सौदी की अदालत ने हमास के ६९ सदस्यों को कैद की सज़ा सुनाई

supreme-court-hamas-1रियाध – सौदी अरब की अदालत ने आतंकी हमास संगठन के ६९ सदस्यों को कैद की सज़ा सुनाई है। इनमें हमास के सौदी अरब में नियुक्त पूर्व प्रतिनिधी मोहम्मद अल खुदैरी और उनका बेटा हानी का भी समावेश है। हमास ने इस निर्णय पर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और सौदी की अदालत के आदेश दुर्भाग्यशाली एवं अन्यायी होने की बात कही है। कुछ विश्‍लेषकों ने सौदी का यह निर्णय यानी हमास और ईरान की बढ़ती नज़दिकियों का नतीजा होने का दावा किया है।

सौदी अरब के ‘क्रिमिनल कोर्ट’ ने हमास के ६९ सदस्यों को ३ से २१ वर्ष जेल की सज़ा सुनाई है। इनमें मोहम्मद अल खुदैरी और उनका बेटा हानी समेत जमाल अल-दाहुदी, शरीफ नसरल्लाह, अली अल-शेव्की और अयमान अल-अक्कद का भी समावेश होने की बात हमास ने कही है। सज़ा सुनाए गए इन सदस्यों में पैलेस्टिनी एवं जॉर्डन के नागरिकों का भी समावेश है। सौदी अरब ने वर्ष २०१८ में की हुई एक कार्रवाई के दौरान हमास के कई सदस्यों को हिरासत में लिया था।

supreme-court-hamas-2इसके बाद वर्ष २०१९ से इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस कार्रवाई के बाद सौदी अरब और हमास के ताल्लुकात काफी बिगड़े हैं, ऐसा कहा जा रहा है। कुछ महीने पहले इस्रायल ने गाज़ा में कार्रवाई करने के बाद हमास ने सौदी अरब के साथ दोबारा संबंध सुधारने की गतिविधियाँ शुरू की थीं। बीते महीने हमास के नेता खालेद मेशाल ने सौदी के समाचार चैनल को साक्षात्कार भी दिया था। इसके बाद बीते हफ्ते हमास के प्रमुख इस्माईल हनिया ने हमास के सदस्यों को लेकर सौदी उचित निर्णय करेगा, यह उम्मीद भी जताई थी।

supreme-court-hamas-3लेकिन, सौदी की अदालत के इस निर्णय से हमास की उम्मीद नाकाम होती दिख रही है। सौदी अरब ने अधिकृत स्तर पर इस निर्णय को लेकर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की है। लेकिन, हमास ने इस पर नाराज़गी जताई है। ‘सौदी अरब में रहनेवाले पैलेस्टिनी एवं जॉर्डन के नागरिकों को इतनी बड़ी संख्या में सज़ा सुनाना चौकानेवाली बात है। इनमें से अधिकांश लोगों को सख्त और अन्यायी सज़ा सुनाई गई है और हम इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने उनके लोगों को समर्थन करने का अपना कर्तव्य निभाया। यह करते समय उन्होंने सौदी की हुकूमत के खिलाफ या जनता के खिलाफ कुछ भी नहीं किया था’, ऐसी आलोचना हमास ने की है।

पैलेस्टिन के ‘इस्लामिक जिहाद मुवमेंट’ गुट ने भी सौदी के इस निर्णय का निषेध किया है। येमन के हौथी विद्रोहियों ने भी सौदी के निर्णय की आलोचना की है। इस्रायली हमले के खिलाफ संघर्ष करने से ही हमास के खिलाफ यह कार्रवाई की गई, यह दावा किया गया। सौदी अरब हमास के सदस्यों की रिहाई करे, इसके बदले में हम सौदी के सेना अफसरों को रिहा करेंगे, यह प्रस्ताव हौथी विद्रोहियों ने रखा है।

कुछ दिन पहले ईरान के नए राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम अल रईसी ने अपने पद की शपथ ग्रहण की। उनके शपथ ग्रहण समारोह में हमास के नेता हनिया समेत शिष्टमंडल भी उपस्थित था। इस पर सौदी हुकूमत ने गंभीरता से संज्ञान लिया है और हमास के सदस्यों को सुनाई गई सज़ा इसी का हिस्सा हो सकती है, ऐसा कुछ विश्‍लेषकों का कहना है।

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