सऊदी और इस्रायल के सहयोग का खाड़ी क्षेत्र को प्रचंड फायदा होगा – सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिन्स फैझल

रियाध – ‘सऊदी और इस्रायल में अगर सहयोग स्थापित हुआ, तो उसका सर्वाधिक लाभ खाड़ी क्षेत्र को मिलेगा। आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा ऐसे सभी स्तरों पर इस्रायल के साथ सहयोग, खाड़ी क्षेत्र के लिए बहुत ही उपयुक्त साबित होगा’, ऐसा दावा सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिन्स फैझल बिन फरहान ने किया। लेकिन यह सहयोग स्थापित होने से पहले, इस्राइल और फिलिस्तीन के बीच शांति प्रक्रिया आगे बढ़नी आवश्यक है, ऐसा बताकर सऊदी के विदेश मंत्री ने इस मोरचे पर सावधान भूमिका अपनाई दिख रही है।

saudi-israel-cooperation-gulfसऊदी के विदेश मंत्री प्रिन्स फैझल ने हाल ही में अमरीका के एक अग्रसर न्यूज़ चैनल से बातचीत की। युएई और बाहरिन की तरह ही, क्या आनेवाले समय में सऊदी भी इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित करेगा, ऐसा सवाल इस इंटरव्यू के दौरान पूछा गया। उसका जवाब देते समय विदेश मंत्री प्रिन्स फैझल ने सऊदी की भूमिका स्पष्ट की।

‘इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित करने के संदर्भ में गतिविधियाँ इससे पहले भी जारी थीं। सन २००२ में अरब शांति योजना के तहत वैसा प्रस्ताव रखा गया था। वहीं, उससे भी पहले सन १९८२ में सऊदी की हुकूमत ने प्रस्तावित की ‘फेज योजना’ में भी इस्रायल के साथ पूर्ण सहयोग स्थापित करने की बात सुझाई गई थी। फिलिस्तीन का मसला सुलझाने के बाद यह सहयोग स्थापित किया जानेवाला था’, ऐसा प्रिन्स फैझल ने कहा।

अब भी सन १९६७ से पहले की फिलिस्तीन की सीमारेखाएँ और उनके अधिकारों को यदि मान्यता मिली, तो सऊदी और इस्रायल में सहयोग स्थापित होगा, ऐसा सऊदी के विदेश मंत्री ने कहा। ‘यदि ऐसा हुआ, तो खाड़ी क्षेत्र अधिक सुरक्षित और समृद्ध हो जाएगा और इसके लिए इस्रायल भी सहायक साबित होगा’, ऐसी प्रतिक्रिया प्रिन्स फैझल ने दी। इतना ही नहीं, बल्कि अगर इस्रायल-फिलिस्तीन शांतिप्रक्रिया सफल हुई, तो इस्रायल और सऊदी में विमान सेवा शुरू होगी और इस्रायली नागरिकों को सऊदी में प्रवेश दिया जाएगा, ऐसा भी प्रिन्स फैझल ने स्पष्ट किया।saudi-israel-cooperation-gulf

पिछले साल सितंबर महीने में अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता से, युएई और बाहरिन इन खाड़ी क्षेत्र के देशों ने इस्रायल के साथ या ‘अब्राहम समझौता’ किया था। उस समय सऊदी ने इस सहयोग का स्वागत किया था। लेकिन फिलिस्तीन का मसला सुलझने के बाद ही सऊदी और इस्रायल में सहयोग स्थापित हो सकता है, ऐसी भूमिका सऊदी ने अपनाई थी। फरवरी महीने में भी अरब लीग की बैठक में विदेश मंत्री प्रिन्स फैझल ने फिलिस्तीन का मुद्दा उपस्थित किया था।

saudi-israel-cooperation-gulfबता दें, फिलिस्तीन का मसला हल हुए बगैर इस्रायल के साथ किसी भी प्रकार का सहयोग स्थापित नहीं होगा, ऐसी सऊदी के अधिकृत भूमिका है। प्रिन्स फैझल ने अमरिकी न्यूज़ चैनल के साथ बातचीत करते हुए भी अपने देश की यह भूमिका रखी। लेकिन ईरान के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर, इस्रायल और सऊदी में खुफिया सहयोग होने की बात भी इससे पहले सामने आई है। अमरीका, ब्रिटेन में होनेवालीं बैठकों के दौरान इस्रायल और सऊदी के अधिकारियों की मुलाकातें हुई होने की खबरें प्रकाशित हुई थी।

वहीं, पिछले साल नवंबर महीने में इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने सऊदी के निओम शहर में क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की होने की खबर अमरिकी अखबार ने प्रकाशित की थी। हालांकि सऊदी ने यह खबर ठुकराई थी, फिर भी इस्रायली नेताओं ने इस खबर की पुष्टि की थी।

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