्यक्त किया। इसके साथ ही इस दशक में भारत-सौदी संबंध नई उंचाई पर जा पहुँचें हैं, इस ओर भी अल सती ने ध्यान आकर्षिथ किया। हाल ही में सौदी ने अपने कामगारों से संबंधित कानून में सुधार किया हैं। यह बात भारत और सौदी के आर्थिक सहयोग अधिक मज़बूत करनेवाली साबित होगी, यह विश्‍वास भी अल सती ने व्यक्त किया। सौदी में बड़ी संख्या में भारतीय कामगार मौजूद हैं और अगले दिनों में सौदी में अधिक मात्रा में भारतीय कामगारों को रोजगार प्राप्त हो सकता हैं, ऐसें संकेत अल सती दे रहे हैं।

इसी बीच, सौदी और यूएई समेत खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों के साथ भारत के सहयोग में हो रही बढ़ोतरी खाड़ी क्षेत्र में भारत का बढ़ रहा प्रभाव दिखा रहा हैं। खास तौर पर अगले दिनों में अपनी अर्थव्यवस्था की ईंधन पर बनी निर्भरता कम करने के लिए सौदी एवं खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों की कोशिश हो रही हैं। इस मोर्चे पर विश्‍व में पांचवें स्तर की और दक्षिणी एशिया में पहले क्रमांक की बनी अर्थव्यवस्था हमें काफी बड़ा सहयोग कर सकती हैं, इस बात का अहसास सौदी एवं खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों को हुआ हैं। साथ ही भारत को सबसे अधिक ईंधन की आपूर्ति करनेवालें देशों में सौदी का स्थान पहले क्रमांक पर हैं। इसके कारण भारत के साथ सहयोग अधिक से अधिक मज़बूत करने के लिए सौदी तेज़ी से कदम उठाता हुआ दिख रहा हैं।

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