नाटो की गतिविधियों के जवाब के तौर पर रशिया की परमाणु क्षमतावाली ‘इस्कंदर’ प्रक्षेपास्त्रप्रणाली पोलंड की सरहद पर दाखिल

मॉस्को, दि. ९ (वृत्तसंस्था) – रशिया की शक्तिशाली परमाणु अस्त्र की क्षमतावाली प्रक्षेपास्त्र प्रणाली ‘इस्कंदर’ युरोप स्थित कॅलिनिनग्रॅड अड्डे पर दाखिल हो चुकी है| कॅलिनिनग्रॅड अड्डा युरोप में पोलंड की सरहद के पास है और इसमें परमाणु अस्त्रों की जानेवाली तैनाती सनसनीख़ेज घटना साबित हो रही है| पोलंड, अमेरिका और अन्य नाटो सदस्य देशों द्वारा इस पर काफी चिंता जतायी गयी है| लेकिन रशिया ने, ‘इस्कंदर’ की तैनाती यह नियमित रूप से चल रहीं सैनिकी गतिविधियों का हिस्सा होने का दावा किया है| रशिया की यह कार्रवाई यानी अमरीका और नाटो द्वारा युरोप में हो रहीं आक्रामक गतिविधियों को रशिया द्वारा दिया गया क़रारा जवाब मालूम पड रहा है|

 ‘इस्कंदर’युरोपीय अधिकारियों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले रशियन नौसेना का एक जहाज़ ‘इस्कंदर’ प्रक्षेपास्त्र प्रणाली को लेकर कॅलिनिनग्रॅड अड्डे की ओर सफ़र करता हुआ दिखायी दिया था|  नाटो के प्रवक्ता ने भी इसकी पुष्टि की है| अमरीका के युरोपियन कमांड के प्रवक्ता ने भी, ‘इस घटना की जानकारी मीडिया से सामने आ रही है और यह एक ख़राब घटना है, ऐसी प्रतिक्रिया दी है|

रशिया के प्रवक्ता ने, इस्कंदर की कॅलिनिनग्रॅड में हो रही तैनाती यह सैनिकी अभ्यास का हिस्सा होने का दावा किया तथा इससे पहले भी ऐसी तैनाती हुई थी, ऐसा बताया| रशियन अधिकारियों ने आगे कहा कि इसमें नया या अपवाद (एक्सेप्शन) जैसा कुछ नहीं है| लेकिन अमरीका, पोलंड और नाटो द्वारा यह तैनाती गंभीरता से ली जा रही है|

पोलंड के रक्षामंत्री अँटनी मॅसिअरविस्झ ने, यह घटना चौंकानेवाली और चिंताजनक है, ऐसी चेतावनी दी है| लिथुआनिआ ने भी इसकी दखल लेते हुए, यह पश्‍चिमी देशों पर दबाव डालने के प्रयासों का हिस्सा हो सकता है, ऐसा दावा किया| अमरिकी खुफ़िया एजन्सी के अधिकारी ने, कॅलिनिनग्रॅड में हुई रशियन तैनाती यह, पूर्व युरोपीय देशों में सैनिकी सामर्थ्य को बढ़ाने के नाटो के फ़ैसले पर आयी प्रतिक्रिया बताया है|

‘इस्कंदर’ यह रशिया द्वारा विकसित हुई आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और उसमें दो ‘सॉलिड प्रॉपेलंट सिंगल स्टेज गायडेड मिसाईल्स’ शामिल हैं| परमाणु अस्त्रों का वहन कर ले जाने की क्षमतावाले ये प्रक्षेपास्त्र करीब ७०० किलोमीटर दूरी पर की दूरी के लक्ष्य तक पहुँचने की क्षमता रखते हैं| कॅलिनिनग्रॅड में तैनात प्रक्षेपास्त्र, जर्मनी की राजधानी बर्लिन को अपना लक्ष्य बना सकते हैं, ऐसा दावा सूत्रों ने किया है| अमरीका द्वारा युरोप में तैनात किये गये ‘नाटो मिसाईल डिफेन्स’ को यह प्रक्षेपास्त्र प्रणाली चुनौती दे सकती है, ऐसे संकेत अमरिकी अधिकारियों ने दिये हैं|

रशिया द्वारा की गयी ‘इस्कंदर’ की तैनाती के लिए, युरोपीय देशों की, नाटो के साथ बढतीं नज़दिकियाँ ज़िम्मेदार हैं, ऐसा माना जाता है| शुक्रवार को ही फिनलंड और अमरीका के बीच रक्षा सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर हुए होने की जानकारी सामने आयी है| इस समझौते में, ‘न्यूक्लिअर डिफेन्स’ के साथ ही रक्षा विषयक जानकारी की लेनदेन, सायबर सुरक्षा और संयुक्त रूप से सैनिकी संशोधन जैसे मसलों का समावेश है| कुछ महीने पहले, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने युरोप स्थित ‘नॉर्डिक’ देशों की अलग से बैठक बुलाते हुए, सैनिकी और रक्षा विषयक सहयोग बढ़ाने का यक़ीन दिलाया था| यह सहयोग रशिया को रोकने के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होगा, ऐसा दावा भी राष्ट्राध्यक्ष ओबामा द्वारा किया गया था|

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