सौदी अरेबिया एशियाई ईंधन बाज़ारों में अपना हिस्सा बढ़ाने की कोशिश में

रियाध, दि. १ (वृत्तसंस्था) – एशिया के ईंधन बाज़ार में अपना हिस्सा बढ़ानेवाले रशिया और ईरान को सौदी अरेबिया ने बड़ा झटका दिया है| सौदी की सबसे बड़ी ईंधन कंपनी ‘सौदी ऍराम्को’ ने, एशियाई देशों को आपूर्ति किये जानेवाले ईंधन के दामों में प्रतिबैरल कुल १.६० डॉलर की कटौती की है|

oil-kib(LiveMint)- सौदी अरेबियासाथ ही, अमरीका को निर्यात किये जानेवाले ईंधन में भी २० ते ४० सेंट्स की कटौती की होने की जानकारी दी है| लगातार दो महीनों से सौदी ने, ईंधन की कीमतों में कटौती की होने के कारण, सौदी ईंधन की कीमतों का नया युद्ध छेड़ रहा है, यह बात स्पष्ट हुई है|

पिछले महीने रशिया और ईरान इन देशों ने, ईंधन की निर्यात को बढ़ाने के लिए जोरशोर से कोशिशें शुरू की थीं, इसमें एशियाई बाज़ारों पर विशेष ध्यान दिया गया था| उसके नतीजे अब सामने आने शुरू हुए हैं, जिसमें नये आँकड़ो के हिसाब से इन दोनो देशों ने, सौदी के एशियाई बाज़ार में रहनेवाले प्रभुत्व को धक्का देने की बाते सामने आयी है| इस सिलसिले में, रशिया चीन को ईंधन निर्यात करनेवाला देश बन गया है, लगातार तीन महीनों से रशिया ने चीन को सबसे अधिक ईंधन निर्यात किया है| वहीं, ईरान ने भारत, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान इन चार एशियाई देशों को ईंधननिर्यात बढ़ाई है, ऐसी जानकारी मिली है|

ईरान ने, पिछले साल की तुलना में इन चार देशों को कुल ४७ प्रतिशत अधिक ईंधन निर्यात किया| चार सालों में ईरान द्वारा निर्यात किये गए ईंधन में विक्रमी वृद्धि हुई है| सन २०१५ के नवंबर महीने के बाद केवल सात महीनों में, ईरान ने अपनी निर्यात तीन गुना बढ़ाई है| ईरान और रशिया की बढ़ती निर्यात से सौदी बेचैन हुआ है| एशियाई बाज़ार में चीन, जापान, भारत और दक्षिण कोरिया ये सौदी अरेबिया के प्रमुख ग्राहक जाने जाते हैं| रशिया और ईरान ने इन्हीं देशों में निर्यात बढ़ाने से सौदी ने ईरान के खिलाफ ‘ईंधन युद्ध’ की नया मोर्चा खोल दिया है|

पिछले महीने में सौदी ने, इस बाज़ार के लिए रहनेवालीं ईंधन कीमतो में बैरल के पीछे ४० सेंट्स की कटौती की थी| लेकिन उसके बाद बाज़ार में इसका कोई भी असर देखने को नहीं मिला, जिससे सौदी द्वारा बैरल के पीछे डेढ़ डॉलर की कटौती करने का ऐलान किया गया| सितंबर महीने के लिए होनेवाले ईंधन व्यवहारों के लिए यह कीमत निश्‍चित कर दी गई है, ऐसा ‘सौदी  ऍराम्को’ कंपनी की तरफ से कहा गया है|

सौदी के इस फ़ैसले का असर मुख्य तौर से ईरान और नायजेरिया जैसे देशों पर पड़ सकता है| साथ ही, सौदी के सहयोगी देश माने जानेवाले संयुक्त अरब अमिरात और कई अरब देशों की निर्यात पर भी इसका असर पड़ने का डर है| सौदी के इस फ़ैसले से ईंधन की कीमतों पर भी बड़ा असर देखने को मिलेगा, ऐसा दावा विशेषज्ञों ने किया है|

पिछले महीने में, ईंधन की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहे थे| सौदी और कुछ प्रमुख देशों ने ईंधन उत्पादन में विशेष बढ़ोतरी ना करने के संकेत दिए हैं| लेकिन ईंधन की कीमतों में कटौती करने से उसका असर अन्य देशों पर होने के संकेत मिल रहे हैं|

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