सरदार सरोवर बांध का प्रधानमंत्रीजी के हाथों उद्घाटन – चार राज्यों को पानी और बिजली मिलेगी

नई दिल्ली: १.२ किमी लम्बे और १६३ मीटर गहरे दुनिया के दूसरे और भारत के सबसे बड़े ‘सरदार सरोवर बांध’ का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों रविवार को उद्घाटन हुआ। इस बांध की वजह से गुजरात के साथ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश अल राजस्थान के किसानों की पानी की समस्या दूर होने वाली है। साथ ही इस बांध से निर्माण होने वाली बिजली का भी इन चार राज्यों को फायदा होने वाला है। यह बांध मतलब अभियांत्रिकी चमत्कार है ऐसा कहकर प्रधानमंत्री मोदी जी ने इसकी तारीफ की है।

सरदार सरोवर बांध५६ साल की प्रतीक्षा के बाद पूरे होने वाले इस बांध की कई खूबियाँ हैं। १९६१ में इस बांध के निर्माण का निर्णय हुआ था और तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के हाथों इस परियोजना की स्थापना का काम हुआ था। लेकिन आवश्यक मंजूरी को मिलने में हुई देरी, इस बांध को हुआ विरोध, उसके बाद कोर्ट की लड़ाई, इन कारणों से यह परियोजना रुक गई थी। इन्ही कारणों की वजह से विश्व बैंक ने भी इस परियोजना को सहायता करने के लिए मना किया था। इन सभी रुकावटों को मात देने के बाद इस बांध का कार्य पूरा हुआ है। रविवार को इस बांध का उद्घाटन करते समय मोदीजी ने पिछले छः दशकों में आई हुई रुकावटों के बाद भी यह बांध निर्माण हुआ है, इस बात पर समाधान व्यक्त किया।

१.२ किमी लम्बे इस बांध को आठ दरवाजे हैं और हर दरवाजे का वजन ४५० टन है। यह दरवाजा बंद होने के लिए एक घंटे का समय लगता है। यह दरवाजे बंद होने के बाद बांध की कुल ऊंचाई १३८ मीटर तक पहुँच जाती है। इस बांध में ४.७३ दशलक्ष क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी का भण्डारण किया जा सकता है। यह बांध १६३ मीटर गहरा है। इस बांध पर दो बिजली निर्माण की परियोजनाएं हैं, जिसमे से एक परियोजना १२०० मेगावाट, तो दूसरी २५० मेगावाट क्षमता की है। इन दोनों परियोजनाओं से करीब ४,१४१ करोड़ यूनिट बिजली प्राप्त होगी। अमरीका के ‘ग्रैंड कौली’ बांध के बाद दुनिया का दूसरे सबसे बड़े बांध के तौर पर ‘सरदार सरोवर’ का नाम लिया जानेवाला है।

बांध के पानी की वजह से गुजरात के ९ हजार गाँव और १८ लाख हेक्टर जमीन पानी के नीचे आनेवाली है। इस बांध की वजह से राजस्थान के बारमेर अल जालोर की २ लाख ४६ हजार हेक्टर जमीन और महाराष्ट्र की ३७ हजार ५०० हेक्टर जमीन सिंचाई के नीचे आएगी। इसके साथ ही बांध से होने वाली बिजली के निर्माण में भी राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को हिस्सा मिलेगा। बांध से निर्माण होने वाली बिजली में से ५७ प्रतिशत बिजली महाराष्ट्र के हिस्से में आने वाली है। साथ ही २७ प्रतिशत बिजली मध्य प्रदेश अल १६ प्रतिशत बिजली गुजरात को मिलने वाली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.